बंगाल का हालः लोकसभा में साथ, विधानसभा में कुट्टी चाहती है माकपा

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सीताराम येचुरी ने हिन्दू देवी-देवताओं को हिंसक कहा
सीताराम येचुरी

कोलकाता। आगामी लोकसभा चुनाव में केन्द्र की भाजपा को परास्त करना ही सीपीएम का एकमात्र लक्ष्य है। सीताराम येचुरी ने कोलकाता में यह बात स्पष्ट करते हुए कहा कि इसके लिए वे केन्द्र में गैर भाजपा किसी भी पार्टी के साथ भी गठबंधन के लिए तैयार हैं। इसके अलावा लोकसभा में माकपा के सदस्यों में वृद्धि करना भी लक्ष्य है। इसके लिए वे केन्द्र में ममता बनर्जी के साथ भी जा सकते हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी से गठबंधन से उन्होंने साफ इनकार कर दिया। इससे यह साफ हो गया है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) लोकसभा में ममता के साथ रहना चाहती है तो विधानसभा चुनाव के दौरान कुट्टी करना चाहती है।

उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र में अगली बार कमल खिलने से किसी भी तरह रोकना होगा। इसलिए भाजपा के सहयोगियों को भी हराने लिए हमें तैयार रहना होगा। आगामी लोकसभा चुनाव में माकपा की रननीति के बारे में उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में भाजपा को रोकना ही हमारी असल रणनीति है। होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद रणनीति स्पष्ट होने की बात भी उन्होंने कही।

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इधर आगामी लोकसभा चुनाव के पहले जनवरी में  तृणमुल कांग्रेस की ओर से कोलकाता के ब्रिग्रेड पैरेड ग्राउंड में आयोजित होने जा रही महारैली में भाग लेने के लिए दक्षिण में माकपा शासित राज्य केरल के प्रतिनिधियों को आमंत्रण दे दिया गया है। सीताराम येचुरी ने इशारों में ही यह भी साफ़ कर दिया कि उस रैली में ममता बनर्जी की ओर से निमंत्रण मिलने पर राज्य के माकपा नेता भी उस रैली में उपस्थित होंगे। असल में इसी साल मई माह में बेंगलुरू में कांग्रेस व जेडीएस सरकार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में जिस तरह येचुरी व ममता को गुप्तगु करते देखा गया था, उसी समय से यह सवाल साफ होने लगा था, जो येचुरी ने अब स्पष्ट कर दिया है।

इधर राज्य में तृणमूल की हालत भी खस्ता है। विभिन्न सर्वे में यह साफ हो रहा है कि तृणमूल को झटका लग सकता है। अब सवाल यह है कि केन्द्र के साथ राज्य में भी भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन हो पायेगा? इस विषय़ पर पूछे जाने पर राज्य भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि चुनाव के पहले सभी स्वार्थी अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट होंगे, लेकिन उससे भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा। माकपा के एक नेता का कहना है कि ममता बनर्जी से गठबंधन करने से राज्य में माकपा का झंडा उठाने के लिए लोग नहीं बचेंगे।

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