लाकडाउन में बिहार से बाहर फंसे लोगों के खाते में भेजी गयी रकम

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नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।
नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।

पटना। लाकडाउन में बिहार से बाहर फंसे लोगों के खाते में मुख्यमंत्री राहत कोष से 1 लाख 3 हजार 579 लोगों के खाते में 10 करोड़ से अधिक रकम आज भेजी गयी। उनके खातों में 10 करोड़ 35 लाख 79 हजार रुपये डाले गये। मुख्यमंत्री ने माउस क्लिक कर योजना का शुभारंभ किया। अब तक 2 लाख 84 हजार 674 आवेदन आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन आने का का क्रम जारी है। जांचोपरांत अन्य लाभुकों के खाते में शीघ्र राशि अंतरित करने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है।

लाकडाउन में बाहर फंसे बिहार के लोगों के खाते में राज्य सरकार ने रकम ट्रांसफर किये
लाकडाउन में बाहर फंसे बिहार के लोगों के खाते में राज्य सरकार ने रकम ट्रांसफर किये

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माउस क्लिक कर शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता अन्तर्गत बिहार से बाहर लाकडाउन के कारण फंसे बिहार के लोगों को सहायता राशि 1,000 रूपये की दर से सीधे बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान की योजना का माउस क्लिक कर शुभारंभ किया। आज योजना का शुभारंभ होते ही अन्य राज्यों में फंसे 1 लाख 3 हजार 579 बिहार के लोगों के खाते में 10 करोड़ 35 लाख 79 हजार रुपये की राशि अंतरित की गयी। अब तक 2 लाख 84 हजार 674 आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदनों के प्राप्त होने का क्रम जारी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जांचोपरान्त अन्य लाभुकों के खाते में राशि जल्द से जल्द अंतरित करना सुनिश्चित किया जाये।

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नीतीश कुमार ने सहायता का दिया था आश्वासन

विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लाकडाउन के कारण बिहार के जो लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति एक हजार रुपये की राशि विशेष सहायता के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से देने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री सचिवालय एवं बिहार भवन के हेल्पलाइन नंबर पर तथा आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार के नियंत्रण कक्ष के दूरभाष पर बाहर फंसे लोगों द्वारा सूचनाएं दी गयी थीं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन सभी लोगों से मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा दूरभाष के माध्यम से वापस फीडबैक प्राप्त किया गया। फीडबैक से पता चला कि लाकडाउन में फंसे लोग संकट से गुजर रहे हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी परेशानी को कम करने के लिये प्रति व्यक्ति 1,000 रूपये की राशि मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से देने का निर्णय लिया था।  मुख्यमंत्री सचिवालय एवं बिहार भवन के हेल्पलाइन नंबर पर तथा आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार के नियंत्रण कक्ष के दूरभाष पर बाहर फंसे जिन लोगों ने सूचनायें थीं, उन्हें उनके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से http://aapda.bih.nic.in पर एक लिंक भेजा गया था। उसके आलोक में बाहर फंसे हुए लोगों की विवरणी प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त बेवसाइट से भी एप्प डाउनलोड कर भी काफी लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया।

बड़ी संख्या में सहायता के लिए सरकार को मिले आवेदन

दिये गये लिंक पर विभिन्न राज्यों से बिहार के बाहर के लोगों के जो आवेदन प्राप्त हुए हैं, उसमें दिल्ली से 55,264, हरियाणा से 41,050, महाराष्ट्र से 30,576, गुजरात से 25,638, उत्तर प्रदेश से 23,832, पंजाब से 15,596, कर्नाटक से 15,428, तमिलनाडु से 11,914, राजस्थान से 11,773, पश्चिम बंगाल से 9,527, तेलंगाना से 7,245, मध्य प्रदेश से 5,690, झारखण्ड से 5,359, आंध्रप्रदेश से 3,991, केरल से 3,087, असम से 3,070, ओडिशा से 2,714, उतराखण्ड से 2,544, हिमाचल प्रदेश से 2,519, छतीसगढ़ से 1,956, चण्डीगढ़ से 1,249, जम्मू-कश्मीर से 885, गोवा से 834, दादर एवं नागर हवेली से 752, दमन एवं दीव से 524, नागालैंड से 381, अरूणाचल प्रदेश से 256, सिक्किम से 254, मेघालय से 230, मणिपुर से 145, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से 135, त्रिपुरा से 124, मिजोरम से 68, पुड्डुचेरी से 56 एवं लक्षद्वीप से 8 कुल 2 लाख 84 हजार 674 हैं। अभी आवेदनों के प्राप्त होने का क्रम जारी है।

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वे जिले, जहां के लोगों के खाते में रकम हुई ट्रांसफर

उक्त राज्यों में फंसे बिहार के जिन 1 लाख 3 हजार 579 लोगों को आज 1,000 रूपये की सहायता राशि अंतरित की गयी है, उनमें सारण के 7,281, मुजफ्फरपुर के 6,821, मधुबनी के 6,792, पूर्वी चम्पारण के 6,569, सीतामढ़ी के 6,348, सीवान के 5,897, दरभंगा के 5,026, समस्तीपुर के 4,264, गोपालगंज के 4,240, वैशाली के 4,145, पश्चिम चम्पारण के 3,340, जमुई के 2,523, भागलपुर के 2,439, बाॅका के 2,399, पटना के 2,372, बेगूसराय के 2,252, कटिहार के 2,209, सुपौल के 2,175, रोहतास के 2,166, औरंगाबाद के 2,158, गया के 2,052, किशनगंज के 1,968, अररिया के 1,793, पूर्णिया के 1,747, भोजपुर के 1,709, नालंदा के 1,686, सहरसा के 1,549, खगड़िया के 1,220, नवादा के 1,212, मधेपुरा के 1,100, बक्सर के 1,001, शिवहर के 987, कैमूर के 893, लखीसराय के 850, मुॅगेर के 713, शेखपुरा के 641, जहानाबाद के 573 एवं अरवल के 469 लोग शामिल हैं।

मुख्यमंत्री का निर्देश, सहायता राशि सबको मिले 

योजना के शुभारंभ के पश्चात मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सहायता राशि लाकडाउन में फंसे सबको मिल जाय, यह सुनिश्चित किया जाय। 3 हजार से ज्यादा लोगों के फोन आये, उनकी समस्या जानी गयी, अभी भी लोगों के फोन आ रहे हैं। उसके आधार पर उनसे सम्पर्क कर उन्हें आवेदन करने के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्हें समझाया गया कि अभी आप जहां हैं, वहीं रहिये। आपकी समस्या के समाधान के लिये सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। बिहार सरकार की तरफ से हमलोग जरूरी मदद करेंगे। इसी सिलसिले में लाकडाउन में फंसे लोगों से उनका डिटेल्स माँगा गया। डिटेल्स प्राप्त होने के बाद हमलोगों ने तय किया कि हमलोग आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से उन्हें सहायता राशि देंगे। हमलोग आपदा प्रबंधन विभाग को मुख्यमंत्री राहत कोष से सौ करोड़ रूपये का आवंटन पहले ही कर चुके हैं। जो बिहार के रहने वाले बाहर फंसे हुए हैं, उन्हें 1,000 रूपये प्रति व्यक्ति की दर से मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जितनी तेजी से आप लोगों ने इसको आइडेंटिफाई किया है और उस पर अमल कर रहे हैं, इसके लिए मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं और यही उम्मीद करता हूं कि जल्द से जल्द शेष लाभुकों के खाते में राशि अंतरित कर दी जाय।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बाहर दिल्ली एवं अन्य शहरों में लोगों की मदद के लिये कैम्प चलाये जा रहे हैं। जेसा कि बताया गया है कि दिल्ली में दस जगहों पर कैम्प बनाकर लोगों को भोजन एवं फूड पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। इन जगहों पर जो किया जा रहा है, उसकी निरंतर निगरानी करते रहें और जहां जिस चीज की आवश्यकता हो, उसे उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर भी जो राहत कैम्प चलाये जा रहे हैं, उसकी भी निगरानी करते रहें ताकि लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध हो सके।

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