ममता बनर्जी को फिर झटका लगा, राजीव बनर्जी ने छोड़ा साथ

0
240
बीजेपी बंगाल में सत्ता परिवर्तन होते ही बड़े पैकेज का एलान करेगी। यह बात टीएमसी से बीजेपी में आये पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने कही।
बीजेपी बंगाल में सत्ता परिवर्तन होते ही बड़े पैकेज का एलान करेगी। यह बात टीएमसी से बीजेपी में आये पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने कही।

कोलकाता। ममता बनर्जी को फिर झटका लगा है। अब वन व पर्यावरण विभाग के मंत्री राजीव बनर्जी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले दो मंत्रियों ने साथ छोड़ा है। शुभेन्दु अधिकारी और लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी ममता मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। कुछ तो अब बीजेपी के साथ हैं। राजीव बनर्जी के बारे में भी यह चर्चा आम है कि वे भी बीजेपी का हिस्सा बनेंगे।

राजीव बनर्जी के इस्तीफे पर तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने कहा कि यह तो होना ही था। दूसरी ओर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राजीव बीजेपी के साथ आना चाहें तो उनका पार्टी स्वागत करेगी। मीडिया से बात करते समय राजीव बनर्जी ने पार्टी नेताओं का आभार जताया। उनकी आंखों से आंसू भी छलके उन्होंने कहा कि ढाई साल पहले भी उन्होंने इस्तीफा दिया था। ममता बनर्जी से उन्हें मिला प्यार उनकी धरोहर है। सारी बातों के बावजूद उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वे बीजेपी के साथ जाएंगे या कोई और योजना है। अलबत्ता उन्होंने यह जरूर कहा कि आगे भी वह जनता की सेवा और जोरदार ढंग से करते रहेंगे।

- Advertisement -

राजीव बनर्जी ने अपना इस्तीफा पत्र पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपा। बाद में राज्यपाल से भेंट करने राजभवन गये। बंगाल में काफी दिनों से यह कयास लगाया जा रहा था कि 30 जनवरी को राजीव हावड़ा के डुमुरजोला में भाजपा की ओर से आयोजित सभा में अमित शाह की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल होंगे। वन मंत्री की हैसियत से राजीव बनर्जी मंत्रिमंडल की पिछली चार बैठकों में लगातार हाजिर नहीं हुए थे।

यह भी पढ़ेंः पश्चिम बंगाल में TMC के मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ल का इस्तीफा(Opens in a new browser tab)

अब सवाल यह है कि राजीव के पार्टी छोड़ने से तृणमूल को कितना नुकसान होगा या भाजपा को कितना लाभ होगा? तृणमूल कांग्रेस में बेदाग चेहरे के जितने भी मंत्री या नेता हैं, उनमें राजीब का नाम सबसे उपर है। उन्हें आम लोग काजेर मानुष अर्थात काम के आदमी के रूप में जानते हैं। राज्य में जब वे सिंचाई मंत्री थे तो इतना काम किया कि काफी जगहों पर लोग हर साल की बाढ़ की तबाही से बच गये।

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी के मंत्री भी छोड़ने लगे साथ, बैठक से नदारद रहे 4 मंत्री(Opens in a new browser tab)

राजीव युवा हैं और युवा पीढ़ी के सामने वह एक आइकान हैं। पिछले लोकसभा चुनाव मे तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी राजीव के दम पर ही जीते थे। जब कल्याण बनर्जी लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में पीछे चल रहे थे, वहीं डोमजुड़ से 1 लाख से ज्यादा मतों से उन्हें लीड मिली। डोमजुड़ विधानसभा में 22 प्रतिशत मुसलिम मतदाता हैं, फिर भी राजीव की डोमजुड़ सीट से जीत पक्की मानी जा रही है। ग्रामीण हावड़ा में राजीव की पकड़ मजबूत है। मजे की बात यह है कि भाजपा समर्थक युवा भी राजीव का समर्थन करते हैं। केवल हावड़ा ही नहीं, नदिया, 24 परगना जिलों में भी उनकी मजबूत पकड़ है। उनके भाजपा में जाने से सबसे ज्यादा लाभ भाजपा को होगा, क्योंकि हावड़ा में भाजपा का कोई खास चेहरा नहीं है। राजीब अगर भाजपा ज्वायन करते हैं तो हावड़ा में भाजपा को एक नेता मिल जाएगा।

यह भी पढ़ेंः बंगाल विधानसभा चुनाव में सभी दलों में माइनारिटी कार्ड खेलने की होड़(Opens in a new browser tab)

- Advertisement -