झारखंड सचिवालय के लिपिक अब सचिवालय सहायक कहलाएंगे

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रांची। झारखंड सचिवालय के लिपिक अब सचिवालय सहायक कहलाएंगे। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस बाबत फैसला किया गया। निर्णय के मुताबिक सचिवालय लिपिकीय सेवा नियमावली, 2010 के नियम-15 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नियमावली के नियम-3 में किये गए प्रावधान के संदर्भ में झारखण्ड सचिवालय लिपिकीय सेवा संवर्ग के उच्चवर्गीय लिपिक एवं निम्नवर्गीय लिपिक का पदनाम परिवर्तित करते हुए वरीय सचिवालय सहायक एवं कनीय सचिवालय सहायक करने की स्वीकृति दी गई।

कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसलों में कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित झारखण्ड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम द्वारा अल्पसंख्यकों को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत ऋण की प्राप्ति एवं वसूली हेतु झारखण्ड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम, रांची के नाम राजकीय ब्लाक गारण्टी की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा झारखण्ड राज्य में 10 (दस) अतिरिक्त नये कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने हेतु कुल राशि 36,29,80,000,00 (छत्तीस करोड़ उन्नतीस लाख अस्सी हजार रुपये) मात्र की स्वीकृति दी गई।

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रामकृष्ण मिशन आश्रम, रांची के अधीन संचालित वाहनों के मार्ग कर में छूट प्रदान करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई। झारखण्ड नगरपालिका सम्पति कर (निर्धारण, संग्रहण और वसूली) नियमावली, 2013 के कतिपय प्रावधानों में संशोधन करने की स्वीकृति दी गई। झारखण्ड नगरपालिका निर्वाचन एवं चुनाव याचिका (संशोधन) नियमावली-2018 की स्वीकृति दी गई।

केन्द्रीय माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2018 द्वारा केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 में किए गए संशोधन के आलोक में प्रस्तावित झारखण्ड माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2018 के प्रख्यापन पर स्वीकृति दी गई। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार के National Action Plan on Climate Change (NAPCC)  के अन्तर्गत ‘National Water Mission’ के झारखण्ड राज्य में समुचित कार्यान्वयन हेतु State Specific Action Plan (SSAP) on Water Sector तैयार करने की स्वीकृति दी गई।

अतिवृष्टि (सामान्य से अधिक वर्षा), सर्पदंश, खनन जनित आपदा, रेडियेशन संबंधी आपदा, नाव दुर्घटना, नदियों/डोभा/जलप्रपात में डूबने, भगदड़ एवं गैस रिसाव संबंधी आपदाओं से होनेवाली जानमाल की क्षति के निमित्त अनुदान की राशि प्रभावितों को उपलब्ध कराने के लिए राज्य की विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित करने की स्वीकृति दी गई। वित्तीय वर्ष 2018-19 में आदिवासी विकास समिति/ग्राम विकास समिति द्वारा क्रियान्वित करायी जाने वाली योजनाओं के अन्तर्गत कुल 60,00,00,000 (साठ करोड़) रूपये की स्वीकृति दी गई।

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