किस्मत के खेल निराले, कभी कुर्सी पर मंत्री थीं, अभी जेल में अभियुक्त

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  • फरार मंत्री ने बुरका पहनकर किया आत्मसमर्पण
  • दो दिनों तक पुलिस ने की थी घर की संपत्ति कुर्क

बेगूसराय। किस्मत इसी को कहते हैं। कभी राजनीति में कुलाचें मारने वाला जेल जाये तो इसे किस्मत का ही तो खेल कहेंगे। बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने पुलिस की बढ़ती दबिश के बाद मंगलवार को आखिरकार सरेंडर कर ही दिया। बड़े नाटकीय ढंग से वह कोर्ट पहुंचीं। बुर्का पहन कर मंझौल कोर्ट में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।

इनके आत्मसमर्पण करने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। मंत्री के आत्मसमर्पण से पुलिस ने चैन की सांस ली है। मंगलवार को मंझौल कोर्ट में अचानक मंजू वर्मा बुर्का पहन कर जज के समक्ष प्रस्तुत हो गईं। इसके बाद कोर्ट में अफरातफरी मच गई। ज्ञात हो कि  मुजफ्फरपुर बालिका गृह महापाप में नाम सामने आने के बाद पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इस्तीफा के पहले वह सफाई देती रहीं। बढ़ती बहस केख उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सीबीआइ की टीम ने जिले के चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र में इनके पैतृक आवास पर छापेमारी की थी। जिसमें पुलिस को अवैध कारतूस मिले थे। इस मामले में मंत्री समेत उनके पति चन्द्रशेखर वर्मा पर आर्म्स एक्ट की प्राथमिकी दर्ज की गयी।

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इनसे कुछ दिन पहले ही चंद्रशेखर वर्मा ने सरेंडर किया था। इस मामले में  पटना हाईकोर्ट ने भी मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट बार-बार मंजू वर्मा की फरारी को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब कर रहा था। 3 दिन पहले ही मंजू वर्मा के अर्जुन टोला स्थित घर की कुर्की जब्ती की गई है।

मंजू वर्मा की तलाश में कई जगह पर छापेमारी की जा रही थी। मंगलवार की सुबह करीब 11:15 बजे मंजू वर्मा ने बेगूसराय के मंझौल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। मंजू वर्मा आत्मसमर्पण करने के लिए बुर्का पहन कर आई थी। उनका चेहरा ढका हुआ था। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए मंजू वर्मा बुर्का पहनकर कोर्ट पहुंची थीं। सूबे के डीजीपी केएस द्विवेदी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तलब किया है।

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