हर गरीब को गरिमा के साथ जीने का अधिकारः रघुवर दास

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रांची। हर गरीब को गरिमा के साथ जीने का अधिकार है। लोकतंत्र की सफलता तभी सफलीभूत होगी, जब अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचेगा। लोकतंत्र के तीनों स्तंभों न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के समन्वय से विकास को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आज यह बात बड़ाम, नामकुम में आयोजित विधिक सेवा सशक्तीकरण शिविर एवं समावेशी न्याय सदन के उद्घाटन के अवसर पर कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्सव का दिन है। उत्सव सामाजिक ऊर्जा प्रदान करता है। राखी भाई-बहन के प्रेम का पर्व है। झारखंड की तमाम अपनी बहनों से मैं कहना चाहता हूं कि आपकी सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है और मैं यह संकल्प लेता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज न्याय के संकल्प का भी दिन है। 7 नवंबर 2016 को सामाजिक न्याय सदन का शिलान्यास हुआ और 21 माह बाद इसका उद्घाटन हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए राज्य सभा सांसद श्री परिमल नाथवानी और झालसा के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस श्री डी.एन. पटेल को बधाई दी। बड़ाम गांव का विकास सांसद आदर्श ग्राम के तहत हो रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष में यह पांचवां आयोजन है, जो झालसा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से 20 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं तथा 1,60,598 छात्र और छात्राओं को उनकी छात्रवृत्ति के 18 करोड़ 86 लाख 37 हजार रुपये सीधे उनके खाते में गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए हम सब की जिम्मेवारी है कि हम सभी समन्वय बनाकर गरीब जनता के हित में कार्य करें। हर गरीब को गरिमा और सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयन्ती 25 सितम्बर से पूरे देश में प्रधानमंत्री आरोग्य योजना की शुरुआत हो रही है। झारखंड भी इसकी शुरुआत के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों 25 सितम्बर को झारखण्ड की धरती से पूरे विश्व की सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम की शुरुआत हो। झारखण्ड के 57 लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। सबको स्वास्थ्य सुविधा मिले, यह सपना पूरा होगा।

इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश ने कहा कि समावेशी न्याय सदन एक ऐतिहासिक कदम है तथा इसका डेमोंस्ट्रेटिव प्रभाव पड़ेगा। कानून और न्याय आम आदमी के लिये भगवान स्वरूप हैं।

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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अनिरुद्ध बोस ने कहा कि समावेशी न्याय लिटिगेशन को कम करने में सफल होगा। साथी ही सबसे पिछड़े और गरीब लोगों को न्याय और विकास तक ले जाने का माध्यम होगा।

झालसा के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस श्री डी एन पटेल ने विस्तार से समावेशी न्याय सदन के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से जल्दी और त्वरित न्याय मिलता है। कार्यक्रम में केरल के लिए जिला प्रशासन रांची द्वारा केरल राहत के लिए जनोपयोगी सामान के साथ एक ट्रक को मुख्यमंत्री ने रवाना किया। इस अवसर पर झारखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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