गेम चेंजर हो सकती है लालू यादव की बीमारी!

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फाइल फोटो
  • राणा अमरेश सिंह

पटना। सत्ता पक्ष की सक्रियता, महागठबंधन के सहयोगी दलों की बेचैनी और घर के आंतरिक कलह ने ही लालू प्रसाद यादव की बीमारी को शायद बढ़ने का मौका दिया है। उनकी बीमारी ने ही उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को उनकी अनुपस्थिति में पार्टी संगठन पर कब्जा करने का अवसर दे दिया है। लंबे समय से शुगर की बीमारी से जूझ रहे और रिम्स के पेंइग वार्ड में भर्ती लालू यादव की जमानत पर सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए टल गयी है। लालू की बीमारी को पार्टी के रणनीतिकार गेम चेंजर के रूप में देख रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो लालू यादव की जमानत का एकमात्र आधार नाजुक स्वास्थ्य हो सकता है। इसलिए लालू यादव के स्वास्थ्य को लेकर मीडिया में आई खबरों के पीछे यही कारण समझा जाता है। वहीं पार्टी के रणनीतिकार लालू यादव की बीमारी को आगामी लोकसभा चुनाव में गेम चेंजर के रूप में देख रहे हैं। ऐसे लोगों का मानना है कि लालू को बेल नहीं मिलने पर सहानुभूति वोट हासिल होने की संभावना बढ़ेंगी और अगर बेल मिली तो पार्टी को उनकी उपस्थिति का लाभ मिलेगा। यानी दोनों हाथ में लड्डू होने की संभावना जताई गई है।

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नए साल में लोकसभा चुनाव की तैयारी और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के कारण उत्पन्न पार्टी और घरेलू विवाद से लालू यादव काफी परेशान बताये जाते हैं। लालू प्रसाद करीबियों की मानें तो लालू यादव के स्वास्थ्य का मामला कोर्ट से बेल के लिए बनाया गया है। वकील का कहना है कि बेल का आधार एकमात्र स्वास्थ्य ही हो सकता है।

रिम्स में चिकित्सकों का दल लालू यादव के स्वास्थ्य का रूटीन चेकअप करता है। नाम नहीं लिखने की शर्त पर एक चिकित्सक ने बताया कि लालू यादव का स्वास्थ्य सामान्य है। उन्होंने बताया कि क्रोनिक किडनी पेशेंट को पेशाब में खून आना सामान्य बात है। इससे उनकी बीमारी की गंभीरता नहीं दिखती है। उसने पेशाब में संक्रमण होने की बात स्वीकर की। उसने बताया कि सर्दी के दिनों में अक्सर लोगों का बीपी बढ़ जाता है, जिसे रेगुलर मानिटरिंग से नियंत्रित किया जाता है। उसने लालू यादव की क्रिटनिन लेवल को 1.4 बताया, जिसे मेडिकल की भाषा में सामान्य माना जाता है।

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लगे हाथ बताते चलें कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान से विफरे रालोसपा मुखिया उपेंद्र कुशवाहा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर भी लालू यादव काफी गंभीर हैं। उधर तेज प्रताप यादव द्वारा राजद के वरिष्ठ नेताओं पर कसते तंज ने लालू यादव को काफी विचलित किया है। गुरुवार को तेज प्रताप ने राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई बीरेंद्र के पाटलिपुत्र संसदीय सीट की दावेदारी को सिरे से खारिज कर उस पर बहन व राज्य सभा सांसद मीसा भारती की दावेदारी पर मुहर लगायी।इससे राजद के वरिष्ठ नेताओं में खलबली मच गई। हालांकि उन्होंने अपने पिता लालू यादव को ही अंतिम निर्णय लेने का अधिकारी बताया।

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