झारखंडवासी शादी का रजिस्ट्रेशन करा लें, वर्ना फाइन भरें

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Colorful Hindu wedding in India

रांची। झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन अधिनियम 2017 के अंतर्गत राज्य के सभी विवाहित दंपत्तियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। वर्तमान में कचहरी स्थित रजिस्ट्रार कार्यालाय के समीप विवाह निंबधन होता है, लेकिन आने वाले समय में यह जिम्मेवारी नगर निगम को मिलने जा रही है। नगर निगम में जहां जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जाता है, उसी विभाग में मैरेज सर्टिफिकेट भी बनाया जायेगा। यह निर्णय बीते कैबिनेट में पास हो चुका है।

इसके लिए नगर निगम को तैयारी करने के आदेश भी दे दिए गए है। निगम के रजिस्ट्रार ने बताया कि ऐसी जानकारी तो प्राप्त हुई है, लेकिन कब से यह लागू होगा यह कुछ तय नहीं हुआ है। सरकार द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है प्रत्येक विवाहित दंपत्तियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो  प्रतिदिन पांच रुपए और अधिकतम 100 रुपए का दंड शुल्क लगेगा। उक्त नियम के तहत किसी भी जाति या धर्म का हो उसे विवाह पंजियन कराना होगा। राज्य परिषद ने इस नियमावली को मंजूरी भी दे दी गई है।

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अनिवार्य विवाह निबंधन के लिए दंपत्ति को शुल्क के रूप में 50 रुपए जमा करने होंगे। अगर कोई व्यक्ति किसी के विवाह पर आपत्ति करता है तो इसके लिए भी 50 रुपए के शुल्क के साथ आवेदन देना होगा। इसका उद्देश्य राज्य में बाल विवाह, बहु विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर करना है।

इधर वर्तमान में नगर निगम की जिस शाखा से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत होता है, वह अपनी बदहाली का रोना वर्ष भर रोते रहता है। कभी कर्मचारी की कमी, कभी लिंक फेल, कभी तकनीकी खराबी, हमेशा कोई न कोई परेशानी से यह विभाग जूझता रहता है। शाखा के कर्मचारी बताते है विभाग में मात्र दो व्यक्ति द्वारा ही जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र कार्य किया जाता है। यहीं कर्मचारी सैप्टिक टैंक और भूल सुधार का भी रशीद काटते हैं। वहीं कार्यालय में सिर्फ दो कम्प्यूटर और एक स्कैनर है, इसी के माध्यम से पूरा कार्य होता है। निगम के कर्मी ने बताया कि पूर्व में निगम क्षेत्र में 19 प्रज्ञा केंद्र थे, जिससे काम में आसानी होती थी, लेकिन अब पूरे निगम क्षेत्र का प्रमाण पत्र निगम से ही निर्गत होता है, ऐसे में वर्कलोड ज्यादा और कर्मचारी जरुरत से ज्यादा कम हो गए हैं। ऐसे में अगर और काम बढाया गया तो लिखित रुप से दूसरे काम सौंपने का आग्रह करेंगे। दो अन्य कर्मचारी है जो चतुर्थवर्गीय हैं, वे आवेदन को रिसीव करने और निर्गत करने का कार्य करते है।

शहरी क्षेत्रों में विवाह निबंधन की जिम्मेवारी नगर निगम, नगरपालिका, अधिसूचित क्षेत्र समिति, नगर परिषद, नगर पंचायतों को सौंपी गई है। उक्त कार्यालय के रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर के बाद प्रमाण पत्र निर्गत किए जायेंगे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में निबंधन का कार्य जन्म एवं मृत्यु निबंधन पदाधिकारी करेंगे। छावनी पर्षद क्षेत्र में भी जन्म-मृत्यु का निबंधन करनेवाले पदाधिकारियों द्वारा विवाह का निबंधन किया जाएगा।

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