सिलीगुड़ी के लाल गढ़ में सेंध लगाने की फिराक में BJP-TMC

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उत्तर बंगाल का सिलीगुड़ी शहर शुरू से ही लाल गढ़ रहा है। लालगढ़ पर काबिज होने के लिए टीएमसी और बीजेपी जी-जान से जुटी हैं।
उत्तर बंगाल का सिलीगुड़ी शहर शुरू से ही लाल गढ़ रहा है। लालगढ़ पर काबिज होने के लिए टीएमसी और बीजेपी जी-जान से जुटी हैं।
  • सोना देव
सोना देव
सोना देव

सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी, उत्तर बंगाल का शहर, शुरू से ही लाल गढ़ रहा है। लालगढ़ यानी लेफ्ट की जमीन पर काबिज होने के लिए टीएमसी और बीजेपी जी-जान से जुटी हैं। यहां वाममोर्चा की ही चलती रही है। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी  तृणमूल कांग्रेस, विपक्ष पार्टी भाजपा सिलीगुड़ी में  इस बार जितना दमखम दिखा रही हैं, उसके बाद भी लाल झंडे के दबदबा वाले इस इलाके में उनकी कामयाबी पर संदेह ही दिखाई देता है। वैसे चुनाव में अभी दो-तीन महीने का वक्त है और आखिर में कोई बदलाव हो जाये तो लाल गढ़ समझे जाने वाले सिलीगुड़ी की राजनीतिक फिजा बदल सकती है।

बंगाल विधानसभा चुनाव नजदीक है। इससे पहले ही सिलीगुड़ी के विधायक तथा मेयर अशोक भट्टाचार्य ने शहर की विभिन्न समस्याओं को चुनावी मुद्दा बना लिया है। उन्होंने राज्य की ममता बनर्जी की सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। इस संदर्भ में उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है। पत्र में सिलीगुड़ी की समस्याओं की लंबी फेहरिश्त है। ऐसा कर उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। समस्याओं का समाधान यदि ममता सरकार कर देती है तो इसका क्रेडिट अशोक भट्टाचार्य को ही जाएगा। अगर समस्याएं नहीं सुलझीं तो इन्हीं मुद्दों को वे चुनावी मुद्दा बना कर मैदान में उकरेंगे।

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अशोक भट्टाचार्य ने सिलीगुड़ी शहर को देश का एक महत्वपूर्ण शहर बताते हुए यहां बढ़ती जनसंख्या व इससे शहर में बढ़ रही जाम की समस्या को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी शहर की जाम की समस्या के समाधान के लिए अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। शहर की स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। शहर की अर्थनीति लगातार कमजोर हो रही है।

उनका दावा है कि राज्य में जब वाममोर्चा का शासन था, तब सिलीगुड़ी शहर का काफी विकास हुआ था। महानंदा नदी पर कई पुलों का निर्माण कराया गया था। ईस्टर्न बायपास, घोषपुकुर फुलवारी बाईपास, मेडिकल कॉलेज पहुंचने के लिए विकल्प सड़क, दो फ्लाईओवर के निर्माण किए गए थे। वाम मोर्चा के शासनकाल में ही सिलीगुड़ी में परिवहन नगर व रेगुलेटेड मार्केट का शुभारंभ हुआ था। टी पार्क भी वाम शासन की ही देन है। मल्लागुड़ी, दार्जिलिंग मोड़ में जाम की समस्या से निपटने के लिए महानंदा नदी पर और दो पुल बनाने की जरूरत उन्होंने बतायी है। शहर की सड़कें चौड़ी करने की जरूरत भी समझायी है। आधुनिक पार्किंग व्यवस्था जाम से निपटने में सहायक हो सकती है।

उनका मानना है कि सिलीगुड़ी का महत्वपूर्ण बाजार विधान मार्केट आज भी विभिन्न बुनियादी समस्याओं से ग्रस्त है। स्थायी बाजार का निर्माण आज तक नहीं हुआ। यहां पार्किंग व्यवस्था व  निकासी व्यवस्था की जरूरत है। विधान मार्केट के सभी व्यवसायियों को मालिकाना हक देने की जरूरत है। बाजार के पुनर्निर्माण की मांग अशोक भट्टाचार्य ने की है।

उन्होंने कहा है कि सिलीगुड़ी शहर के लाखों लोग रेलवे की जमीन पर रहते हैं। उन्हें जमीन का पट्टा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार को कानूनी कदम उठाने चाहिए। सिलीगुड़ी नगर निगम के जलपाईगुड़ी जिला अंतर्गत कई वार्ड के  641 परिवारों को 10 साल पहले लीज दलील देने का फैसला हुआ था, लेकिन आज तक इन्हें जमीन की दलील नहीं मिली।

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शहर में शुद्ध पेयजल का अभाव है। मांग के मुकाबले पेयजल की आपूर्ति कम हो रही है। सिलीगुड़ी में वैकल्पिक पेयजल आपूर्ति परियोजना का अनुमोदन शीघ्र किये जाने की मांग उन्होंने की है। ग्रीनहाउस गैस एमिशंस योजना के लिए उन्होंने धनराशि आवंटित करने की मांग की है। खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए शहर के कंचनजंघा स्टेडियम के विकास की भी जरूरत बतायी है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल का आयोजन अभी संभव नहीं हो पा रहा है। विधायक अशोक भट्टाचार्य ने जल्द सिलीगुड़ी शहर की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार को उचित कदम उठाने का आग्रह कर अपने चुनावी मुद्दों को भी जाहिर कर दिया है और ममता बनर्जी सरकार के सामने इन्हें पूरा करने की चुनौती भी रख दी है। दोनों ही स्थिति में इसका लाभ अशोक भट्टाचार्य को मिलने की संभावना है।

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