दिनदहाड़े पटना के नौबतपुर में अधेड़ की गोली मार कर हत्या

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पटना। नौबतपुर क्षेत्र में अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ गया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब चाहें, जहाँ चाहें, वे घटना को अंजाम देकर भाग निकल रहे हैं और पुलिस महज कागजी कर्रवाई कर बैठ जा रही है। क्षेत्र की स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग एक घटना को भूलते नहीं, तब तक दूसरी घटना को अपराधी अंजाम दे दे रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार की सुबह करीब 7 बजे के आसपास प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट के सामने अधेड़ की गोली मारकर हत्या अपराधियों ने कर दी और भाग निकले। इससे पहले जनवरी में अभरणचक निवासी शिवबचन सिंह के पुत्र अजय की हत्या उस वक़्त कर दी गई थी, जब वह खेत में पटवन करने गया था। मृतक के भाई विजय सिंह ने एक पार्षद समेत क्षेत्र के दो कुख्यात अपराधियों को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी।

मृतक की पहचान अभरणचक गांव निवासी भुवनेश्वर राम (56 वर्ष) के रूप में की गयी है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उसे सात गोली मारी गई है। पुलिस को शव के पास से पिस्टल का ज़िंदा कारतूस मिला है। घटना के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने शव को लेकर नौबतपुर-मसौढ़ी मुख्य मार्ग स्थित निसरपुरा लॉक पर जाम कर दिया।

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घटना की जानकारी पाकर फुलवारीशरीफ डीएसपी रमाकांत प्रसाद घटनास्थल पर पहुंचे तथा आक्रोशित लोगों को समझा-बुझा कर सड़क जाम को हटाने का प्रयास किया। कोई उनकी बात मानने को तैयार नहीं था। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत और अपराधियों पर अबिलम्ब कर्रवाई का भरोसा दिया, तब जाकर लोग शांत हुए और सड़क जाम हटा।

परिजनों ने बताया कि भुनेश्वर राम नित्य दिन दूध पहुँचाने निसरपुरा बाजार स्थित पाल होटल जाते थे। इसकी जानकारी अपराधियों को पहले से थी। जैसे ही भुवनेश्वर दूध लेकर प्रखंड कार्यालय के समीप पहुंचे कि एक बाइक पर दो अपराधी पहुंचे और ताबड़तोड़ पिस्टल से गोली बरसाने लगे। इस गोलीबारी के दौरान करीब सात गोली चलने की बात आ रही है। गोली लगने के साथ ही भुवनेश्वर गिर पड़ा और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। हत्या के पीछे प्रतिशोध की बात सामने आ रही है। इसी वर्ष जनवरी माह में अभरणचक निवासी शिवबचन सिंह के पुत्र अजय की हत्या उस वक़्त कर दी गई थी, जब वह खेत में पटवन करने गया था। मृतक के भाई विजय सिंह ने एक पार्षद समेत क्षेत्र के दो कुख्यात अपराधियों को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी। हालाँकि कुछ दिन पूर्व अजय के भाई विजय को जब पता चला कि उसके भाई की हत्या पार्षद ने नहीं, किसी अन्य ने कराया है। तब बदले की भावना में जलने लगा और सोमवार को उसने उसी प्रतिशोध में भुनेश्वर की हत्या कर डाली।

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