बिहार में कुशवाहा ने बनाया खीर तो नीतीश ने पका दी खिचड़ी

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बंगाल का वोटर सूपड़ा साफ़ करने से पहले प्रचंड समर्थन देता है। 2006 में ममता बनर्जी को 30 सीटें मिली थीं। लेफ्ट फ्रंट को भारी बहुमत से जीत मिल गयी थी।
बंगाल का वोटर सूपड़ा साफ़ करने से पहले प्रचंड समर्थन देता है। 2006 में ममता बनर्जी को 30 सीटें मिली थीं। लेफ्ट फ्रंट को भारी बहुमत से जीत मिल गयी थी।

पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) नेता उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार से बिदके हुए हैं। उनकी खुन्नस की वजह है। वह लव-कुश को लेकर खीर बना रहे थे, बिरादरी को खिला रहे थे और दावा कर रहे थे कि जमात उनके साथ है। इधर नीतीश कुमार ने बिरादरी को अपने आवास पर बुला कर उनको चुनावों में उचित प्रतिनिधित्व का लालीपाप थमा कर खुशी-खुशी विदा कर दिया। उपेंद्र कुशवाहा तो एनडीए के साथ रह कर 3 सीटों पर काबिज हो गये, पर नीतीश कुमार तो अकेले 2014 में लड़ कर 2 सीटों पर ही सिमट गये थे।

वैसे नीतीश और उपेंद्र कुशवाहा की आपसी खुन्नस जगजाहिर है। खुन्नस के कारण ही दोनों के रास्ते जुदा हुए थे। लोकप्रियता का ग्राफ नीतीश कुमार का ज्यादा है या उपेंद्र कुशवाहा का, यह समझने के लिए 2014 का पार्लियामेंट्री इलेक्शन का परिणाम ही काफी है। अलग-अलग और अपने दम पर दोनों के दल- जदयू और रालोसपा ने चुनाव लड़ा था। उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को 3 सीटों पर जीत मिली, जबकि नीतीश कुमार 2 पर ही सिमट कर रह गये।

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नीतीश कुमार की खासियत यह रही है कि राज्य का विधानसभा चुनाव हो या देश का लोकसभा चुनाव, साथी के बिना उनकी नैया कभी पार नहीं हुई है। 2005, 2010 और 2015 के चुनाव वह दो बार भाजपा के साथ तो एक बार राजद के साथ मिलकर ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे और मुख्यमंत्री बने। अपने बूते 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने लड़ा और महज 2 सीटों पर सिमट कर रह गये।

उपेंद्र कुशवाहा 2014 के चुनाव में एनडीए के साथ जुड़े तो अब तक बने हुए हैं। आगे भी वह एनडीए के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव तक बने रहेंगे, इसकी सौ फीसदी गारंटी है। हां, 2020 के विधानसबा चुनाव का परिदृश्य बदल सकता है। ऐसा इसलिए कि सीटों के तालमेल में मामला अंटक सकता है। कुशवाहा और नीतीश का जातीय आधार एक ही है। दोनों अपने हित की सीटें चाहेंगे, अपनी बिरादरी का ख्याल टिकट बंटवारे में रख सकते हैं। टकराव के इस बिंदु पर कुशवाहा नयी राह अपना लें या नया ठौर तलाश लें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।

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