RTPS काउंटर से बिहार में पंचायत सरकार भवन की बढ़ेगी उपयोगिता  

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  • राज्य की 8401 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने की योजना
  • 1055 नए पंचायत सरकार भवन संबंधित पंचायतों को सौंप जा चुके हैं
  • जाति, आय और आवासीय प्रमाणपत्र पंचायत भवन में ही उपलब्ध होंगे

पटना। आम लोगों की सहूलियत के लिए सरकार द्वारा पूर्ण निर्मित पंचायत सरकार भवनों में आरटीपीएस का एक काउंटर स्थापित किये जाने का निर्देश जारी कर दिया गया है। उक्त काउंटर का संचालन पंचायती राज विभाग द्वारा सृजित कार्यपालक सहायकों के संविदात्मक पद पर नियोजित कार्यपालक सहायक के द्वारा किया जायेगा। जाति, आय और आवासीय सर्टिफिकेट के आवेदन को ऑनलाइन कराने की जिम्मेवारी कार्यपालक सहायक की होगी। कार्यपालक सहायक ही आवेदक को सीओ द्वारा निर्गत प्रमाणपत्र का प्रिंट उपलब्ध कराएगा। इस वजह से अब आम लोगों को जति, आय, आवासीय प्रमाणपत्र के लिए प्रखंडों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, क्योंकि यह सेवा पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध हो जाएगी।

बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम अंतर्गत सामान्य प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सेवाएं जैसे– जाति, आय एवं आवासीय प्रमाण पत्र (केवल ऑनलाइन) से सम्बंधित आवेदन पत्र को कार्यपालक सहायक द्वारा आरटीपीएस ऑनलाइन के निर्धारित लिंक से ऑनलाइन जमा किया जायेगा तथा जमा किये गए ऑनलाइन आवेदन की पावती को प्रिंट कर नागरिकों को उपलब्ध कराया जायेगा।

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अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जाति, आय एवं आवासीय प्रमाण पत्र आरटीपीएस ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड किये जाते हैं। आवेदक के द्वारा मांग किये जाने पर इनको डाउनलोड और प्रिंट कर निर्धारित पहचान पत्रों से पुष्टि कर कार्यपालक सहायक द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क होगी।

ग्रामीण विकास में पंचायती राज संस्थाओं का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। गाँव के विकास के बिना किसी भी राज्य और देश के विकास के बारे में कल्पना नहीं की जा सकती और इसी तथ्य को ध्यान में रख कर बिहार सरकार भी पंचायती राज संस्थाओं को विकसित और सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। पंचायत सरकार भवन का निर्माण इसी प्रयास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

राज्य के सभी 8401 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने की योजना है। पहले चरण में 1201 पंचायतों में भवन बनना था। इसमें से 1062 बन कर तैयार हो गया है तथा कुछ में काम भी होने लगा है। 1055 पंचायत सरकार भवन, जो बन कर तैयार थे, सम्बंधित पंचायतों को सौंप दिए गए हैं। पंचायत सरकार भवन के लिए पंचायती राज विभाग ने पांच-पांच लाख रुपये के फर्नीचर उपलब्ध कराये थे। इसके अतिरिक्त वहां कंप्यूटर की सुविधा भी उपलब्ध करायी गई है।

चालू वित्तीय वर्ष में विश्व बैंक की सहायता से 330 पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो रहा है। इसमें सभी का टेंडर हो चुका है और 132 का निर्माण शुरू हो चुका है तथा सरकार के योजना एवं विकास विभाग का प्रयास है कि इसी वित्तीय वर्ष में इन सभी भवनों का निर्माण पूरा हो जाये। एक पंचायत भवन के निर्माण के लिए 1.44 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

बिहार पंचायत अधिनियम, 2016 के अनुसार बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली में सबसे निचले स्तर पर ग्राम पंचायत, प्रखंड स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद होते हैं। ग्राम पंचायत के अध्यक्ष को मुखिया, पंचायत समिति के अध्यक्ष को प्रमुख और जिला परिषद प्रमुख को अध्यक्ष कहा जाता है। अभी बिहार में 38 जिला परिषदों के आलावा 534 पंचायत समितियां और 8,391 ग्राम पंचायत मौजूद हैं। औसत सदस्य संख्या ग्राम पंचायतों के मामले में 14 है, जबकि पंचायत समितियों के मामले में 22 और जिला परिषदों के मामले में 31 हैं। तीनों में से प्रत्येक स्तर पर सदस्यों के चुनाव के मामले में अनुसूचित जातियों के लिए 16 प्रतिशत और अति पिछड़ी जातियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। दूसरे, हर जातिगत श्रेणी (सामान्य, अति पिछड़ी जातियां और अनुसूचित जातियां) में महिला सदस्यों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण है। पंचायती राज संस्थाओं का सबसे हाल का चुनाव अप्रैल-मई 2016 में हुआ था, जिसमें बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की निगरानी में 2.16 लाख सदस्य चुने गए थे।

राज्य में 2020 तक सुशासन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने सात निश्चय किए हैं। इनमें से दो निश्चयों का क्रियान्वयन पंचायती राज विभाग द्वारा किया जाता है। जिनमें से पहला है मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना, जिसका क्रियान्वयन उन वार्डों में किया जाता है, जहाँ पानी आर्सेनिक, फ्लोराइड या आयरन से अत्यंत संक्रमित हैं। पानी की ऐसी जरूरत 70,182 वार्डों में महसूस की गई है और इसकी व्यवस्था बोरिंग, समर्सिबल पंप और वितरण पाइपलाइन के जरिए की जा रही है।

पंचायती राज द्वारा क्रियान्वयन में लायी जाने वाली दूसरी महत्वपूर्ण योजना है मुख्यमंत्री ग्रामीण गली–नाली पक्कीकरण योजना। इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा गांवों में पक्की नालियों और गलियों का निर्माण वार्ड इम्प्लीमेंटेशन एवं मॉनिटरिंग यूनिट द्वारा कराया जा रहा है। योजना का लक्ष्य 2019-20 तक सारे गांव-टोलों का आच्छादन करना है। इसका क्रियान्वयन  8,391 ग्राम पंचायतों के 1,14,732 वार्डों में किया जायेगा।

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पंचायती राज भवन की सुविधाओं को सुचारू रूप से उपलब्ध करने के लिए कर्मियों की सेवा भी दी गई है। इन भवनों के लिए एक एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट उपलब्ध कराया गया है। पूर्ण रूप से पंचायत सरकार भवन कार्यशील हो जाने पर अब पंचायत सचिव, हलका कर्मचारी, विकास मित्र, ग्राम कचहरी सचिव, कृषि सलाहकार, समन्वयक आदि इसी भवन में बैठेंगे। पंचायती राज व्यवस्था के तहत निर्वाचित प्रतिनिधियों का दफ्तर भी इसी भवन से कार्य करेगा।

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ग्रामीणों की सुविधा के लिए पंचायत सरकार भवन में पंचायती राज विभाग द्वारा आईटी सेंटर भी स्थापित किया जायेगा, जिसके लिए सरकार द्वारा राशि की भी व्यवस्था कर दी गई है। पंचायत सरकार भवन में बैंक के लिए भी जगह उपलब्ध करायी गई है। अगर कोई बैंक अपनी शाखा खोलना चाहे तो पंचायत सरकार भवन में उसे जगह उपलब्ध करायी जा सकती है।

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