अब बढ़ेगी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार, बढ़ेंगे रोजगार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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नरेंद्र मोदी के दूसरे राउंड में कारोबारी माहौल और बेहतर होगा: राजीव रंजन

भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन
भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन

पटना। अब बढ़ेगी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर। नरेंद्र मोदी के दूसरे राउंड में कारोबारी माहौल और बेहतर होगा। यह दावा किया है भाजपा के बिहार प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की वापसी से देश का कारोबारी माहौल और बेहतर होने का अनुमान है।

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उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता संभालते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को उत्पादन व विनिर्माण का हब बनाने की दिशा में ‘मेक इन इंडिया’ और डिजिटल इंडिया जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे, जिनके कारण विगत पांच वर्षों में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब प्रचंड बहुमत के साथ हुई मोदी सरकार की वापसी से देश के उत्पादन क्षेत्र को नयी मजबूती मिली है। निवेशकों में एक नए उत्साह का संचार हुआ है। पहली बार भारत का शेयर बाजार 40 हजार की रिकॉर्ड ऊंचाई के पार जा चुका है।

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उन्होंने कहा कि उद्योग-धंधों को सरकार के मिले समर्थन का ही नतीजा है कि मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई में लगातार तेजी देखी जा रही है। मई में जारी आंकड़ों के मुताबिक इस इंडेक्स में भारत 52.7 अंक पर आ गया है, जो अप्रैल में 51.8 अंक पर था। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के रफ्तार पकड़ने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक, सामानों के उत्पादकों की संख्या बढ़ने, मांग में वृद्धि के कारण नए ऑर्डर में ठोस बढ़ोत्तरी के कारण इस क्षेत्र में काफी संख्या में नए उधोग स्थापित हो रहे हैं, जिनसे लोगों को लगातार रोजगार मिल रहा है।

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सर्वे के मुताबिक इस साल फरवरी में संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन एक साल पहले इसी माह के मुकाबले तीन गुना तक बढ़कर 8.61 लाख तक पहुंच चुका है, वहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मुताबिक फरवरी, 2019 में 22-25 वर्ष आयु वर्ग के 2.36 लाख को और 18-21 आयु वर्ग के 2.09 लाख नए युवाओं को रोजगार मिला। आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017-फरवरी 2019 के बीच 18 महीने के दौरान 80.86 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ। दरअसल सरकार की मंशा देसी उद्योग-धंधों के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त तथा आत्मनिर्भर बनाने की है, जिसमें वह पूरी तरह सफल होती नजर आ रही है।

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