झारखंड में अपने उम्मीदवार उतारेगी तृणमूल कांग्रेस

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ममता बनर्जी ने टीएमसी का घोषणापत्र आज जारी कर दिया। घोषणापत्र एक तरह से वादों का 'पिटारा' है। घर-घर राशन यानी डोर डिलीवरी का वादा किया है।
ममता बनर्जी ने टीएमसी का घोषणापत्र आज जारी कर दिया। घोषणापत्र एक तरह से वादों का 'पिटारा' है। घर-घर राशन यानी डोर डिलीवरी का वादा किया है।

पुरुलिया में आयोजित जनसभा में तृणमूल सुप्रीमो मता बनर्जी ने दिया संकेत

कोलकाताझारखंड में आम आदमी को न भर पेट खाना मिलता है, न अच्छी चिकित्सा मिल पाती है। झारखंड के लोग रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए बंगाल पर निर्भर करते हैं। इसीलिए आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने झाडखंड में अपने उम्मीदवार उतारने की रणनीति बनायी है। तृणमूल की नेता और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि झारखंड के लोगों को लोगों को भाजपा से मुक्ति दिलाने के लिए तृणमूल झारखंड में भी लोकसभा के उम्मीदवार उतारेगी। ममता बनर्जी पुरुलिया में आयोजित एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि यहां आदिवासी व महतो श्रेणी के बीच दरार पैदा की जा रही है। उनका कहना है कि झारखंड में भाजपा सरकार ने आदिवासी लोगों के लिए कुछ नहीं किया है।

राज्य की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की झाडखंड यूनिट द्वारा पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों, खासकर पुरुलिया व बीरभूम में गुंडे भेज कर आतंक फैलाने की कोशिश की जा रही है, ताकि तृणमूल कांग्रेस को यहां कमजोर किया जा सके। झारखंड के आदिवासियों के पक्ष में बोलते हुए ममता कहा कि यहां भाजपा के उच्च वर्ण के लोग आदिवासियों की जमीन हड़प ले रहे हैं। आदिवासियों को दरकिनार किया जा रहा है।

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ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि झारखंड में आदिवासी व महतो श्रेणी के बीच दरार पैदा की जा रही है। उनका कहना है कि झारखंड में भाजपा सरकार ने आदिवासी लोगों के लिए कुछ नहीं किया है। अगले चुनाव में जनता भाजपा का पत्ता साफ कर देगी। उन्होंने अपने कर्यकर्ताओं को आदेश देते हुए कहा कि सीमावर्ती जिलों के कार्यकर्ता अभी से झाडखंड के अंदर जाकर काम करें, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी सीटों पर तृणमूल लड़ाई कर सके। उनका यह भी दावा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार के गठन में तृणमूल का एक महत्वपूर्ण रोल होगा।

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उनका यह भी दावा है कि पिछले चुनाव में बंगाल में भाजपा को दो सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार एक भी सीट नहीं मिलेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि वे इस बार ओडिशा व बिहार में भी उम्मीदवार खडा करेंगी। दिसंबर में ब्रिग्रेड पैरेड ग्राउंड की महा रैली में चन्द्रबाबू नायडू, स्टैलीन, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव समेत 19 पार्टियों के नेताओं की उपस्थिति होने की बात उन्होंने कही, लेकिन राहुल गांधी की चर्चा नहीं की। इससे यह साफ़ हो रहा है कि राष्ट्रीय़ स्तर पर कांग्रेस से अब भी दूरी बनी हुई है।

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यह भी गौर करने वाली बात है कि पुरुलिया की सभा में उन्होंने झारखंड की बात ज्यादा कही। अपने राज्य की चिंता के बजाय झारखंड की बात करना साबित करता है कि बंगाल की सीमा से सटे जिलों में तृणमूल की पकड़ कमजोर हो रही है।

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