इसलिए जरूरी है आपातकाल के दिनों को याद रखना !
सुरेंद्र किशोर
आपातकाल-पीड़ित लोगबाग हर साल इमरजेंसी की वर्षगांठ मनाते हैं। मनाना जरूरी भी है। क्योंकि 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश...
जेपी मूवमेंट में विपक्षी नेताओं की भीड़ से सशंकित थे चंद्रशेखर
जयप्रकाश के आंदोलन (जेपी मूवमेंट) में लगातार विपक्षी नेताओं और युवाओं का साथ मिलता गया. इससे जयप्रकाश आंदोलन के सेनानी उत्साहित थे, लेकिन चंद्रशेखर...
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रेप की घटनाओं को ले आपातकाल
के. विक्रम राव
इस्लामी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सोमवार (20 जून 2022) से आपातकाल का ऐलान हो गया है। कारण : वहां बलात्कार...
प्रलेक प्रकाशन की शिनाख्त सीरिज में- ‘कृपाशंकर चौबे एक शिनाख्त’
ओमप्रकाश अश्क
प्रलेक प्रकाशन, मुंबई ने पत्रकार, स्तंभकार, टिप्पणीकार, निबंधकार, साहित्य समालोचक कृपाशंकर चौबे के सृजन और शोध पर 464 पृष्ठों का ग्रंथ अभी-अभी...
संपूर्ण क्रांति- जेपी के दो शब्दों से बदल गयी थी देश की सियासी तस्वीर
ओमप्रकाश अश्क
वर्ष 1974 की तारीख 5 जून. यही वह दिन था, जब जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने पटना के गांधी मैदान में दो शब्दों-...
पटेल ने जम्मू-कश्मीर के सवाल पर इस्तीफे की पेशकश कर दी थी
नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को पटेल के नियंत्रण से निकालकर इसे गोपाल स्वामी अयंगर के नियंत्रणाधीन दे दिया। इससे पटेल की भावनाएं गहराई से आहत...
पाकिस्तानी सेना के जनरल को जब हमारे जवानों ने बचा लिया
पाकिस्तानी सेना के जनरल एके नियाजी जब बांग्लादेश युद्ध में हार के बाद सरेंडर कर रहे थे तो वहां मौजूद भीड़ उन्हें मारने पर...
जुगनू शारदेय नहीं रहे, सोशल मीडिया पर छायी निधन की सूचना
जुगनू शारदेय चले गये। अपने जमाने के नामी पत्रकार। स्वाभीमानी और संयत. अंतिम दिनों में उनका अकेलापन, उनके जाने से दुखी नहीं करता। इसलिए...
सिन्हा लाइब्रेरी वाले सच्चिदानंद सिन्हा का नाम क्या आपने सुना है ?
प्रेमकुमार मणि
पटना के सिन्हा लाइब्रेरी वाले सच्चिदानंद सिन्हा का नाम क्या आपने सुना है ? मुझे बिहार की कुछ चुनिंदा विभूतियों के प्रति...
ओशो ने प्रवचन में कहा था- निंदा रस का धंधा है तुम्हारी पत्रकारिता
ओशो ने प्रवचन में कहा था- निंदा रस का धंधा है तुम्हारी पत्रकारिता। पत्रकारों की दृष्टि ही मिथ्या हो जाती है। उनके धंधे का...