रांची। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब गरीबी इलाज में बाधा नहीं बनेगी। गरीब भी सम्मान के साथ अपना इलाज करा पाएँगे। देशभर में गरीबों का 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कराया गया है। आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत हो रही है। इस योजना से देश की लगभग 50 करोड़ की आबादी को लाभ होगा। अब लोगों को इलाज में एक पैसा ख़र्च नहीं करना पड़ेगा। सरकार लोगों का मुफ़्त में इलाज करवाएगी। प्रधानमंत्री ने रविवार को झारखंड की राजधानी राँची से विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना (आयुष्मान भारत) प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कोडरमा एवं चाईबासा में बननेवाले राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय का भी शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने सभी झारखण्डवासियों को जोहार कर कहा कि आज मुझे गर्व है कि मैं भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर आयुष्मान भारत का शुभारम्भ कर रहा हूँ। आज हम सभी देशवासी आयुष्मान भारत के शुभारंभ के साक्षी बन रहे हैं। यह योजना आने वाले दिन में मानव सेवा के लिए इतिहास रचेगा। उन्होंने कहा कि वर्षों पहले ऋषि मुनियों ने सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामयाः का जो सपना देखा था, वह आज पूरा हो रहा है। विकास की राह में समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को योजना का लाभ मिले, इसलिए भगवान बिरसा मुंडा की धरती से ही इसकी शरूआत की जा रही है। देश और दुनिया का ध्यान आज झारखण्ड की धरती पर है। देश के 400 जिलों में ऐसे कार्यक्रम चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां दो मेडिकल कॉलेजों का भी शिलान्यास हुआ है। आजादी के 70 वर्ष बाद भी झारखण्ड में कुल 350 छात्रों की क्षमता वाले मात्र तीन मेडिकल कॉलेज थे। लेकिन पिछले चार वर्ष में 5 नए मेडिकल कॉलेज झारखंड को मिले हैं। इसके बाद कुल 1200 सीटें होंगी। उन्होंने कहा कि आज आयुष्मान योजना के अन्तर्गत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुरुआत हुई है। लोग अलग-अलग नाम से इसे पुकार रहे हैं, लेकिन मेरे लिए यह दरिद्र नारायण सेवा है, गरीबों की सेवा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना है। पूरे दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी भी देश में नही चल रही थी। उन्होंने कहा कि पूरे यूरोपियन यूनियन के आबादी के बराबर तथा अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको की पूरी आबादी के बराबर भारत मे 50 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना एक गेम चेंजर की तरह है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में दुनिया भर में मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले लोग, आरोग्य के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को, सोशल, अर्थ शास्त्र आदि के विशेषज्ञों को भारत की इस योजना पर रिसर्च करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की इतनी बड़ी योजना, जिसकी कल्पना से लेकर कार्यान्वयन करने तक की यात्रा सिर्फ 6 महीने में पूरी की गयी। साथ ही 50 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिले, इसके लिए 13 हजार अस्पतालों को जोड़कर 6 महीने के भीतर-भीतर इतनी बड़ी योजना आज धरती पर ले आना ये अपने आप में एक बहुत बड़ा अजूबा है। और, इस योजना को मूर्त रूप देने में इस पूरी टीम को आज सार्वजनिक रूप से सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामने जी भर के बधाई देता हूँ। मुझे विश्वास है कि ये टीम अब और अधिक ताकत और समर्पण के साथ काम करेगी। अब 50 करोड़ गरीबों का आशीर्वाद उनके साथ है। उन्होंने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि देश के किसी गरीब के परिवार पर बीमारी और इलाज की ऐसी कोई अवस्था न आये और अगर आयेगी तो इस योजना से उनको लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आज स्वास्थ्य बीमा का लाभ केवल अमीर लोगो तक सीमित नहीं है बल्कि अब गरीब जनता को भी स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।
श्री मोदी ने कहा कि इस योजना का ट्रायल देश के कई हिस्से में चल रहा है और सफल हुआ है। उन्होंने बताया कि झारखण्ड में आज 10 हेल्थ वेलनेस सेंटर की शुरुआत हुई है। बाबा साहब की जयंती से छत्तीसगढ़ के बस्तर से हेल्थ वेलनेस सेंटर की शुरूआत हुई थी और आज दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के उपलक्ष्य में यह योजना शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र कवि दिनकर की जयंती है। इसलिए महाकवि के आशीर्वाद के साथ समाज के हर वर्ग को एक करने के लिए और गरीबों के हित के लिए यह योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि इलाज सिर्फ कुछ लोगों तक सीमित न हो, बल्कि इसका लाभ हर व्यक्ति को मिले। उन्होंने कहा कि इलाज में पहले व्यक्ति की सारी जमा पूंजी खत्म हो जाती थी। हर वर्ष लाखों लोग गरीबी से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं, लेकिन, एक बीमारी उनको फिर गरीबी में धकेल देती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबी हटाओ का नारा आजादी से समय से ही लोग सुनते रहे हैं। लेकिन गरीबी हटाने के नाम की माला जपने वाले लोग गरीबी के नाम पर राजनीति करते रहे। अगर पूर्व की सरकारों ने इस विषय पर सोचा होता तो आज भारत की यह स्थिति नही होती। *पूर्व के सरकारों की यह सोच थी कि गरीब मांगता है। लेकिन मैं कहता हूं कि गरीब स्वाभिमानी होता है।* मैंने भी गरीबी को जीया है और उसके स्वाभिमान को जानता हूँ। उन्होने कहा कि मैं गरीबो के सम्मान के लिए गरीबी की बीमारी के जड़ को पकड़ा। पिछले कुछ वर्ष में 5 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर आये है। उन्होंने कहा कि गरीब को जब कुछ मिलता है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होने कहा कि गाँव मे जन्म लिए युवा और युवती आज खेल में मेडल ला रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा मंत्र सबका साथ सबका विकास का है। *यह योजना किसी जाति, धर्म, समुदाय, ऊंच नीच पर आधारित नही है। इसका लाभ हर किसी को मिलेगा।*
पीएम ने कहा कि 1300 से अधिक बीमारियों को इस योजना में शामिल किया गया है। 5 लाख तक का खर्च भर्ती, इलाज और जांच के लिए दिया जाएगा। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सभी लाभुकों को इस योजना का लाभ मिल सके इसका इंतजाम भी सरकार ने किया है। सब को टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 14555 पर इस योजना की सारी जानकारी ले सकते है। देश भर में पर भी इसकी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से जुड़े सभी कर्मचारी आपको हर सम्भव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना एक नए भारत का निर्माण करेगा। आने वक्त में और भी अस्पतालों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होने कहा कि जो अस्पताल खास कर ग्रामीण क्षेत्र के बेहतर सुविधा देंगे उनको सरकार मदद भी देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 10 हेल्थ वेलनेस सेंटर शुरू हो रहा है। इन सेंटर में छोटी बीमारी का इलाज होगा और जांच भी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश की सरकार नीति के साथ काम कर रही है। सरकार के योजनाओं में बीमारी से दूर रहने की योजना को भी सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज भारत स्वस्थ भारत की तरफ बढ़ रहा है। राष्ट्रीय पोषण के जरिए बच्चों को शुरुआत से ही स्वस्थ बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उच्च कोटि के अस्पतालों का भी निर्माण होगा। इससे रोजगार की भी संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि देश में पिछले 4 साल में 14 नए एम्स का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि झारखंड के कोडरमा और चाईबासा में लगभग 400 बेड का अस्पताल 600 करोड़ रुपये से बनेगा।
उन्होंने कहा कि दीनदयाल जी कहते थे कि शिक्षा और स्वास्थ्य में होने वाले खर्च नही निवेश होता है। उन्होंने कहा कि इस योजना से जुड़े आरोग्य मित्र, एएनएम और अन्य लोगो की मदद से स्वस्थ भारत का निर्माण कर सकते है। प्रधानमंत्री ने आरोग्य भारत का नारा देते हुए कहा कि पिछले 4 वर्षों में 25 हजार से अधिक नये डाक्टर के सीट बढ़ाये गए हैं और आने वाले 4 वर्षो में एक लाख डॉक्टर प्रति वर्ष देश के लिये उपलब्ध होंगे।
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