विधानसभा चुनाव के पहले तृणमूल में बढ़ रहे नाखुश नेता

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विधानसभा चुनाव के पहले सत्ताधारी पार्टी तृणमूल के नेतृत्व से नाखुश होकर पार्टी से कन्नी काटने वाले विधायक-सांसद व नेताओं में रोज नया नाम जुड़ रहा है।
विधानसभा चुनाव के पहले सत्ताधारी पार्टी तृणमूल के नेतृत्व से नाखुश होकर पार्टी से कन्नी काटने वाले विधायक-सांसद व नेताओं में रोज नया नाम जुड़ रहा है।

डी. कृष्ण राव

कोलकाता। विधानसभा चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व से नाखुश होकर पार्टी से कन्नी काटने वाले विधायक-सांसद व नेताओं में रोज नया नाम जुड़ रहा है। आज तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के खानाकुल की सभा में उत्तरपाड़ा के विधायक प्रवीण घोषाल उपस्थित नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति को लेकर जिला समेत राज्य में चर्चा गर्म है कि वे भी बीजेपी का दामन थामने वालों में हैं।

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पिछले कई महीनों से प्रवीण घोषाल हुगली जिला के टीएमसी नेतृत्व से नाखुश चल रहे हैं। कुछ दिनों पहले प्रेस के सामने उन्होंने जिला के कई नेताओं के खिलाफ आग उगलते हुए कहा कि उन्हें उत्तरपाड़ा से हराने के लिए अपने ही पार्टी के लोग जुट गये हैं। इसके पहले श्री घोषाल ने खुद कहा था कि हुगली की 16 सीटों में से तृणमूल को एक भी सीट नहीं मिलेगी। पूरे हुगली जिले में इस बार तृणमूल कांग्रेस गुटबाजी से परेशान है।

विधानसबा चुनाव से पहले हुगली जिले के और एक नेता और विधायक रविंद्रनाथ भट्टाचार्य ने अपने ही दल के एक विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। दूसरी ओर यह भी सुनने में आ रहा है कि रविंद्र नाथ भट्टाचार्य के बेटे अमिय भट्टाचार्य शुभेंदु अधिकारी से संपर्क कर भाजपा ज्वाइन करने की कोशिश कर रहे हैं। वे तृणमूल कांग्रेस छोड़ रहे हैं। ऐसे नेताओं के खिलाफ आज ममता बनर्जी ने खानाकुल की सभा में कहा कि जो जाना चाहते हैं, वे तुरंत चले जाएं, लेकिन फिर  उन्हें पार्टी कभी जगह नहीं देगी।

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रविवार को दक्षिण 24 परगना में अभिषेक बनर्जी की सभा में तृणमूल सांसद प्रतिमा मंडल उपस्थित नहीं रहीं। श्रीमती मंडल ने अनुपस्थित रहने पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि  उन्हें कोई आमंत्रण तक नहीं भेजा गया था। दूसरी ओर राजीव बनर्जी के मंत्री पद से इस्तीफा के बाद बाली की विधायक वैशाली डालमिया ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मुंह खोला तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। अगले ही दिन से बाली और लिलुआ के इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं पर तृणमूल कांग्रेस की ओर से हमले हो रहे हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आज वह राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलीं।

इधर रविवार रात हावड़ा के तृणमूल नेता अरूप राय को अचानक दिल का दौरा पड़ा। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। आज राज्यपाल जगदीप धनखड़ उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे। हाल ही मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले राजीव बनर्जी  भी अरूप राय से मिलने अस्पताल पहुंचे। राजीव बनर्जी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वह कई सालों से एक साथ काम कर रहे हैं, इसीलिए उन्हें देखने चले आए। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ममता बनर्जी ने राजीव बनर्जी से बात कर उनका गुस्सा ठंडा करने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। हावड़ा के पूर्व मेयर रथीन चक्रबर्ती ने भी भाजपा ज्वाइन करने के लिए अपना मन बना लिया है।

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