बिहार में अनंत सिंह की लालटेन जलाने की साध अधूरी रहेगी

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अनंत सिंहः मुंगेर में मिल रही जीत की चुनौती
अनंत सिंहः मुंगेर में मिल रही जीत की चुनौती
  • राणा अमरेश सिंह

पटना। मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की साइकिल से दिल्ली जाने की ख्वाहिश को तेजस्वी व तेज प्रताप यादव ने हवा निकाल दी। अनंत सिंह का महागठबंधन में नो एंट्री का कारण राजद ने उनका आपराधिक छवि का होना बताया है। यद्यपि बुधवार को अनंत सिंह ने लालू यादव के समर्थन में कसीदे काढ़ते हुए उन्हें बिहार का सबसे बड़े जनाधार का नेता बताया था। उसके ठीक दूसरे दिन तेजस्वी यादव ने उन्हें बैड एलीमेंट बताया। राजद को अनंत सिंह की आपराधिक छवि के कारण भाजपा व जद (यू) द्वारा सवाल खड़े करने का भय बन गया था। इस खबर से अनंत सिंह के समर्थकों में मायूसी छा गई है। हालांकि अनंत सिंह के समर्थक  महागठबंधन से टिकट नहीं मिलने पर उनके निर्दलीय लड़ने का दावा कर रहे हैं।

बिहार के सियासी फलक पर पिछले हफ्ते उस समय भूचाल आ गया था, जब निर्दलीय विधायक अनंत सिंह ने महागठबंन के घटक के रूप में राजद के टिकट पर मुंगेर से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने का संकेत दिया। हालांकि राजद ने इसकी पुष्टि नहीं की थी। इस खबर के बाद अनंत सिंह के समर्थक काफी उत्साहित थे। अनंत सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि वे तीन से चार लाख मतों से न सिर्फ जीतेंगे, बल्कि जद (यू) प्रत्याशी की जमानत भी जब्त करा देंगे।

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गुरुवार को जनता दरबार में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अनंत सिंह का राजद में स्वागत किया था, लेकिन तेजस्वी ने उन्हें बैड एलीमेंट कह कर तेज प्रताप के बयान को खारिज कर दिया। दीगर है कि राजद ने भूमिहार जाति के किसी उम्मीदवार को कभी लोकसभा का टिकट नहीं दिया है। अनंत सिंह भी भूमिहार जाति से आते हैं।

दो दिन पहले अनंत सिंह जब दिल्ली से पटना हवाई जहाज से उतरे थे, उस समय एयरपोर्ट पर अनंत सिंह समर्थकों की काफी भीड़ देखी गई थी। उनके समर्थक राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। सूत्रों का कहना है बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह ने उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का रास्ता साफ किया था। लेकिन, दिल्ली के आला नेताओं की सलाह को राजद ने खारिज कर दिया। राजद का मानना है कि इससे विरोधियों को एक संगीन मुद्दा मिल जायेगा और नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार व अपराध के बढ़ते ग्राफ के विरोध में हथियार कमजोर हो जायेगा।

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कभी अपने ड्राइंग रूम में नीतीश कुमार के खासमखास रहे ललन सिंह की तस्वीर लगाने वाले अनंत सिंह आजकल नीतीश कुमार के घोर विरोधी माने जाते हैं। अनंत सिंह पर हत्या व अपराध के 440 मामले न्यायालय में हैं। नीतीश कुमार ने उन्हें राजद-जद (यू) गठबंधन सरकार बनने के दो माह में ही लालू यादव के दबाव पर निकाला था। दरअसल मुजफ्फरपुर जिले में एक यादव युवक की हत्या के पीछे अनंत सिंह का नाम आया था। उस समय सांसद पपू यादव ने मृतक परिवार के परिजनों से मिल कर यादव समाज की एक बड़ी सभा की थी।

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ब्रांडेड कपड़े व हाई-फाई रहन-सहन के शौकीन अनंत सिंह मोकामा विधानसभा की लड़ाई को एकतरफा बना देते हैं। उनका विरोध करनेवाले की खैर नहीं होती है और प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाती है। अब यह  देखना दिलचस्प होगा कि अनंत सिंह मुंगेर से निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं या नहीं।

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