बिहार ने वैट घटाया, 2.50 रुपये सस्ता होंगे डीजल और पेट्रोल

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नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।
नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।
  • सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर वैट की दर घटाई
  • पेट्रोल 52, डीजल 2.55 रुपये प्रति लीटर सस्ता

पटना मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने वैट दर घटाकर पेट्रोल एवं डीजल के दामों में कमी करते हुए आम जनता को बड़ी राहत दी है। सरकार ने पेट्रोल पर वैट की दर को 26 प्रतिशत से घटाकर 22.20 प्रतिशत तथा हाई स्पीड डीजल पर वैट दर को 19 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। वैट दर घटाने से पेट्रोल 2.52 रूपये प्रति लीटर और डीजल 2.55 रूपये प्रति लीटर सस्ता हो जायेगा। बिहार सरकार पहले से किसानों के लिए डीजल अनुदान दे रही है।

डीजल अनुदान योजना में पारदर्शिता से किसानों को मिल रहा लाभ 

सस्ते खाद,बीज और कृषियंत्र उपलब्ध होने के बावजूद किसानों की सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की होती है, क्योंकि इसके बगैर फसल उत्पादन की कल्पना नहीं की जा सकती है। आज भी किसान ज्यादातर सिंचाई के लिए वर्षा जल पर आश्रित रहते हैं। भौगोलिक विषमता की वजह से नदी, नहर, तालाब की सुविधा हर जगह एक सामान नहीं है, जिसकी वजह से किसानों को सिंचाई के लिए टयूबवेल, बोरिंग की व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ता है। पम्पिंग सेट चलाने, खेती या ढुलाई के लिए ट्रैक्टर का उपयोग करने के लिए डीजल की आवश्यकता सबसे ज्यादा पड़ती है। लगातार बढ़ रहे डीजल के दाम किसानों की आय और उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। डीजल के बढ़ते दाम से किसानों को राहत देने के लिए ही सरकार द्वारा डीजल अनुदान योजना चलायी जा रही है।

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किसानों की आय बढ़ाने और उनकी उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिसका लाभ उठा कर किसान निरंतर अपनी आय और उत्पादन में वृद्धि कर रहे हैं। डीजल अनुदान योजना, मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना, कृषि इनपुट अनुदान योजना इत्यादि ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनसे किसानों को सीधा लाभ मिलता है।

किसानों के लिए डीजल अनुदान की योजना सरकार द्वारा 10 साल पहले शुरू की गई थी। प्रारंभ में अनुदान के लिए ज्यादा राशि आवंटित होती थी, लेकिन राशि खर्च नहीं होने के कारण आवंटन की राशि धीरे-धीरे कम होती गई। यह राशि सिमट कर पिछले वर्ष और इस वर्ष 60 करोड़ रुपये ही रह गई। पिछले वर्ष भी 60 करोड़ की आवंटित राशि में 57 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाये थे।

सरकार द्वारा किसानों की जरूरतों और डीजल के बढ़ते दाम को देखते हुए इस वर्ष डीजल अनुदान की राशि 35 रुपये से बढ़ाकर 50 रूपये प्रति लीटर कर दी गयी। राशि बढ़ने की वजह से भी इस वर्ष इस योजना के प्रति किसानो की रूचि ज्यादा बढ़ी है। डीजल अनुदान के लिए राज्य सरकार हर वर्ष लगभग 60 करोड़ रुपये आवंटित करती है। इस साल भी सरकार द्वारा इतनी ही राशि दी गई थी, लेकिन प्रक्रिया और सरल और पारदर्शी होने के साथ-साथ तय समय सीमा के अंदर भुगतान होने से दो महीने के अंदर ही आवंटित राशि 60 करोड़ में से 57 करोड़ रूपये खर्च हो गए।

किसानों के लिए डीजल अनुदान योजना में सरकार द्वारा इस वर्ष प्रक्रिया और सरल करने तथा पारदर्शिता लाने से किसानों में इसके प्रति उत्सुकता बढ़ी और ज्यादा से ज्यादा किसानों ने इसका लाभ उठाया। डीजल अनुदान से इस वर्ष अभी तक लगभग 5 लाख 41 हजार किसानों को इसका लाभ मिला है। इस वर्ष नयी व्यवस्था के अंदर हर हाल में किसानों के खाते में 25 वें दिन डीजल अनुदान की राशि पहुँच जानी है। नयी व्यवस्था के अनुसार अनुदान योजना को पूरी तरह पारदर्शी बना देने और प्रति लीटर अनुदान राशि बढ़ा देने से किसानो की रुचि बढ़ी है।

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