माइनारिटी को नीतीश का वादा, बिहार में उर्दू के 106 शिक्षक होंगे बहाल

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अल्पसंख्यक समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए जिस किसी योजना की आवश्यकता होगी उसे लागू किया जाएगा। हम सभी लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रति कटिबद्ध हैं।

पटना।  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज इंडो-इस्लामिक वास्तुकला पर आधारित अंजुमन इस्लामिया हॉल, पटना के नये प्रस्तावित भवन का शिलान्यास किया और इसके साथ ही बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना, बिहार राज्य वक्फ विकास योजना एवं बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। कार्यक्रम में आज प्रारंभ की गयी योजनाओं की मार्ग निर्देशिका एवं 56-59वीं बी0पी0एस0सी0 मुख्य परीक्षा एवं माक इंटरव्यू की निःशुल्क आवासीय कोचिंग के दस्तावेजीकरण का विमोचन मुख्यमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  विभिन्न  विश्वविद्यालयों  में  उर्दू के 102  असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली की जा रही है, वहीं अरबी विश्वविद्यालयों में जो 6 रिक्तियाॅ हैं उसके लिए भी अधियाचना  भेजी  गयी  है।  हर दिशा  में काम  हो रहा  है।  हमलोग किसी  भी  चीज को इग्नोर नहीं करते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के लाभुकों ने अपने अनुभव शेयर किये।

इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं अंजुमन इस्लामिया हॉल के प्रस्तावित नये भवन से संबंधित वृतचित्र मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लाभुकों के बीच राशि का वितरण भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री के समक्ष बिहार राज्य अल्पसंख्यक मुफ्त कोचिंग योजना, कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के लाभुकों ने अपने अनुभवों को मंच से साझा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना का आज शुभारंभ हो गया है और अब सभी जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनेंगे। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना का बजट 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिये गये हैं। परित्यक्ता महिला आर्थिक सहायता योजना की राशि को भी 10 हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये किया गया है। राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम का जो हिस्सा है उसको 40 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 80 करोड़ रूपये कर दिया गया है।

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उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के लिए जमुई, बेगूसराय, किशनगंज, शेखपुरा, कटिहार और छपरा में जमीन चिन्हित कर लिया गया है। वक्फ बोर्ड के लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा जो अन्य शेष जिले हैं वहां वक्फ बोर्ड की जमीन जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं ताकि आवासीय विद्यालयों का निर्माण कराया जा सके। बिहार राज्य मदरसा शिक्षा सुदृढ़ीकरण योजना के तहत क्लास रूम, पुस्तकालय, पेयजल, शौचालय इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मदरसों को सहायता देने की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति जो केंद्र सरकार से मिलती है, उसमे क्वालीफाई करने वालों की संख्या ज्यादा होती है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा लिमिटेड छात्रों को ही छात्रवृत्ति मुहैया करायी जाती  है।

हमलोगों  ने क्वालीफाई करने के  बावजूद  छात्रवृत्ति  से वंचित सभी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की  व्यवस्था सुनिश्चित की।  हमलोगों  ने अल्पसंख्यक छात्रावास  में रहने वाले छात्रों को पहले से मिल रही योजनाओं एवं छात्रवृत्ति का लाभ देने के अलावा हर महीने एक हजार रुपये एवं प्रतिमाह मुफ्त में 15 किलो अनाज मुहैया कराने की भी व्यवस्था की है। इसमंे 9 किलो चावल और 6 किलो गेहूं छात्रों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उद्यमिता के लिए जो रोजगार ऋण योजना है, उसकी राशि 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिये गये हैं।  इस राशि को जितना अधिक बढ़ाने की जरूरत होगी, उसे बढ़ाया जाएगा। कार्यक्रम में मौजूद लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको जो भी जरुरी काम लगे या विकास कार्यों को लेकर अगर आपके पास कोई आईडिया हो तो उसे शेयर करिये। उस पर गौर करके जो भी संभव होगा किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि हम। निर्णय लेते हैं तो पीछे नहीं हटते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की इतनी बड़ी आबादी है लेकिन अभी भी बहुत कम लोग मुख्य धारा से जुड़ सके हैं। हम सभी लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रति कटिबद्ध हैं।

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