Lockdown की मियाद 3 मई तक बढ़ी, जानिए क्या कहा मोदी ने

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Lockdown की मियाद 3 मई तक बढ़ा दी गयी है। कोरोना की लड़ाई में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। हफ्ते भर लाकडाउन की सख्ती से पालन कराया जाएगा।
Lockdown की मियाद 3 मई तक बढ़ा दी गयी है। कोरोना की लड़ाई में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। हफ्ते भर लाकडाउन की सख्ती से पालन कराया जाएगा।

दिल्ली। Lockdown की मियाद 3 मई तक बढ़ा दी गयी है। कोरोना की लड़ाई में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। हफ्ते भर लाकडाउन की सख्ती से पालन कराया जाएगा। यानी 20 अप्रैल तक सभी सख्ती से इसका पालन करें। तब तक हम जिन इलाकों में काबू पा लेंगे, वहां सीमित छूट दी जाएगी। इसके बारे में विस्तृत गाइड लाइन कर जारी की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुबानी जानिए कि कोरोना पर अपने चौथे संबोधन में उन्होंने कहा।

Lockdown के दौरान खाने की परेशानी न हो, इसका सरकार ने ख्कियाल रखा है। किसी को आने जाने की परेशानी है तो कोई घर परिवार से दूर है। आप अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। आप सबको आदरपूर्वक नमन करता हूं।

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हमारे संविधान में पीपुल ऑफ इंडिया- वी द पीपुल ऑफ इंडिया- की शक्ति की बात कही गई है। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को उनकी जयंती पर भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का यह प्रदर्शन  सच्ची श्रद्धांजलि है। मैं सभी देश वासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं।

साथियों, यह देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का भी अवसर है। उत्सवों के बीच देश खिलखिलाते रहता है। असम में भोगाली बिहू, बैशाखी के साथ अनेक राज्यों में वर्ष की शुरुआत हुई। लोग 10 बंधनों के बीच में जिस तरह कोरोना से जीतने में संयमित रहे, घरों में रहकर बड़ी सादगीपूर्ण तरीके से पर्मव ना रहे हैं, ये सारी बातें बहुत ही प्रेरक हैं। बहुत ही प्रशंसनीय है। मैं नए वर्ष पर आपके परिवार जन के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

आज कोरोना जैसी महामारी की जो स्थिति परिस्थिति है, अनेक देशों के मुकाबले कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं। हमारे यहां करोड़ों लोग हैं, लेकिन भारत में इसके पांव पसारने से पहले भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज हों, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था। अनेक जगहों पर थिएटर, क्लब, जिम बंद किये जा चुके थे।

जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लोकडाउन का एक बहुत बड़ा कदम उठा लिया था। समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया। जैसे ही समस्या दिखी, तेजी से फैसले लेकर उसी समय परास्त का प्रयास किया। यह भी एक सच्चाई है कि अगर दुनिया के बड़े-बड़े तमाम देशों के आंकड़े देखे तो हमारी स्थिति आज बहुत संभली हुई है। महीना- डेढ़ महीना पहले कोरोनावायरस के मामले में भारत के बराबर खड़े देशों की तुलना में दूसरे देशों में केस कई गुना ज्यादा बढ़ गए। उन देशों में हजारों लोगों की जान गयी। भारत ने हॉलिस्टिक अप्रोच, इंटीग्रेटेड अप्रोच न होती, समय पर लाकडाउन न होता तो आज क्या होता। कल्पना करते हैं तो रोएं खड़े हो जाते हैं।

बीते दिनों के अनुभवों से कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में हमारे लिए सोशल डिस्टेंसिंग कारगर रहा। उसका बहुत बड़ा लाभ मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो खराब जरूर लगता है। इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, लेकिन जिंदगी बच गई, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच इस मार्ग पर चलना है। भारत के इस कदम की चर्चा आज दुनियाभर में होना स्वाभाविक है। राज्य सरकारों ने भी बहुत जिम्मेदारी के साथ काम किया है। चौबीसों घंटे हर किसी ने जिम्मा संभालने के लिए प्रयास किया है और हालत को संभाला भी है। लेकिन साथियों, इन सब प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फैल रहा है, विश्व भर में एक्सपोर्ट ने स्कोर देख और ज्यादा सतर्क रहने को कहा है। भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ें, हम विजयी कैसे हों, हमारे यहां नुकसान कम से कम कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कम कैसे करें, इन बातों को लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चा की।

सभी चर्चाओं में से एक बार उभर कर आती है, हर किसी की राय है, नागरिकों की तरफ से भी कि लातडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्यों ने तो पहले से ही इसको बढ़ाने का फैसला किया है। सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है कि भारत में लोगों को अब 3 मई तक लाकडाउन में रहना होगा। यानी हम सभी हर देशवासी को लाकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं। मेरी सभी देशवासियों से यह प्रार्थना है कि आप हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में इसे फैलने नहीं देंगे। स्थानीय स्तर पर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। कहीं पर भी कोरोना से एक भी मरीज की दुखद मृत्यु होती है तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए। पहले से भी ज्यादा सतर्कता बरतनी ही होगी। कई स्थानों के हाट स्पाट में बदलने की आशंका है। उस पर भी हमें नजर रखनी होगी। कठोर कदम उठाने होंगे। 1 सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर थाने, हर जिले, हर राज्य को जांचा-परखा जाएगा। वहां लाकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र में कोरोनावायरस को लोगों ने कितना बचाया है, इसका मूल्यांकन लगातार किया जाएगा। जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, बीमारी नहीं बढ़ने देंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां 20 अप्रैल से जरूरी गतिविधियों की अनुमति छूट दी जा सकती है। यह अनुमति सशर्त होगी। बाहर निकलने के लिए नियम बहुत सख्त होंगे। लाकडाउन के नियम अगर टूटते हैं और कोरोना का प्रभाव जिन इलाकों में रहता है, तो सारी अनुमति तुरंत वापस हो जाएगी। इसलिए खुद से न लापरवाही करनी है और ना ही किसी और को लापरवाही करने देनी है।

मेरे देशवासियों इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। 26 अप्रैल से कुछ क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान होगा। हमारे गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है, जो रोज कमाते हैं, अपनी जरूरतें पूरी करते हैं। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में ये है। इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से उनकी मदद करने का हर संभव प्रयास किया है। अभी उनका पूरा ध्यान रखा गया है। इस समय फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर किसानों को कम से कम दिक्कत हो, इसका ख्सायाल रखें। साथियों, देश में राशन पर्याप्त भंडार है। सप्लाई चेन की बाधाएंं लगातार दूर की जा रही हैं। पहले जहां एक लैब थी, अब 220 से ज्यादा लैब टेस्टिंग का काम हो रहा है।

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