खगड़िया के चर्चित कविता हत्याकांड में 5 आरोपी दोषी करार

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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।

अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई हेतु 28 सितंबर की तारीख निश्चित की 

बेगूसराय। एडीजे प्रथम पीयूष कमल दीक्षित की अदालत ने खगड़िया जिले के चर्चित कविता देवी हत्याकांड में नामजद सभी पांच आरोपितों को दोषी करार दिया है। ज्ञात हो कि मानसी थाना क्षेत्र के छपकी निवासी रामशरण यादव के पुत्र भरत जाधव, पांडव यादव, अजय यादव, विभूति यादव तथा अरुण यादव को धारा 302 149 तथा 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए सभी आरोपितों का बंध पत्र खंडित कर दिया और कस्टडी में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया।

अदालत ने सभी अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई हेतु 28 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। सनद रहे कि इस मामले में 7 आरोपी नामजद किए गए थे। इनमें से मदन यादव और विमल यादव की मौत हो चुकी है। बाकी सभी पांचों विचारण  का सामना कर रहे हैं। यह घटना 22 मई 1990 की सुबह 9 बजे की है, जब खगड़िया के तत्कालीन विधायक रणवीर यादव खगड़िया जेल से चौथम प्रखंड की बैठक में शामिल होने के लिए पुलिस बल के साथ जा रहे थे। तभी चौथम गांव के क्षत्रिय यादव के घर के पास गुजरने के क्रम में उन पर पूर्व से घात लगाकर बैठे अपराधियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की गई थी। रणवीर यादव के भाई की पत्नी कविता यादव भी गाड़ी में बैठी थीं। गोली लगने से मौके पर उनकी मौत हो गई थी। एक अन्य राज किशोर राम बुरी तरह जख्मी हो गया था। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी।

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इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 22 गवाहों द्वारा घटना जनित साक्ष्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत कराए गए। इस मामले में खगड़िया के वर्तमान विधायक पूनम यादव की भी गवाही हुई है। आज अदालत के समक्ष सभी आरोपितों की ओर से अदालत परिसर में हुई घटना के मद्देनजर सुरक्षा  की मांग करने हेतु आवेदन दिया है।

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