पश्चिम बंगाल में सभी चरणों में भाजपा का पलड़ा दिख रहा भारी

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बंगाल में विधानसभा चुनाव का रण आज आठवें चरण के साथ समाप्त हो गया। अब लेखा-जोखा या अनुमान-आकलन का वक्त है। पढ़ें सभी 8 फेज के चुनाव का आकलन
बंगाल में विधानसभा चुनाव का रण आज आठवें चरण के साथ समाप्त हो गया। अब लेखा-जोखा या अनुमान-आकलन का वक्त है। पढ़ें सभी 8 फेज के चुनाव का आकलन
  • डी. कृष्ण राव एंड टीम

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का रण आज आठवें चरण के साथ समाप्त हो गया। अब लेखा-जोखा या अनुमान-आकलन का वक्त है। हम आज सभी चरणों का लेखा-जोखा आपके सामने रख रहे हैं। गीता में कहा गया है कि  काम करते रहो, परिणाम की आशा मत करो। लेकिन यह राजनीति है भाई, चुनाव जीतने का फल सभी को मीठा लगता है। बंगाल में  गांव-गांव घूमने का अनुभव, चुनाव के बाद मिले इनपुट, सत्ता या विपक्षी दलों के नेताओं के बॉडी लैंग्वेज  और चुनाव के दिन विधानसभा क्षेत्र की जमीनी हकीकत  हमारे अनुमान का आधार होंगी।

पश्चिम बंगाल में दो चरणों में  पूर्व मेदिनीपुर के 16,  पश्चिम मेदिनीपुर के 15,  झाड़ग्राम के 4,  पुरुलिया के 9, बांकुड़ा जिला के 12  और दक्षिण 24 परगना के 4 (part)  सीटों पर चुनाव हुआ था। हम इन 60  सीटों पर एक-एक कर आपके सामने  अपना अनुमान रखेंगे। एक सूचना आप लोगों को पहले ही दे दी जाए कि  जिन सीटों पर दोनों प्रत्याशियों (आगे-पीछे दिख रहे) का अंतर 5% से कम है,  उन सीटों को  काफी क्लोज  फाइट वाली मानकर चल रहे हैं।

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पहले शुरू करते हैं पश्चिम बंगाल की पूर्व मेदिनीपुर की 16 सीटों के बारे में। इन 16 सीटों में  सीधे-सीधे टीएमसी और भाजपा के बीच  लड़ाई है। इनमें से 13 सीटें  भाजपा को मिल सकती हैं  और टीएमसी के खाते में 3 सीट जाने की उम्मीद है। पूर्व मेदिनीपुर में भाजपा को  जो 13 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है,  उसमें से  तमलुक  पूर्व, पाशकुड़ा, पश्चिम पाशकुड़ा, मायना, महिषादल, हल्दिया, नंदीग्राम, चंडीपुर, पताशपुर, काथी उत्तर, खेजूरी, रामनगर, एगारा  इन 13 सीटों में से  तमलुक, एगारा, और  मायना  सीट पर  कांटे की टक्कर होने की संभावना है। खासकर तमलुक सीट पर  2 से 5000 मतों के अंतर से फैसला हो सकता है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस को 3  सीटें मिलने की उम्मीद है,  जिसमें नंदकुमार, भगवानपुर और  कथी दक्षिण शामिल हैं। हालांकि इन तीनों सीटों पर  कांटे की टक्कर नजर आ रही है।  एक या दो प्रतिशत मतों से फैसला हो सकता है। पूर्व मेदिनीपुर को  शुभेंदु अधिकारी का गढ़ कहा जाता है।  नंदीग्राम  सीट  इसी जिले में है।

अब दूसरा जिला पश्चिम बंगाल का पश्चिम मेदिनीपुर है। पहले दो चरणों में यहां सभी 15 सीटों पर चुनाव हो चुका था।  इस जिले से मिलेजुले नतीजे की संभावना है। 15 सीटों में से भाजपा को 8 सीटें मिलती दिख रही हैं,  जबकि टीएमसी को 6 और माकपा को 1 सीट मिलने की पूरी संभावना है। यहां 15 सीटों में कुल 6 सीटों पर कांटे की टक्कर की संभावना है। जिन 8 सीटों पर भाजपा को जीत मिलने  की उम्मीद है,  उनमें से  नयाग्राम, पिंगला, देवरा, घटाल, केसीयारी,  गढ़बेता, मिदनापुर शहर  और दासपुर  8 सीटों में से  केवल नया ग्राम सीट पर कांटे की टक्कर होने की काफी संभावना है, जहां केवल 1% मतों के  इधर-उधर होने से  फैसला बदल सकता है। अब चलते हैं टीएमसी के जिन 6 सीटों पर आगे रहने का अनुमान लगाया जा रहा है, उसमें से खड़गपुर शहर, दबंग, चंद्रकोना रोड, केशपुर, खड़कपुर ग्रामीण  और दातन  हैं। हालांकि इन 6 सीटों में से  4 सीटों पर कांटे की टक्कर होने की संभावना है, जिनमें खड़गपुर शहर, सबंग,  खड़गपुर ग्रामीण  और दांतन हैं। पश्चिम मेदिनीपुर से  मानस भैया,  जून मालिया,  भारती घोष, हुमायूं कबीर  आदि का राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा हुआ है। जिस 1 सीट पर  माकपा की जीत की  संभावना है,  वह है सालबनी।  यहां माकपा की ओर से  पूर्व मंत्री सुशांत घोष चुनाव लड़ रहे हैं।  इस सीट पर माकपा, टीएमसी और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।  फैसला जिसके हक में भी जाए, जीत-हार का अंतर बड़ा नहीं होगा। स्थानीय इनपुट के जरिए  यह पता चल रहा है कि  सुशांत घोष का जीतना  संभव है।

अब चलते हैं पश्चिम बंगाल में लाल मिट्टी के देस पुरुलिया  जिला के 9 विधानसभा सीट में  पहले चरण में ही चुनाव समाप्त हो चुका था  2019 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा का दबदबा रहा  लगभग हर एक चीज में काफी मार्जिन रहा  लेकिन विधानसभा चुनाव में वह मार्जिन कम से दिख रहा है  जो कि भाजपा के लिए चिंता की विषय  यहां के 9 सीटों में  टीएमसी को एक सीट मिलते दिख रहा है  वह है काशीपुर  हालांकि इस सीट पर भी काफी कांटे की टक्कर होने की संभावना है  दूसरे और बाघमुंडी सीट पर  त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी संभावना है  जहां भाजपा समर्थित  आजसू उम्मीदवार  काफी आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं। मिली इनपुट के मुताबिक  मान बाजार सीट पर भी  कांटे की टक्कर है  लेकिन पाला भाजपा की ओर झुका हुआ है। बाकी बचे 6 सीट  जयपुर।   पुरुलिया शहर, बांधवान, पारा, बलरामपुर, रघुनाथपुर में  भाजपा काफी  भारी मतों से जीत सकती है।

पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर में भाजपा को  जिस 13 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है  उसमें से  तमलुक  पूर्वा पास्कुड़ा, पश्चिम पासकूड़ा, मायना, महिषादल, हल्दिया, नंदीग्राम, चंडीपुर, पताशपुर, काथी उत्तर, खेजूरी, रामनगर, एगारा  इन 13 सीटों में से  तमलुक, एगौरा, और  मायना  सीट पर  कांटे की टक्कर होने की संभावना है  खासकर तमलुक सीट पर  2 से 5000 मतों के अंदर  फैसला हो सकता है, दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस को 3  सीटें मिलने की उम्मीद है  जिसमें नंदकुमार, भगवानपुर, और  कथी दक्षिण शामिल है  हालांकि इन तीनों सीटों में  कांटे की टक्कर नजर आ रही है  एक या दो प्रतिशत  मतों का फैसला हो सकता है। पूरबा मेदिनीपुर को  शुभेंदु अधिकारी का गढ़ कहा जाता है  नंदीग्राम  सीट  इसी जिला में है।

अब पश्चिम बंगाल का दूसरा जिला है पश्चिम मेदिनीपुर। पहले दो चरणों में यहां सभी 15 सीटों पर चुनाव हो चुके थे।  इस जिले से मिलेजुले नतीजे आने की संभावना है। 15 सीटों में से भाजपा को 8 सीटें मिलती दिख रही हैं,  जबकि टीएमसी को 6 और माकपा को 1 सीट मिलने की पूरी संभावना है। यहां 15 सीटों में कुल 6 सीटों पर कांटे की टक्कर होने की संभावना है। जिन 8 सीटों पर भाजपा को मिलने  की उम्मीद है, उनमें नयाग्राम, पिंगला, देवरा, घटाल, केसीयारी,  गढ़बेता, मिदनापुर शहर  और दासपुर हैं। इन 8 सीटों में से  केवल नया ग्राम सीट पर कांटे की टक्कर होने की संभावना है,  जहां केवल 1% मतों के  इधर-उधर होने से  फैसला बदल सकता है। अब देखते हैं टीएमसी जिन 6 सीटों पर आगे  है। अनुमान लगाया जा रहा  है कि उसमें से खड़गपुर शहर, दबंग, चंद्रकोना रोड, केशपुर, खड़गपुर ग्रामीण  और दातन यानी 6 सीटों में से  4 सीटों पर कांटे की टक्कर है- खड़गपुर शहर, सबंग,  खड़गपुर ग्रामीण  और दांतन। पश्चिम मेदिनीपुर से  मानस भइयां,  जून मालिया,  भारती घोष, हुमायूं कबीर  आदि का राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा हुआ है। जिस 1 सीट पर  माकपा की जीत की  संभावना है, वह है सालबनी। यहां माकपा की ओर से  पूर्व मंत्री सुशांत घोष चुनाव लड़ रहे हैं।  इस सीट पर माकपा, टीएमसी और भाजपा का त्रिकोणीय मुकाबला है।  फैसला जिसके हक में भी जाए, वह काफी करीबी मुकाबले का होगा।  स्थानीय इनपुट के जरिए  यह पता चल रहा कि  सुशांत घोष का जीतना  संभव है।

अब चलते हैं  लाल मिट्टी के देस पुरुलिया जिला की ओर। पुरुलिया जिले की 9 विधानसभा सीटों पर पह 8 पर पहले चरण में ही चुनाव हो चुका था।  2019 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा का दबदबा रहा था। लगभग हर सीट पर काफी मार्जिन रहा,  लेकिन विधानसभा चुनाव में वह मार्जिन कम दिख रहा है, जो भाजपा के लिए चिंता का विषय है। यहां की 9 सीटों में  टीएमसी को एक सीट मिलती दिख रही है। वह है काशीपुर। हालांकि इस सीट पर भी कांटे की टक्कर है। दूसरी ओर बाघमुंडी सीट पर  त्रिकोणीय मुकाबला है, जहां भाजपा समर्थित  आजसू उम्मीदवार  काफी आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं। मिले इनपुट के मुताबिक  मान बाजार सीट पर भी  कांटे की टक्कर है, लेकिन पाला भाजपा की ओर झुका हुआ है। बाकी बची 6 सीटों में  जयपुर, पुरुलिया शहर, बांधवान, पारा, बलरामपुर, रघुनाथपुर में  भाजपा भारी मतों से जीत सकती है।

अब चलते हैं पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम  जिला की ओर। यहां की 4 सीटों पर पहले चरण में  ही मतदान हो गया था।  2019 के लोकसभा चुनाव में  चारों सीटों पर  भाजपा  आगे रही, लेकिन इस बार  मैच 2  और 2 के बराबरी पर समाप्त हो सकता है। नया गांव और झाड़ग्राम शहर भाजपा को मिल सकता है। बाकी बचे बिनपुर और गोपीबल्लबपुर  टीएमसी के खाते में जा सकते हैं। हालांकि नायक ग्राम छोड़ बाकी तीनों सीटों पर  कांटे की टक्कर है। जो भी जीतेगा, काफी कम मार्जिन से जीत होगी। झाड़ग्राम शहर में  तृणमूल उम्मीदवार एक कलाकार हैं।  उनका राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा हुआ है।

अब चलते हैं भाजपा के लिए सबसे कंफर्टेबल पश्चिम बंगाल के जिला बांकुड़ा। यहां की 12 सीटों में से 10  सीटों पर भाजपा काफी  अच्छे मार्जिन से जीत हासिल कर सकती है, जिसमें सालतोड़ा, छात्ना, रायपुर, तालडांगरा, बांकुड़ा सदर, बाढ़जोड़ा, उम्दा, विष्णुपुर, इंदास  और सुनामुखी।  इन सभी 10 सीटों पर  भाजपा के उम्मीदवार अच्छे मार्जिन से जीत सकते हैं। इसके अलावा यहां टीएमसी केवल 1 सीट पर आगे दिख रही है। वह सीट है कोतुलपुर। हालांकि कांटे की टक्कर होगी। बाकी बची  राय बांध सीट, जहां त्रिकोणीय  मुकाबला है।  इस सीट से सीपीएम के उम्मीदवार  देबोलीना हेंब्रम का  परचम लहरा सकता है। हालांकि काफी क्लोज कांटेस्ट होगा।

पहले दो चरण की 56 सीटों का  लेखा-जोखा देने के बाद अब बारी आती है  दक्षिण 24 परगना की 4 सीटों की। यहां मतदान  पहले चरण में हुआ था। गोस्वा सीट  पर टक्कर है,  लेकिन भाजपा के जीतने की संभावना है।  काकद्वीप और सागर  सीट से  भाजपा की जीत का मार्जिन  काफी हो सकता है,  जबकि  पाथर प्रतिमा सीट पर  कांटे की टक्कर के बीच तृणमूल के जीतने की संभावना है।

पश्चिम बंगाल में तीसरे और चौथे चरण में कुल 75 सीटों पर चुनाव हुआ था,  जिसमें टीएमसी के गढ़ माने जाने वाले  दक्षिण 24 परगना की 27,  हुगली जिला की 18,  हावड़ा की 16, कूच बिहार की 9 और अलीपुरद्वार की 5 सीटें  शामिल हैं। चलते हैं दक्षिण 24 परगना,  जहां तृणमूल अपना  गढ़ तो बचा नहीं पा रही, लेकिन  27 में 13 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। इनमें बसंती, कुल्फी, मंदिर बाजार, बारूईपुर  पूरब  और पश्चिम, कैनिंग पश्चिम,  मगराहा पूर्व,  पलता, विष्णुपुर, सोनारपुर उत्तर, बजबज, मेटियाबुर्ज, महेश तला।  इन 13 सीटों में  कुल्फी, बरूईपुर  पूरब और पश्चिम  कैनिंग पश्चिम  में कांटे की टक्कर है। इन दो चरणों में  दक्षिण 24 परगना की  27 में से केवल  6 सीटें भाजपा को मिल सकती हैं,  जिनमें  सोनारपुर दक्षिण, टालीगंज  जहां से केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो लड़ रहे हैं, को अलावा बेहाला पूर्व, कुलतली, जयनगर, सतगछिया सीटें हैं।

इन 6 सीटों में  टालीगंज सीट पर ही केवल  कांटे की टक्कर होने की संभावना है। इन दोनों फेज में  दक्षिण 24 परगना से  माकपा 5  और आईएसएफ 3  सीटों पर  जीत दर्ज कर सकती हैं। माकपा को रायदिगी, जहां से माकपा के पूर्व मंत्री कांति गांगुली  कांटे की टक्कर के बीच जीत सकते हैं। कस्बा, जादवपुर से  सुजन चक्रवर्ती, बेहाला पश्चिम, और डायमंड हार्बर से  जीत हासिल कर सकते हैं।  दूसरी ओर मोर्चा के  अन्य साथी आईएसएफ को  कैनिंग पूर्व, मगरा हॉट  पश्चिम  और भानगढ़ सीट मिल सकती है।  तृणमूल के  शौकत मुल्लाह, जो कैनिंग  से तीन   बार के एमएलए हैं,  वह आईएसएफ के सामने आ सकते हैं।

अब चलते हैं पश्चिम बंगाल के हावड़ा की ओर।  दो चरणों में  हावड़ा की कुल 16 सीटों पर  चुनाव हो चुका है। हावड़ा से कांग्रेस को 5 सीटें मिलने की उम्मीद है,  जिसमें  हावड़ा मध्य, उलूबेरिया दक्षिण, बागनान, आमता और उदयनारायणपुर हैं। हावड़ा  मध्य,  जहां भाजपा के संजय सिंह  तृणमूल को कड़ी टक्कर देंगे  और आमता सीट पर भी  कांटे की टक्कर होने की संभावना है। इन 16 सीटों में, भाजपा को 9 सीटें मिलती दिख रही हैं, जिसमें  उलूबेरिया उत्तर,  श्यामपुर, जगतबल्लभपुर, हावड़ा  उत्तर, शिवपुर,  हावड़ा  दक्षिण, शंकराइल, उलुबेरिया पूर्व  और  डोमजूर  केंद्र से राजीव बनर्जी के जीतने की पूरी संभावना है। भाजपा की इन 9 सीटों में से  हावड़ा  दक्षिण  में कांटे की टक्कर हो सकती है। बाकी 2 सीटों में से  बाली सीट पर  त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी संभावना है  या तो सीपीएम नहीं तो भाजपा  और पांचला सीट से  आईएसएफ का जीतना लगभग तय है।

अब चलते हैं पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की 18 सीटों की तरफ।  एक समय था, जब लग रहा था कि हुगली में भाजपा को 18 में से 18 सीटें मिलेंगी,  लेकिन उम्मीदवार के चयन को लेकर यहां  भाजपा के अंदरूनी कलह ने  तृणमूल कांग्रेस को बहुत बड़ी जगह दे दी। 18 में से 13 सीटें मिलने की उम्मीद है भाजपा को,  जिसमें  श्रीरामपुर, सिंगूर, चंदननगर, चूंचूरा, बालागढ़, सप्तग्राम, जंगीपाड़ा,  धनिया खाली, तारकेश्वर,  जहां से राज्यसभा के सांसद स्वपन दासगुप्ता चुनाव लड़ रहे हैं, खानाकूल, गौ घाट, आरामबाग, कुरकुरा।  इन 13 सीटों में ऐसी एक भी सीट नहीं है,  जहां कांटे की टक्कर हो। हुगली में तृणमूल को 4 सीटें मिल सकती हैं  और चारों सीट कांटे की टक्कर की हैं। इनमें से उत्तरपाड़ा, हरिपाल,  जामदानी  जहां से कांग्रेस के  नेता अब्दुल मन्नान  त्रिकोणीय मुकाबले में हार सकते हैं। एक और सीट पांडवा पर कांग्रेस आ सकती है। बाकी बची चंडीतल्ला सीट से सीपीएम के जीतने की उम्मीद दिख रही है।

अब चलते हैं कूच बिहार की तरफ।  कूच बिहार की कुल 9 सीटों पर चौथे चरण में ही चुनाव हो गया था। यहां की 9 सीटों में से 7 सीटों पर बीजेपी के  जीतने की संभावना दिख रही है,  जिसमें मेकलीगंज, माथाभांगा,  कूचबिहार उत्तर और दक्षिण, दिनाहाटा, नाटा बाड़ी और तूफानगंज,  सीताई   टीएमसी के पक्ष में जा सकती हैं। बाकी बचा जिला अलीपुरद्वार।  यहां की 5 सीटों पर  भाजपा जीत सकती है।

पश्चिम बंगाल में पांचवें और छठे चरण में  कुल 88 सीटों पर मतदान कराया गया,  जिसमें उत्तर 24 परगना की 33, पूर्व वर्धमान जिला की 16, नदिया जिले की 17, जलपाईगुड़ी की 7, उत्तर दिनाजपुर की 9 और दार्जिलिंग जिले की 6  सीटें शामिल हैं। पहले देखते हैं उत्तर 24 परगना की  33 सीटों का लेखा-जोखा। मतुआ संप्रदाय के लोगों से  भरे इस जिले से भाजपा को 19 सीटें मिल सकती हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 11, सीपीएम को एक  और आईएसएफ को 2 सीटें मिल सकती हैं। अब चलते हैं भाजपा की उन 19 सीटों की ओर, जिसे वह  दखल कर सकती है। उनमें पानीहटी, दमदम, राजारहाट, न्यूटाउन, राजाघाट गोपालपुर, बिधाननगर, बारासात, संदेश खाली, बसीरहाट दक्षिण, हिंगलगंज,  बागदा, बनगांव, उत्तर और दक्षिण गाईघाटा, हावड़ा, अशोकनगर, नैहाटी, भाटपाड़ा, नोवापाड़ा, बैरकपुर। इन 19 सीटों में से  अशोकनगर, हावड़ा, बागदा, पानीहाटी और संदेश खाली में  जोरदार मुकाबला होने की संभावना है। दूसरी ओर जिन 11 सीटों पर टीएमसी के आगे चलने की संभावना है, उनमें कमरहटी, बारानगर, मध्यमग्राम, हटवा, मीणाका, जगदल, खड़दह, सरूप नगर, बादुरिया, बीजपुर  और आमडांगा  शामिल हैं। इसमें से आमडांगा,  बारानगर, बीजपुर, मीनाका में भाजपा के साथ  टीएमसी की कांटे की टक्कर हो सकती है।  इसके अलावा   हड़वा सीट पर  आईएसएएफ के साथ  हजार  मतों के अंतर से फैसला हो सकता है। इस जिला से  आईएसएफ को  देगंगा और  बसीरहाट उत्तर सीट मिल सकती है। दमदम  उत्तर सीट से  सीपीएम बाजी मार सकती है।

दो चरणों में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की जिन 7 सीटों पर चुनाव हुआ था, सात में से 7 सीट भाजपा की ओर जा सकती है। इनमें धूपगुड़ी, मायनागुड़ी, जलपाईगुड़ी, राजगंज, दूबग्राम, माल बाजार, नागरा काटा  सीट शामिल हैं। इनमें से एकमात्र मालबाजार सीट पर ही  टीएमसी मुकाबले में है। दो चरणों में हुए  उत्तर दिनाजपुर की 9 सीटों में 6  सीटें  भाजपा जीत सकती है। इनमें इस्लामपुर, चाकुलिया, करंडीघी, रायगंज, कालियागंज, और हेमताबाद सीट शामिल हैं।  यहां की सभी 6 सीटों में बीजेपी कंफर्टेबल पोजीशन में है। दूसरी ओर जिला की 3 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का परचम लहरा सकती है। इसमें  ईटा हार, चोपड़ा,  गोलपोखर हैं। सभी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का  दबदबा दिख रहा है।

दो चरणों में  नदिया जिले की कुल 17 सीटों पर चुनाव हुआ है।  इसमें से भाजपा को 13 सीटें मिलने की उम्मीद है।  बाकी 4 सीटें तृणमूल कांग्रेस के पास रह सकती हैं। भाजपा को 13 सीटें जहां मिल सकती हैं, उनमें  शांतिपुर, राणाघाट उत्तर, किशनगंज, राणाघाट उत्तर पूर्व, राणाघाट दक्षिण, चकदा, कल्याणी, नदिया, तेहट्टा, नकटी पाड़ा, कृष्ण नगर उत्तर  और कृष्णानगर  दक्षिण शामिल हैं। इनमें से कृष्णा नगर दक्षिण  और नक्काशीपाड़ा सीट पर कांटे की टक्कर है। तृणमूल कांग्रेस जिन 4 सीटों पर आगे दिखती है, उनमें से  करीमपुर, पलासी पाड़ा, कलियागंज, चोपड़ा शामिल हैं। इन सभी चारों सीटों पर वैसे कांटे की टक्कर है।

अब चलते हैं अंतिम दो चरण के चुनाव की ओर।  अंतिम दो चरणों में कुल 71 सीटों पर  चुनाव कराया गया,  जिसमें मुर्शिदाबाद की 22, मालदा की 12,  बीरभूम की 11, कोलकाता की 11, दक्षिण दिनाजपुर की 6  और पश्चिम बर्दवान की 9 सीटें शामिल हैं।  पहले चलते हैं कोलकाता की 11 सीटों पर।  कोलकाता की इन 11 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस को 7 सीटें मिल सकती हैं।  भाजपा को 3  और सीपीएम को 1 सीट मिल सकती है। तृणमूल कांग्रेस को कोलकाता पोर्ट, चौरंगी, इंटाली, बेलेघाटा, श्यामपुर, काशीपुर बेलगछिया और मानिकतला मिल सकती हैं। इसमें से चौरंगी सीट पर सबसे ज्यादा रोमांचक लड़ाई दिख रही है। भाजपा जिन 3 सीटों पर जीतती दिख रही है,  उसमें से जोड़ासाँको, भवानीपुर और रासबिहारी हैं। बालीगंज सीट पर  त्रिकोणीय मुकाबला है। यह सीट  सीपीएम के पक्ष में जा सकत है।

अब चलते हैं दक्षिण दिनाजपुर की  6 सीटों को ओर। यहां बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस तीन-तीन सीटों पर बराबरी कर सकती हैं। बालूरघाट,  तापन और गंगारामपुर  भाजपा के पक्ष में जा सकती हैं  और  कुशमंडी, कुमारगंज, हरिहरपाड़ा। अब चलते हैं मालदा। यहां की 12 सीटों में से  भाजपा को 6 सीटें मिल सकती हैं। तृणमूल कांग्रेस को दो और कांग्रेस को 4 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को जो  सीटें मिलने की उम्मीद हैं, उनमें से  हबीबपुर, गाजल, मानिक चौक, मालदा, वैष्णव नगर और इंग्लिश बाजार। इन सभी चीजों से भाजपा काफी मार्जिन से जीत सकती है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस को जो-जो सीटें मिलती दिख रही हैं, उनमें हरिश्चंद्रपुर और रतवा सीटों पर कांटे की टक्कर है। मालदा में कांग्रेस के पास जो 4 सीटें जाती दिख रही हैं,  उनमें मालतीपुर, चाचल, सूजापुर और मातावाड़ हैं। चारों सीटों से कांग्रेस काफी बड़ी मार्जिन से जीत सकती है।

अब चलते हैं मुर्शिदाबाद की ओर।  मुर्शिदाबाद की 22 सीटों में से  कांग्रेस 9 सीटों पर बाजी मार सकती है। कांग्रेस 9,  सीपीएम 2  और भाजपा 2 सीटें जीत सकती है। तृणमूल कांग्रेस खाड़ग्राम, बर्दवान, रेजीनगर, नवधा, शमशेर गंज, सुती, जंगीपुर, रघुनाथगंज और भगवानगोला में कांग्रेस के साथ सीधा मुकाबला दिख रहा है। कांग्रेस को जिन 9 सीटों पर  जीत हासिल हो सकती है,  वे हैं- कांडी, भरतपुर, बेलडांगा, बहरामपुर, हरिहरपारा, डोमकॉल, रानी नगर, लालगोला  और फरक्का। भाजपा  मुर्शिदाबाद और सागरदिघी सीट पर  जीत कर जिला में खाता खोल सकती है।  दूसरी ओर नवग्राम और जालंगी सीट पर  कठिन संग्राम के जरिए भाजपा को जीत मिल सकती है। अब चलते हैं बीरभूम की तरफ।  यहां की 11 सीटों में से  5 सीटें भाजपा को, 4  तृणमूल कांग्रेस को, एक सीट कांग्रेस और फॉरवर्ड ब्लॉक को मिल सकती है। भाजपा को जो सीटें मिल सकती हैं, उनमें दुबराजपुर, सूरी, बोलपुर, मयूरेश्वर, और रामपुरहाट हैं। तृणमूल कांग्रेस जिन 4 सीटों पर जीत सकती है, वे हैं-  नानूर, लवपुर, साइंथिया और मुरारी। ये चारों सीटें तृणमूल की सुरक्षित सीटें रही हैं। कांग्रेस को नलहटी सीट मिल सकती है।

अब बाकी बचीं पश्चिम बर्दवान की  9 सीटें। इसमें भी भाजपा को 6 सीटें मिलती दिख रही हैं। पश्चिम बर्दवान की 6 सीटों में से दुर्गापुर पूर्व, दुर्गापुर पश्चिम, रानीगंज, आसनसोल दक्षिण, कुल्टी और बराबनी  यानी 6 सीटें भाजपा के लिए  काफी सुरक्षित सीटें मानी जा रही हैं। पांडवेश्वर, आसनसोल उत्तर, जमुड़िया  तृणमूल के पास जाती दिख रही हैं, लेकिन  कांटे की टक्कर होगी।

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