प्रशांत किशोर राज्यसभा जाएंगे, यशवंत की भी लग सकती है लाटरी !

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बिहार के प्रशांत किशोर बंगाल से राज्यसभा जाएंगे। उनके साथ लंबे वक्त से राजनीतिक वनवास झेल रहे यशवंत सिन्हा ती किस्मत भी खुल सकती है।
बिहार के प्रशांत किशोर बंगाल से राज्यसभा जाएंगे। उनके साथ लंबे वक्त से राजनीतिक वनवास झेल रहे यशवंत सिन्हा ती किस्मत भी खुल सकती है।

कोलकाता। प्रशांत किशोर बंगाल से राज्यसभा जाएंगे। बिहारी प्रशांत किशोर के साथ लंबे वक्त से राजनीतिक वनवास झेल रहे यशवंत सिन्हा ती किस्मत भी खुल सकती है। यशवंत सिन्हा झारखंड से आते हैं। वे देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं। प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति की बंगाल में अपार सफलता के बाद उन्हें पार्टी यह उपहार दे सकती है। दोनों को तृणमूल कांग्रेस अपने कोटे से राज्यसभा का सदस्य बना सकती है। बंगाल के राजनीतिक गलियारे में इस बात की जोरदार चर्चा है।

इसके लिए तृणमूल कांग्रेस को अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। एक सीट दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से खाली हुई थी। दिनेश त्रिवेदी ने चुनाव के पहले तृणमूल से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन की थी। इसके साथ ही उन्होंने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था। मानस भुइयां भी राज्यसभा के सदस्य थे, लेकिन वे सबंग से विधायक निर्वाचित हुए हैं। इससे एक सीट उनकी भी खाली है। इन्हीं दो सीटों में एक पर प्रशांत किशोर और दूसरे पर यशवंत सिन्हा को भेजे जाने की चर्चा है। मानस भुंइया को राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिलने की प्रबल संभावना है।

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इधर ममता बनर्जी ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सहयोगियों के चयन का काम आरंभ कर दिया है। पिछले अनुभवों को देखते हुए वह इस बार फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती हैं। ममता मंत्रिमंडल में अमित मित्रा को पुनः वित्त मंत्री बनाये जाने की संभावना है। रविवार को वे शपथ ले सकते है। इस बार मित्रा ने चुनाव नही लड़ा था। ममता बनर्जी ने चुनाव के पहले वादा किया था कि सरकार बनने पर विधान परिषद का गठन किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो विधान परिषद के माध्यम से कई लोग पार्टी में विधायक जैसा रुतबा हासिल कर सकते हैं। इसका दूसरा लाभ यह होगा कि जिन लोगों को ममता मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहेंगी, उन्हें विधान परिषद के माध्यम से सदन में लाया जा सकता है।

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद 8 मई को बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होगा। इसी सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। आज और कल विधायकों के शपथ ग्रहण का सिलसिला चलेगा। इधर कोलकाता के 132 वार्डों में चुनाव में तृणमूल बढ़त पर रही। भाजपा की लीड घटकर अब सिर्फ 12 पर रह गयी है। लोकसभा चुनावों में भाजपा 51 पर आगे थी। शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि बुरी से बुरी हालत में भी भाजपा को 100 से अधिक सीटें जीतनी ही थी। वह टुनाव आयोग से सभी ईवीएम की पुनर्गणना की मांग करेंगे। शुभेंदु अधिकारी भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं। उनका नाम सबसे आगे चल रहा है।

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