खबर का असर : मनपौर के पैक्स अध्यक्ष और बैंक मैनेजर पर FIR

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पटना। मधुबनी जिला के बेनीपट्टी प्रखंड स्थित मनपौर पैक्स अध्यक्ष ललन झा और दि रहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक अजय कुमार मिश्र पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। इन पैक्स के सदस्यों पर किसान क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग समेत अलग-अलग धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। sarthaksamay.com पर रिपोर्ट पब्लिश होने के अगले ही दिन बेनीपट्टी थाना ने किसानों के नाम पर धोखाधड़ी कर के करोड़ों रुपये की निकासी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली।

इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 34 लगायी गयी है। प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी (बीसीइओ) मिथिलेश कुमार के बयान पर बेनीपट्टी थाना ने प्राथमिक दर्ज की। मिथिलेश कुमार ने थाना में दिये लिखित आवेदन में कहा है कि मनपौर गांव के मिथिलेश झा (पुत्र श्री मोहित कांत झा, ग्राम+पोस्ट : मनपौर, वाया : खिरहर, जिला मधुबनी) ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास शिकायत की थी कि उनके नाम पर पैक्स अध्यक्ष ने फर्जी निकासी की है।

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तत्कालीन बीसीइओ अवधेश कुमार ठाकुर ने इस मामले की जांच की और मिथिलेश झा की शिकायतों को सही पाया। बीसीइओ अवधेश कुमार ठाकुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) ने बीसीइओ को मनपौर के पैक्स अध्यक्ष ललन झा और सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अजय कुमार झा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया।

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पैक्स अध्यक्ष ललन झा ने मीडिया से कहा कि गलती से उन्होंने कागजात पर दस्तखत कर दिये थे। हालांकि, वह इस बात का जवाब नहीं दे पाये कि साल में दो-दो बार और नौ साल तक वह एक ही गलती बार-बार कैसे दोहराते रहे।

हो सकती है उम्रकैदः कृषि ऋण और फसल बीमा के नाम पर कुछ ही वर्षों में करोड़ों की कमाई करने वाले मनपौर के पैक्स अध्यक्ष ललन झा और रहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की बेनीपट्टी शाखा के शाखा प्रबंधक अजय कुमार झा को उम्रकैद की सजा तक हो सकती है। उनके खिलाफ जो धाराएं लगायी गयी हैं, उनमें कम से कम सात साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। इन सभी धाराओं में जुर्माना का भी प्रावधान है।

इंडियन पैनल कोड (आइपीसी) की धारा 420, 467, 468, 471 और 34 के तहत दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इसमें धारा 467 के तहत न्यूनतम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। दोषी लोगों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। धारा 420 के दोषी पाये गये लोगों को सात साल तक की सजा हो सकती है। पैक्स अध्यक्ष और बैंक के शाखा प्रबंधक पर धोखाधड़ी और बेईमानी की धाराएं लगायी गयी हैं।

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