रांची/ पटना। बिहार अभी 8 जून तक लाक रहेगा, लेकिन कुछ छूट भी रहेगी। इधर झारखंड में 3 जून के बाद राहत की उम्मीद है। CM हेमंत सोरेन ने जनता से राय मांगी है। तीसरी बार बिहार में लाक डाउन की मियाद बढ़ायी गयी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय बैठक के बाद लाकडाउन की मियाद 8 जून तक बढ़ाने की घोषणा की है। पूर्व की तरह इस दौरान सभी कार्यालय बंद रहेंगेसार्वजनिक स्थलों और समारोहों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। वाहनों और व्यक्तियों के आवागमन पर रोक जारी रहेगी। सरकारी दफ्तर शाम 4 बजे तक ही खुलेंगे। गैर सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
चूंकि ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, इसलिए यात्रियों की सुविधा के लिए बंदिश के लिए उनके लिए सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था की जाएगी। एक बड़ी राहत सरकार ने इस दौरान यह दी है कि बाजार की सभी दुकानें अब एक दिन के अंतराल पर खुलेंगी और इसकी समय सीमा सुबह 6 बजे से दिन के 2 बजे होगी। इस बारे में आदेश जारी करने का अधिकार डीएम को दिया गया है।
ठेले पर सब्जी, फल की बिक्री घूम-घूम कर करनी होगी। खेती से संबंधित उपकरणों और सामान की दुकानें हर दिन सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी। मांस-मछली-अंडा की दुकानें हर दिन खुलेंगी। इनके लिए भी 6 से 2 बजे का ही समय निर्धारित किया गया है। बैंकिंग सेवा पूर्ववत रहेगी।
दुकानें खोलने की शर्त भी सरकार ने रखी है। हर दुकान के सामने सैनेटाइजर रखना आवश्यक होगा। दुकान के कर्मचारी और दुकानदार मास्क पहनेंगे। दुकानों पर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन आवश्यक होगा। इसका पालन न करने पर प्रशासन दुकानों को अस्थायी तौर पर बंद करने की कार्रवाई करेगा। कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बैठने की क्षमता 50 होगी। यानी कुल क्षमता के आधे यात्री ही बिठाए जाएंगे।
झारखंड में 3 जून से मिल सकती है राहत
इधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर लोगों से लाकडाउन के मुद्दे पर सलाह मांगी है। उन्होंने कहा कि जीवन और जीविका के संघर्ष में हमारा ध्यान जीविका पर है। लोगों के सहयोग से हमने कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पा लिया है। इससे अनुमान लगाया जाता है कि 3 जून के बाद झारखंड में लाकडाउन खत्म हो सकता है या काफी रियायतें मिल सकती है। परिवहन के लिए ई-पास की बाध्यता भी खत्म होने के संकेत हैं। अभी निजी वाहन निकालने के लिए ई-पास की बाध्यता है। यहां तक बाजार करने के लिए भी ई-पास आवश्यक कर दिया गया है। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की गयी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
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