कर्नाटक में बिहार के लोगों को रोकने की बात अफवाहः सुशील मोदी

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कर्नाटक में बिहार के लोगों को रोकने की बात विपक्ष द्वारा फैलायी गयी महज अफवाह है। यह दावा किया है बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने।
कर्नाटक में बिहार के लोगों को रोकने की बात विपक्ष द्वारा फैलायी गयी महज अफवाह है। यह दावा किया है बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने।

पटना। कर्नाटक में बिहार के लोगों को रोकने की बात विपक्ष द्वारा फैलायी गयी महज अफवाह है। यह दावा किया है बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने। उन्होंने कहा कि बिहार के अनुरोध पर जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने लगीं, तब किसी मजदूर को न कहीं जबरस्ती रोका जा सकता है, न जबरन वापस भेजा सकता है। कर्नाटक में किसी को रोका नहीं गया, इसलिए बेंगलुरू से दो ट्रेनें बिहार आ चुकी हैं। राज्य सरकार ने वापसी के लिए 8 और स्पेशल ट्रेन के लिए स्वीकृति दी है।

मजदूरों को जबरदस्ती रोकने की अफवाह उड़ाने वालों से उन्होंने पूछा कि ऐसा कहने वाले बतायें कि पंजाब से एक भी स्पेशल ट्रेन क्यों नहीं आयी? कांग्रेस बताये कि पंजाब सरकार ने मजदूरों को जबरदस्ती रोका या काम मिलने पर लोगों ने घर वापसी का इरादा छोड़ दिया? कर्नाटक द्वारा बिहार के मजदूरों को रोके जाने की खबरें मीडिया में आने के बाद आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया था।

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मोदी ने कहा कि लाक डाउन-2 में अनेक प्रकार की छूट मिलने से उद्योग-धंधे प्रारम्भ होने लगे हैं, इसलिए कर्नाटक, गुजरात, पंजाब सहित कई राज्यों में मजदूरों को काम मिलने लगा है। बड़ी संख्या में लोग घर के बजाय काम पर लौटने का मन बना चुके हैं।  कर्नाटक सरकार ने श्रमिकों के लिए पैकेज की घोषणा की है। तेलंगाना सरकार के अनुरोध पर खगड़िया से 222 मजदूर चावल मिलों में काम करने के लिए खगड़िया से तेलंगाना रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि लाक डाउन ने विकसित राज्यों को बिहार की श्रम शक्ति का एहसास करा दिया है।

मोदी ने बताया कि हिसार से बिहार के 1200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल किशनगंज के लिए रवाना हुई है। हम सभी मजदूरों का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस ने राष्ट्रमंडल खेल से लेकर कोल ब्लाक आवंटन तक दस साल में अरबों रुपये के घोटाले किये, वह गुजरात से लौटने वाले 1185 छात्रों-मजदूरों के किराये में मात्र 6 लाख 82 हजार 750 रुपये चुकाने को सोनिया गांधी की महान कृपा बता रही है। जिनके संस्कार भारतीय हैं, वे अपने उपकार-सहायता का प्रचार नहीं करते।

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