शराब महज मादक पदार्थ नहीं, सरकारी रेवेन्यू का बड़ा स्रोत भी है

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शराब महज मादक पदार्थ ही नहीं, सरकारी रेवेन्यू का बड़ा स्रोत भी बन गया है। कानपुर से भाजपा के सांसद सत्यदेव पचौरी का राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र भेज इसकी आलोचना की है।
शराब महज मादक पदार्थ ही नहीं, सरकारी रेवेन्यू का बड़ा स्रोत भी बन गया है। कानपुर से भाजपा के सांसद सत्यदेव पचौरी का राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र भेज इसकी आलोचना की है।
जयशंकर गुप्त, वरिष्ठ पत्रकार
जयशंकर गुप्त, वरिष्ठ पत्रकार
  • जयशंकर गुप्त

शराब और मादक पदार्थ देश के नागरिकों की तबाही के कारक हैं। अजीब विडंबना है कि यही आज सरकारी रेवेन्यू का बड़ा स्रोत भी साबित हो रहा है। सरकारी राजस्व का बड़ा हिस्सा इस शराब की बिक्री पर लगनेवाले आबकारी शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी से आता है। लाक डाउन में शराब बिक्री पर रोक के कारण सरकारी राजस्व को भारी घाटा उठाना पड़ रहा था।

लॉकडाउन में सरकार की आमदनी के अन्य स्रोत भी सूख-से गये हैं। शायद यह भी एक कारण है कि दलगत प्रतिबद्धताओं और विरोध की परिधि को लांघ कर अधिकतर राज्य सरकारों ने लॉकडाउन के दौरान शराब की नियंत्रित बिक्री जारी रखने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने भी इसके लिए हरी झंडी दिखा दी है। नतीजा सामने है। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार सिर्फ एक दिन में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की शराब बिकी।

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लेकिन शराब की दुकानों पर डेढ़-दो किलो मीटर लम्बी कतारें, लाक डाउन और फीजिकल डिस्टैंसिंग (सोशल डिस्टैंसिंग गलत शब्द है) को धता बताकर टूट रही भीड़ और सड़कों पर शराबियों की धमाचौकड़ी का जो नजारा दिख रहा है, वैसा शायद पहले कभी दिखाई नहीं पड़ा। लेकिन इसमें पियक्कड़ों का दोष क्या है? उन्होंने तो शराब पिए बिना सवा महीने गुजार दिए, लेकिन हमारी सरकारें और ज्यादा इंतजार के मूड में नहीं थीं। तालाबंदी में थोड़ी ढील होते ही शराब की दुकानें खुलवा दीं। लेकिन हमारी कोरोना से लड़ने और फीजिकल डिस्टैंसिंग का क्या हुआ! शराब से इसके सेवनकर्ताओं के शरीर में  प्रतिरोध क्षमता बढ़ेगी या घटेगी?

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मुश्किल तो यह है कि दिल्ली और देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी तबलीगी जमात के इज्तमा को कोरोना के प्रसार का सबसे बड़ा कारण बताकर एक जमात और संप्रदाय के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने वाले लोगों ने भी शराब की बिक्री से होनेवाले लाक डाउन के उल्लंघन पर चुप्पी साध ली है। इस मामले में कानपुर से भाजपा के सांसद सत्यदेव पचौरी का राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र सराहनीय है। पचौरी जी का यह पत्र हमें कानपुर से हमारे अभिन्न मित्र एवं वरिष्ठ पत्रकार, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने भेजा है।

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