लव-कुश के लड़ाई में हार गइल कुश के खानदान माने कुशवाहाजी

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पावं लागीं मलिकार। बोखार के बेमारी बड़ी सजोर चलल बा मलिकार। का दूनीं नाम धरत बा लोग ओह बोखार के, हं- डेंगी (डेंगू के मलिकाइन डेंगी लिखले बाड़ी)। सुने में आवत बा कि जेकरा के ई ध लेता, ओकर जाने लेके छोड़त बा। कवन दूनी एगो सिपाहिनी के धइलस त ओकर जान चल गइल। सिपाही लोग एतना हुड़दुंग मचावल कि सरकार एके संगे पांच हजार सिपाही लोग बदली क दिहलस। बतकही त एतना लमहर लोग करत बा कि नाली बन गइल, गली बन गइल, पानी पाइप से घरे-घरे जाई। सरकार करजा देके लड़िका-लड़किन के करा रहल बिया पढ़ाई। बाकिर एह तरे के बेमारी से कइसे जूझल जाई। सुनले रहनी मलिकार, पहिले पलेग होत रहे। गांव-गांव खत्म हो जाव। लोग कहे कि मूस से होला ई बेमारी। अब त ओकर कहीं नांवें ना सुनाला मलिकार। मुसवा त आजो बाड़े सन। सुने में आवत बा मलिकार कि डेंगी मच्छर से होता। मच्छर मारे के सरकार उपााय करत बिया।

मूस के बात चलल मलिकार त हमरा के ई बड़ा तबाह कइले बाड़े सन। पर साल रउरा जवन गरम कपड़ा कीन के भेजले रहली, लड़िकवा पहिरले सन, बाकिर देवरइया के सोचनी कि निकाल के सुखा दीं, त देखत का बानी कि सगरी सुइटर-कंबल मूस महराज लोग बेंवत दिहले बा। खाली भुजुरी-भुजुरी ऊन हाथ में आइल। ई ना कहीं कि ओह बेरा ठंडवा एतना ना परत रहल हा। पांड़े बाबा से कहनी कि तनी नन्हकन खातिर तीन के सिउटर लिया दीं। उहां के बाजार से ले के अइनी। कहत रहनी कि भुटिया बाजार से ले आइल बानी। देखे में त नीके लागत बा मलिकार, बाकिर एक धोआन के बादे मावलूम होई कि ई कइसन बा।

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ए मलिकार, रामजी के बेटा नू रहे लोग लव-कुश। ई लोग अबहियो बा का मलिकार। पांड़े बाबा बतावत रहवीं कि लव-कुश के लड़ाई में कुशवाहा जी कगरिया दिहल गइल बाड़े। लव-कुश भाई रहे लोग त लड़ाई-झगड़ा काहें होता मलिकार। काल्हे के दूनी कहत रहुवे कि कवनो कुशवाहा जी बाड़े। ऊ नीतीश जी के बारे में खुटुर-पुटुर कइले रहले हां। अइसन लंगड़ी मरले बाड़े नीतीश जी कि कुशवाहा जी कौड़ी के तीन हो गइल बाड़े। सुने में आवत बा कि ऊ मोदी जी के संगत अब छोड़ दीहें।

पांड़े बाबा इहो बतावत रहवीं कि कमल छाप वाला छह जाना नेता के अबकी टिकट ना मिली। एइमें ओमपरकाश जादो के नाम आवत बा। खामोश वाला सिनहा जी के टिकट त पहिलहीं कटा गइल बा। वोटवा जल्दीए होखे के बा का मलिकार। अबहियें से हुंड़रहो मचल बा।

जायें दीं मलिकार, एह कुल से हमनी के का लेबे-देबे के बा। वोट जहिया होई, जाके डाल आयेब। रउरे बतवले रहनी मलिकार कि केकरा के वोट दिआइल, ई बतावे के ना चाहीं, बतियावल भलहीं जा सकेला। सब एके बाड़े सन मलिकार। हमनी के पहिलहूं खट-कमा के खात रहनी सन आ अबहियों अपना जांगरे पर भरोसा बा। हराम के खाये-चमकावे के जेकरा आदत होखो, ऊ जाने। कवन एगो गीत निकलले रहे- हुकूमत के हाथी नियर दांत दूगो, देखावे के दोसर, चबावे के दोसर।

इहो पढ़ींः मलिकाइन के पाती- घर के लात नीमन, बाहर के सतावल बाउर

ठंडा पर गइल बा। बचा के रहेब। खादी भंडार से एकाध गो कंबल कीन लेब। कान बान्ह के बहरी निकलब। बड़ा बाउर बयार चलत बा। हम नीमन बानी। आपन धेयान राखेब।

राउरे, मलिकाइन

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