किसानों पर मेहरबान बिहार सरकार, हर इच्छुक से धान की खरीद

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पटना। धान खरीद के लिए बिहार सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए धान खरीद के लक्ष्य को सभी किसानों के लिए खुला रखा है। इसका सीधा अर्थ है कि सरकार हर उस किसान का धान समर्थन मूल्य पर खरीदेगी, जो इसकी इच्छा रखते हैं। किसानों को अपना धान बेचने के लिए निबंधन के वक्त ही जानकारी देनी होगी कि उन्होंने कितने रकबे में खेती की है और वे कितना धान बेचना चाहते हैं। धान खरीद के लिए किसानों का निबंधन शुरू है। कृषि विभाग द्वारा पोर्टल भी लांच कर दिया गया है।

सहकारिता विभाग द्वारा अगले वर्ष धान खरीद के लिए किसानों का निबंधन शुरू कर दिया गया है। इसके लिए विभाग द्वारा पोर्टल भी लांच कर दिया गया है। पिछले वर्ष धान की खरीद के लिए शुरू किये गए पोर्टल को देश में प्रथम स्थान मिला था। देखा जाए तो समर्थन मूल्य के दबाव में धान का बाजार भाव भी बढ़ जा रहा है, जिसकी वजह से सरकारी खरीद के आंकड़े भी कम हो सकते हैं। इससे खरीद में पारदर्शिता के कारण किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ जरूर मिल जाता है। खरीद शुरू होने तक धान सुखाने वाली मशीन (ड्रायर) की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जाएगी।

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पिछले वर्ष धान खरीद के निबंधन के बाद कुछ शिकायतें सामने आयीं थीं कि रसीद से भी निबंधन करा कर बिचौलियों ने धान खरीद का लाभ लिया था। इस अनियमितता को सरकार ने गंभीरता से लिया और इसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाते हुए निर्णय लिया कि किसानों के निबंधन की स्थलीय जांच भी इस बार करायी जाएगी, जिससे दूसरे की रसीद पर निबंधन करने वाले रैयत किसान या गैर रैयत किसान के नाम पर निबंधन करने वाले बिचौलिए पकड़े जायेंगे। पिछले वर्ष 53 प्रतिशत रैयत और 47 प्रतिशत गैर रैयत किसानों ने धान बेचा था।

सभी किसानों का निबंधन कृषि विभाग के पोर्टल पर ही होगा। इसके लिए अलग से कृषि विभाग के पोर्टल पर जाने की जरूरत किसानों को नहीं है। सभी पोर्टल जोड़ दिए गए हैं। सहकारिता विभाग में फसल सहायता के लिए बने पोर्टल पर धान खरीद का भी आवेदन होगा। किसानों को निबंधन के वक्त ही जरूरी कागजात अपलोड करना होगा और उन्हें एसएमएस द्वारा जानकारी दे दी जाएगी। इस बार ऑनलाइन निबंधन को फुल प्रूफ बनाने के लिए आधार कार्ड और जमीन के कागजात से जोड़ा गया है। पहले से निबंधित किसान भी कृषि विभाग से आईडी प्राप्त कर पंजीकरण करा सकते हैं।

धान खरीद के लिए पैक्स और व्यापार मंडल को दो रुपये, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक को पांच रुपये और राज्य सहकारी बैंक को 50 पैसे प्रति क्विंटल प्रबंधकीय अनुदान देने की सरकार द्वारा व्यवस्था है। इस वर्ष 11.86 लाख टन धान की खरीद हुई थी। लगभग 1.63 किसानों ने सरकार को धान बेचा था। पिछले साल सामान्य धान की कीमत प्रति क्विंटल 1550 रुपये और ग्रेड ए धन के लिए 1570 रुपये समर्थन मूल्य किसानों को मिला था। इस बार ये 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर क्रमशः सामान्य धान 1750 रुपये और ग्रेड ए धान 1770 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। कीमत बढ़ जाने से बिहार के किसानों को इस बार 12 हजार तीन सौ करोड़ रुपये ज्यादा मिलने की सम्भावना है।

धान खरीद के लिए सरकारी एजेंसियों को प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले लोन पर ब्याज दर घटाकर 7 फीसदी कर दी गई है। किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि धान खरीद का पूरा भुगतान आर.टी.जी.एस.के माध्यम से किसानों के खाते में दो दिनों के अंदर ही कर दिया जायेगा।

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