बेटियों के कल्याण के लिए बिहार सरकार ने उठाये क्रांतिकारी कदम

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पटना। बिहार सरकार ने राज्य की लड़कियों के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर लगाम लग सकेगा। बिहार सरकार बिहार बोर्ड से 12वीं पास करने वाली हर लड़की को 10000 रुपये स्कॉलरशिप के रूप में दे रही है। इसके अलावा राज्य सरकार लड़कियों को स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने के लिए 25000 रुपये दे रही है। इस योजना का लाभ परिवार के दो बच्चों तक ही सीमित है।

अप्रैल, 2918 में इस योजना के तहत बिहार में अविवाहित लड़कियों में लाभार्थियों की पहचान शुरू की गई। इस योजना के तहत 10,000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता उन छात्रों को दी जा रही है, जिन्होंने इस साल इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को अपडेट किया जा रहा है।

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 महिलाओं के उत्थान के लिए योजनाएं

महिलाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। लड़कियों के जन्म लेने से लेकर स्नातक करने तक सरकार उस पर खर्च कर रही है। उनकी शिक्षा, पोषण, आत्मविश्वास की वृद्धि के लिए सरकार प्रयत्नशील है। मिडिल स्कूल की लड़कियां गरीबी के कारण पोशाक नहीं उपलब्ध होने की वजह से स्कूल नहीं जा पाती थीं। इसके लिए बालिका पोशाक योजना की शुरुआत हुई, जो बाद में हाई स्कूल की लड़कियों के लिए भी लागू की गई। 9वीं कक्षा की लड़कियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की गई, जिससे आज 8 लाख से अधिक लड़कियां सरकारी स्कूलों में जाने लगी हैं। बाद में यह साइकिल योजना लड़कों के लिए भी शुरू की गई। छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देना शुरू किया गया।

 पोशाक राशि भी बढ़ायी गयी

आंगनबाड़ी केंद्रों में सभी बच्चों को पोशाक की राशि उपलब्ध करायी जाती है। बच्ची के जन्म लेने पर अब राज्य के लोगों को खुश होने की जरूरत है, क्योंकि सरकार ने बच्ची के जन्म लेने पर 2 हजार रुपए की राशि उसके परिजन के खाते में जमा करने का निर्णय लिया है। एक साल के बाद आधार से लिंक करने पर एक हजार रुपया तथा दो वर्ष के बाद पूर्ण टीकाकरण होने पर 2 हजार रुपये बैंक खाते में जमा हो जाएंगे। यह योजना दो बच्चों वाले परिवार के लिए लागू होगी। मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत पहले से दूसरे क्लास की छात्राओं की राशि को 400 से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है, तीसरे से 5 वें क्लास के लिए पोशाक राशि 500 से बढ़ाकर 700 रुपये, छठे से आठवें क्लास के लिए 600 से बढ़ाकर 800 रुपये तथा बिहार शताब्दी पोशाक योजना के अंतर्गत 1000 से बढ़ाकर राशि को 1500 रुपये कर दिया गया है।

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किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत सेनेटरी नेपकिन के लिए 150 रुपये की राशि को बढ़ाकर 300 रुपया कर दिया गया है। इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार रुपये की राशि तथा स्नातक पास करने वाली विवाहित या अविवाहित लड़कियों को 25 हजार की राशि राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। यानी राज्य सरकार बच्ची के जन्म लेने से स्नात्तक स्तर तक की पढ़ाई करने तक कुल 54,100 रुपए सरकार खर्च करेगी।

महिला सशक्तीकरण की दिशा में मजबूत कदम

नारी सशक्तीकरण के लिए नवंबर 2005 से सरकार ने कई काम किये हैं। पहले से कानूनी प्रावधान के अनुसार पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान था, लेकिन बिहार सरकार ने महिलाओं की आधी भागीदारी को मानते हुए पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित कर दिया। राज्य में 8 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह का निर्माण हो चुका है, जिसके तहत 92 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। 10 लाख स्वयं सहायता समूह का लक्ष्य है। केंद्र सरकार ने इसे अपनाते हुए आजीविका नाम से संगठन शुरू किया। इससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है औऱ परिवार के लिए आमदनी का श्रोत भी बना हुआ है। यह राज्य में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है।

बेटियां पढ़ेंगी, तभी आगे बढ़ेंगी

बेटियों को बराबरी के लिए सरकार के साथ–साथ समाज को भी काम करना होगा। उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार ने यह यूनिवर्सल कानून लागू किया है। इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा से छुटकारा मिलेगा। लड़कियों की संख्या में वृद्धि होगी। लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं पूर्व से ही चला रही है। सरकार का लक्ष्य है कि वे पढ़ेंगी, तभी आगे पढ़ेंगी।

बच्ची के जन्म के 15 दिन के अंदर मिल रही सुविधाएं

सरकार इस योजना को लोक सेवा अधिकार के तहत शामिल करने के पक्ष में है, ताकि लोक सेवा केंद्र पर बच्ची के जन्म लेने के बाद उसके आवेदन के 15 दिनों के अंदर सारी सुविधाओं का लाभ उसे मिल सके। छात्र-छात्राओं के लिए चलायी जा रही साइकिल योजना के अंतर्गत मिलने वाली 2500 रुपये की राशि को अब बढ़ा कर 3000 रुपये कर दिया गया है। इस कदम से छात्रों में शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।

स्वयं सहायता समूहों को साथ मिलकर काम करने की जरुरत

स्वयं सहायता समूह सामाजिक क्षेत्र में भी अच्छा काम कर रहा है। समाज के सुधार के कार्यक्रम में एकजुट होकर काम करना पड़ेगा। समाज में कुछ विकृत मानसिकता के लोग हैं। सत्ता, शक्ति प्राप्त होने पर आदमी धनोपार्जन, कुकृत्य करने लगता है। इन सब चीजों के प्रति समाज को सतर्क रहना पड़ेगा। इस योजना को पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है, ताकि लाभार्थियों को उचित लाभ मिल सके।

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