शौचालय निर्माण व सफाई कार्य में महिलाएं भी ले रहीं भाग

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झारखंड स्वास्थ्य सेवा के मार्च 2022 तक सेवानिवृत होने वाले चिकित्सकों को राज्य सरकार ने सेवा अवधि में विस्तार करने का निर्णय लिया है।
झारखंड स्वास्थ्य सेवा के मार्च 2022 तक सेवानिवृत होने वाले चिकित्सकों को राज्य सरकार ने सेवा अवधि में विस्तार करने का निर्णय लिया है।

दुमका (झारखंड)। ‘स्वच्छता ही सेवा है’ कार्यक्रम के तहत 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के अवसर पर पूरे दुमका जिले को ओडीएफ घोषित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरे जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। इसके लिए संबंधित विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को भी विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे स्वच्छता एवं शौचालय निर्माण कार्य की देखरेख के लिए जिम्मेदारी सौंपी गयी है तथा उसका सतत अनुश्रवण भी किया जा रहा है।

इसी जिम्मेदारी के तहत दुमका सदर प्रखण्ड के बाल विकास परियोजना कार्यालय की महिला पर्यवेक्षिका शुक्ला दास एवं प्रखण्ड समन्वयक सुजाता कर्ण लगभग पिछले 10 दिनों से दुमका प्रखण्ड अन्तर्गत पारसिमला पंचायत के चिताडीह गाँव में संबंधित पंचायत के मुखिया सबिता टुडू के सहयोग से घर-घर जाकर संबंधित लाभुकों के से सम्पर्क कर उन्हें शौचालय निर्माण के लिए न सिर्फ प्रेरित कर रही हैं, बल्कि उसके नियमित उपयोग से होने वाले फायदे के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी दे रही हैं।

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एक सप्ताह पूर्व जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती की पहल पर इस गाँव में मुखिया श्रीमती सबिता टुडू की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी थी तथा सभी संबंधित लाभुकों एवं अन्य ग्रामीणों को शौचालय निर्माण कराने के लिए प्रेरित किया गया था। साथ ही ग्रामीणों से स्वच्छता कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गयी और  प्रखण्ड समन्वयक सुजाता कर्ण को वहाँ लगाया गया। उसके बाद से वहाँ प्रखण्ड समन्वयक सुजाता कर्ण डीएसडब्लू श्वेता भारती एवं सीडीपीओ ऋतु कुमारी के मार्गदर्शन में लगातार संबंधित मुखिया सबिता टुडू, पंचायत समिमि सदस्य महताब अंसारी, आँगनबाड़ी सेविका स्नेहलता टुडू, सहायिका शर्मिला हाँसदा एवं जल सहिया सुचिता टुडू के साथ मिलकर शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लाने और लाभुकों को उससे जोड़ने का काम कर रही हैं।

क्षेत्र भ्रमण में कार्य की प्रगति और फिल्ड वर्क से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए सुजाता कर्ण ने बताया कि इस गाँव में दो टोले हैं, जिसमें कुल 30 शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति है। उसमें लगभग आधे से अधिक का कार्य प्रारंभ हो गया है। शेष में लाभुकों के स्तर से गढ्ढा खुदाई का कार्य चल रहा है। श्रीमती कर्ण ने बताया कि मुखिया जी के अनुसार चार दिन पहले कोल टोला के लोग शौचालय निर्माण को लेकर रूचि नहीं ले रहे थे और न ही कार्य में सहयोग कर रहे थे। जिस वजह से इस टोला में समय पर कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। स्थिति को देखते हुए सुजाता कर्ण ने कोल टोला में विशेष रूप से जनसम्पर्क चलाकर ग्रामीणों को इकट्ठा किया और बैठक आयोजित कर मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं जल सहिया की उपस्थिति में ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। जिसमें ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कई समस्याएँ गिनाईं। साथ ही बिजली, पानी, सड़क का मुद्दा भी उठाया। इस पर मुखिया जी और पंचायत समिति सदस्य ने समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया। तत्पश्चात ग्रामीण शौचालय निर्माण के लिए सामूहिक रूप से तैयार हुए और अपने-अपने घरों से कुदाल-गैंता लेकर गढ्ढा खुदाई में लग गये। इस क्रम में गाँव की महिलाएँ भी प्रेरित होकर श्रमदान से गाँव की सफाई में घर से झाड़ू लेकर निकल पड़ीं और सफाई में जुट गयीं।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार मुखिया जी ने कोल टोला में षौचालय निमार्ण सामग्री गिरवा दिया है और गढ्ढा खुदाई के साथ-साथ ईंट जोड़ाई का कार्य भी तेजी से प्रारंभ हो गया है।

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