चीनी मिलों का मोलासिस फैक्टरियों के लिए बन गया है सिर दर्द

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गोपालगंज (सत्यप्रकाश)। बिहार की 10 चीनी मिलों में 22 लाख 54 हजार 675 क्विंटल मोलासिस का अबतक उठाव नही होने के कारण इस वर्ष नवम्बर माह मे गन्ने की पेराई के सत्र को शुरू करने को लेकर मिल का प्रबंधन सकते में है तो किसानों की नराजगी भी कम नही है। यूं तो गोपालगंज जिले की 4 चीनी मिलों में हथुआ सुगर मिल और सासामुसा सुगर मिल बंद हो गयी हैं।

जिले में अब दो ही चीनी मिलें भारत सुगर मिल और विष्णु सुगर मिल चालू हाल में हैं। पेराई सत्र 2017-18 में पेराई के दौरान जो मोलासिस निकला, वह फैक्ट्री के टैंको में भरा पड़ा है। भारत सुगर मिल सिधवलिया के महाप्रबंधक बलवंत सिंह ग्रेवाल कहते हैं कि बिहार की चीनी मिलों में उत्पादित छोआ (मोलासिस) बाइस लाख क्विंटल से अधिक टैकों में पड़ा है, जिसका उठाव नहीं हो रहा। ऐसे में मिल और किसान दोनों के नुकसान का अंदेशा है।  बिहार में इन सुगर मिलों- भारत सुगर मिल सिधवलिया, विष्णु सुगर मिल हरखुआ, नरकटियागंज सुगर मिल, हसनपुर सुगर मिल, हरिनगर सुगर मिल, रीगा सुगर मिल, मझौलिया सुगर मिल, बगहा सुगर मिल, लौरिया सुगर मिल और सुगौली सुगर मिल प्रबंधन द्वारा मोलासिस का उठाव कराने हेतु कई बार पत्र लिखे गये, पर कोई ठोस पहल नहीं हो सकी और मोलासिस मिल के टैंकों में पड़ा रह गया। अतिरिक्त टैंकों की व्यवस्था करना  टेढी खीर है।

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मिल चलाने में कठिनाई स्वभाविक है। इधर किसान भी यह खबर अखबारों में पढ़ कर सन्न हैं। उनका भी आक्रोश स्वाभाविक है। उनकी मानें तो अन्य वर्ष से अलग इस बार ईंख की फसल उम्दा है। अगर किसानों के गन्ना पेराई में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न होता है तो वे आंदोलन करने से बाज नही आयेंगे।

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