फीस माफी पर डेढ़ महीने से शिक्षा मंत्री सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं, आदेश नहीं: अजय राय

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निजी स्कूलों में फीस माफी को लेकर कांग्रेस अपना स्टैंड क्लीयर करे : अजय राय

सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी, तो मजबूरन पैरेंट्स एसोसिएशन जाएगा कोर्ट- राय

रांची: बढ़ते तापमान के साथ लॉकडाउन फीस मामले पर सियासत का तापमान भी बढ़ गया है। इधर अभिभावकों के हित में उतरे फेडरेशन ऑफ पैरेंट्स एसोसिएशन (इंडिया) के महासचिव अजय राय लगातार अपनें बयानों से सरकार और उनके मंत्री को फीस माफी को लेकर मीडिया के माध्यम से अवगत करा रहे हैं। लेकिन सरकार है कि इस अहम मुद्दे पर एक शब्द बोलने को तैयार नहीं। इस मामले पर अजय राय ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की विश्वसनीयता अधर में लटका हुआ प्रतीत होता है। अगर ऐसा नहीं होता तो शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो द्वारा दिये जा रहे बयान के दावे जमीन पर उतरते हुए दिखाई देते। लेकिन उनके लगातार बयानबाजी से स्कूलों पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिखाई दे रहा। उल्टा अभिभावक असमंजस की स्थिति में जरूर आ गए हैं।

अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा

अजय ने अपने बयान में कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान के बाद स्कूलों की ओर से लगातार नोटिस के माध्यम से अभिभावकों पर अविलंब फीस जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है। आखिर ऐसे में अभिभावक करें तो क्या करे ? ऐसे में अजय राय ने शिक्षा मंत्री से ये किया है कि अभिभावक कब तक धैर्य रखें, मंत्री जी ये बताएं ?

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अभिभावक फीस जमा करें या घर चलाएं

राय ने कहा कि एसोसिएशन के पास पूरे राज्य के कई जिलों से अभिभावक लगातार अपनी भावनाओं और मजबूरियों से अवगत करा रहे हैं कि स्कूलों द्वारा फीस जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में वो घर चलायें या फीस जमा करें। अगर फीस जमा नहीं करते है तो बच्चों को किताबें नहीं दी जा रही हैं और वहीं बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित किया जा रहा है। इन बातों से लगातार मंत्री के अवगत कराने के बावजूद भी वह कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

कोविड-19 लॉकडाउन में हर लोग घरों में बन्द हैं ऐसे में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों का उनका धंधा पानी पूरी तरह बंद है। वहीं  गैर सरकारी कर्मचारियों को सैलरी के लाले पड़े हुए हैं। इस परिस्थिति  में वह फीस जमा करें तो कहां से, यह सबसे बड़ा प्रश्न बन गया है।

पैरेंट्स एसोसिएशन कोर्ट जाएगा

अजय ने कहा कि अगर तत्काल इस पर राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है तो मजबूरन पैरेंट्स एसोसिएशन कोर्ट जाएगा।

क्या है मामला ?

दरअसल झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने निजी स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान फीस माफ करने का सुझाव दिया था और कहा था कि, निजी स्कूल अगर इसका पालन नहीं करेंगे तो, लॉकडाउन के बाद सभी स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी की ओर से जगन्नाथ महतो के बयान को खारिज कर अभिभावकों से स्कूल फीस जमा कराने की बात कही गई थी।

वहीं, फेडरेशन ऑफ पैरेंट एसोसिएशन और ऑल स्कूल पैरंट एसोसिएशन (ASPA) की तरफ से भी लॉकडाउन की अवधि में पूरी फीस माफ करने का आग्रह किया गया था। लेकिन अभी तक इसपर कोई ठोस नतीजा नहीं आने से फेडरेशन ऑफ पैरेंट एसोसिएशन और ऑल स्कूल पैरंट एसोसिएशन (ASPA) को सरकार से काफी नाराजगी भी है और उम्मीद भी।

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