नाबालिग से रेप मामले में विधायक राजवल्लभ यादव दोषी करार

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अन्य पांच अभियुक्त भी दोषी, 21 को सजा पर होगी सुनवाई

पटना। नाबालिग से दुष्कर्म मामले के आरोपी राजद के निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव को स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सांसदों एवं विधायकों के मुकदमे की सुनवाई के लिए पटना में गठित विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव ने राजबल्लभ को दुष्कर्म के मामले में दोषी माना है। कोर्ट नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में विधायक को भारतीय दंड विधान और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो ऐक्ट) के तहत सजा सुनएगी। सजा के बिंदु पर 21 दिसंबर को सुनवाई होगी।

करीब ढाई साल से जेल में बंद राजबल्लभ रेप मामले में दोषी करार दिए जाने के दौरान कोर्ट में मौजूद था। उसके अलावा अन्य पांच अभियुक्त भी राजबल्लभ के साथ कोर्ट पहुंचे थे। राजवल्लभ के साथ अन्य पांच अभियुक्तों को भी कोर्ट ने दोषी माना है। अन्य पांच आरोपियों

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में आरोपी सुलेखा देवी, राधा देवी, टूसी कुमारी, छोटी उर्फ अमृता कुमारी एवं संदीप सुमन उर्फ पुष्पंजय को आपराधिक षड्यंत्र के तहत बालात्कार में सहयोग करने के लिए भारतीय दंड विधान, पॉक्सो ऐक्ट और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है। सुलेखा देवी पर नाबालिग से देह व्यापार कराने के का मामला है। सुलेखा ने ही नाबालिग को राजबल्लभ के हवाले किया था। राधा देवी, टूसी कुमारी और अमृता कुमारी पर भी देह व्यापार के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा है। राजबल्लभ के बाडीगार्ड संदीप सुमन पर बलात्कार में सहयोग करने को मामला दर्ज हुआ था। मालूम हो कि बिहारशरीफ की एक लड़की से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने पत्र 20 अप्रैल 2016 को आरोप दायर किया था।

अदालत ने संज्ञान 22 अप्रैल 2016 को लिया। अदालत ने आरोपितों के खिलाफ 6 सितंबर 2016 को आरोप गठित किए थे। बिहारशरीफ कोर्ट में गवाही 15 सितंबर 2016 को शुरू हुई थी और बहस भी पूरी हो गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश और एमपी-एमएलए कोर्ट के गठन के बाद सारे रिकॉर्ड ट्रायल के लिए पटना में विशेष अदालत को भेज दिए गए थे। उसके बाद पटना में गठित विशेष अदालत ने मामले पर सुनवाई शुरू की।

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दोषी के सवाल पर करीब चार महीने तक बहस चली। अभियोजन पक्ष की ओर से 22 और बचाव पक्ष की ओर से 15 गवाहों ने गवाही में हिस्सा लिया। 4 दिसंबर को हुई सुनवाई के बाद विशेष जज परशुराम सिंह यादव ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसके बाद कोर्ट ने 15 दिसंबर की तारीख तय की थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मामले में शामिल सभी छह आरोपियों को दोषी माना।

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