आनलाइन पंजीकृत 1.20 करोड़ किसानों के खाते में जा रही राशि

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मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित कृषि प्रक्षेत्र के लोगों के साथ बजट पूर्व परिचर्चा में उपमुख्यमंत्री।
मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित कृषि प्रक्षेत्र के लोगों के साथ बजट पूर्व परिचर्चा में उपमुख्यमंत्री।

पटना। आनलाइन पंजीकृत बिहार के 1.20 करोड़ किसानों के खाते में योजनाओं की राशि भेजी जा रही है। आपदा प्रभावित 18.85 लाख किसानों को कृषि इनपुट राशि भेजी गयी है। बजट पूर्व परिचर्चा की पांचवी बैठक में कृषि प्रक्षेत्र से जुड़े किसानों व विभिन्न कृषक संघों के प्रतिनिधियों से उनके सुझाव व विचार सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के 1.20 करोड़ किसानों को विभिन्न योजनाओं की राशि सीधे आधार से जुड़े उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है। असामान्य मानसून व प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 18.85 लाख किसानों के बैंक खाते में दो वर्षों में 1157.21 करोड़ रुपये की कृषि इनपुट सब्सिडी दिए गए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत अगले 5 वर्षों (2019-20 से 2023-24) के लिए 60.50 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इस साल 8 जिलों गया, नवादा, नालंदा, भागलपुर, बांका, मुंगर, खगड़िया एवं मधुबनी के 40 गांवों मंे सीधे कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में 1,442 एकड़ में मौसम अनुकूल फसल चक्र को अपनाया गया है तथा अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 में इसे सभी जिलों में लागू किया जायेगा।

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जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत अगले तीन वर्षों के लिए 155.88 करोड़ का प्रावधान किया गया है। किसानों को जैविक इनपुट के लिए 11,500 रु. प्रति एकड़ की दर से अग्रिम अनुदान दिया जायेगा। इस साल 21,000 एकड़ में जैविक खेती का लक्ष्य है।

नए कृषि यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए 81 प्रकार के कृषि सयंत्रों पर 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 163.51 करोड़ का प्रावधान किया गया है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों पर सामान्य श्रेणी के किसानों को 75 प्रतिशत तथा अत्यंत पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसके साथ ही बिहार के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा बनाए गए यंत्रों पर किसानों को 10 प्रतिशत अधिक अनुदान तथा यंत्रों के परीक्षण में लगने वाले शुल्क की शत-प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।

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परिचर्चा में शामिल गन्ना, आम, केला, ड्रेगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, मशरूम, शहद, पान, दलहन, सब्जी आदि की खेती से जुड़े दो दर्जन से अधिक किसानों व सहकारी समिति के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव व विचार प्रस्तुत किए। बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार व सचिव एन सरवण सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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