बिहार एनडीए में मचे घमासान पर बीजेपी ने लगाया विराम, बदले सुर

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संजय जयसवाल ने नीतीश शासन की तारीफ के पुल बांधे। कहा राजद शासन में लोगों का घर से निकलना मुश्किल था, लेकिन नीतीश शासन में बदमाश जेल गये या मारे गये।
संजय जयसवाल ने नीतीश शासन की तारीफ के पुल बांधे। कहा राजद शासन में लोगों का घर से निकलना मुश्किल था, लेकिन नीतीश शासन में बदमाश जेल गये या मारे गये।

पटना। बिहार एनडीए में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रमुख घटक बीजेपी नीतीश कुमार पर लगातार हमले कर रही है। वैसे बीजेपी के सुर आज बदले दिखे। बयाबाजी की शुरुआत बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने यह कह कर की थी कि दलितों पर एक खास समुदाय के लोग हमले कर रहे हैं। पुलिस पीडितों को ही जेल भेज रही है। उसके बाद बीजेपी कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री जनक राम और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने भी सुर मिलाना शुरू कर दिया। जनक राम ने दो जिलों के प्रशासन प्रमुखों को चिट्ठी लिख कर लगभग वही आरोप लगाये हैं, जो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने लगाये थे। दूसरी ओर नीतीश कुमार आदतन चुप हैं। अलबत्ता उनके सेनानी इसका जवाब दे रहे हैं। जीतन राम मांझी ने तो यहां तक कह दिया है कि दलितों और मुलमानों की एकजुटता देख कर संजय जयसवाल के पेट में मरोड़ उठ रहा है।

वैसे नीतीश सरकार की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाने वाले संजय जयसवाल के सुर आज बदले दिखे। संभव है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें तल्ख टिप्पणी से परहेज करने को कहा हो। इसके पहले भी नीतीश कुमार के खिलाफ ऊटपटांग बयान देने वाले बीजेपी एमएलसी टुन्ना पांडेय को संजय जयसवाल ने पार्टी से निकाल दिया था। फिलहाल कई राज्यों में बीजेपी की स्थिति कमजोर हुई है। खासकर बंगाल में आशातीत सफलता न मिलने और पार्टी में भगदड़ को ध्यान में रखते हुए बीजेपी नहीं चाहेगी कि जिन राज्यों में वह सरकार की सहयोगी है, वहां कोई बखेड़ा हो। यूपी में बीजेपी अपने ही लोगों में उलझी हुई है। पंचायत चुनावों में पार्टी का परफार्मेंस काफी चिंताजनक रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर बीजेपी के विधायक सवाल उठा रहे हैं। इसलिए बिहार में बीजेपी कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहेगी।

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नीतीश कुमार की सरकार की संजय जयसवाल ने तारीफ की

संजय जयसवाल ने आज नीतीश सरकार के कोविड प्रबंधन की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोविड प्रबंधन के मामले में बिहार सरकार की तैयारियां और काम पूरे देशभर में  बेमिसाल साबित हुए हैं। चाहे वह अर्थव्यवस्था की बात हो या आम लोगों की जिन्दगी की चिंता, बिहार सरकार ने सही समय पर वे सारे निर्णय लिए लिए हैं, जो एक जिम्मेदार राज्य सरकार को लेने चाहिए। सीमित संसाधनों के बावजूद बिहार सरकार द्वारा लिए गये फैसले वास्तव में पूरे देश के सामने एक उदहारण बन के उभरे हैं, जिससे सभी को सीख लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग की आज हुई बैठक में लिए गये निर्णयों में सरकार ने समाज के हर तबके का ख्याल रखने का भरपूर प्रयास किया है। 2:00 बजे दिन तक ज्यादातर दुकानों में काम अच्छे से नहीं हो पाता था, इसलिए आने वाले समय में होने वाली धान की रोपनी और अन्य फसलों की जरूरतों को देखते हुए सरकार ने अन्य दुकानों के साथ-साथ खाद-बीज की दुकानों को भी सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने की घोषणा की है, जिससे आम जन और खेती-किसानी से जुड़े कार्य अनिर्बाध रूप से चलते रहेंगे। इसके अलावा 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सरकारी व निजी कार्यालयों को 4 बजे तक खोलने की घोषणा भी नौकरी पेशा वर्ग के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को सहूलियत प्रदान करने वाली है। निजी वाहनों को भी छूट दी गयी है। वहीं ऑनलाइन शिक्षण कार्य भी किये जा सकेंगे। इस बीच राज्य में शाम 7 बजे सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा।

जयसवाल ने कहा कि सरकार ने भीड़ जुटाने वाले कार्यक्रमों पर रोक को बरकरार रखा है, वहीँ रेस्टोरेंट को होम डिलेवरी के लिए सुबह 9 से रात 9 तक खुलने की अनुमति दे दी है। यह दिखाता है कि सरकार के लिए आमजन सर्वोच्च हैं। उन्होंने कहा कि आज लिए गये निर्णयों से बिहार सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अगर नीति स्पष्ट हो तो राह में कोई भी बाधा टिक नहीं सकती। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी बिहार ने कोरोना (कोविड) आपदा को रोकने से लेकर टीकाकरण तक में पूरे देश के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की है। आज सही स्थिति यही है की कोरोना की सबसे बडी़ लहर को हम पार कर चुके हैं। सभी जिलों में आज 50 से कम केस हैं।

सरकार के कार्यों और आम जनता की एकजुटता से आज बिहार में कोरोना के मामले लगातार घटते जा रहे हैं, लेकिन एक पुरानी कहावत है कि सतर्कता हटी, दुर्घटना घटी। दुर्घटना कभी कहकर नहीं आती है। अगर हम लगातार गलतियां करेंगे तो कभी भी कोरोना पुनः आ सकता है। इसलिए इस छूट के बावजूद हमारी सावधानियों में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की है कि मास्क व दो गज की दूरी का निरंतर पालन करें। इसके अलावा खुद भी टीका लें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। आपसी एकजुटता ही इस जंग में हमारा सबसे प्रभावी हथियार है। इसी से हम इस जंग को जीत सकते हैं।

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