राम और सीता एक दूसरे के पर्याय हैंः नीतू कुमारी नवगीत

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राम और सीता एक दूसरे के पर्याय हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना ही नहीं की जा सकती। लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने यह कहा।
राम और सीता एक दूसरे के पर्याय हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना ही नहीं की जा सकती। लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने यह कहा।

राम जी को देखकर जनक नंदिनी बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गईं

पटना। राम और सीता एक दूसरे के पर्याय हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना ही नहीं की जा सकती। लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने यह कहा। वह आज फेसबुक पर लाइव थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनमानस में आदर्शतम नारी के रूप में पूजित और भगवान श्रीराम को पुरुषोत्तम बनाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देने वाली माता जानकी का चरित्र अति विशाल है।

मिथिला में जब बहुत भीषण अकाल पड़ा था  तो राजा जनक हल लेकर खेतों की जुताई करने गए थे। सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में  हल चलाते समय एक बालिका प्राप्त हुई, जिसे उन्होंने अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और सीता नाम दिया।

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राज परिवार में जन्म लेने के बावजूद एक पतिव्रता नारी के रूप में माता जानकी ने राम जी के साथ वन गमन किया। विभिन्न मौकों पर उन्होंने न सिर्फ अपूर्व साहस, धैर्य और सहनशीलता का परिचय दिया, बल्कि पग-पग पर श्रीराम की प्रतिष्ठा और विश्वास को बढ़ावा देने के लिए आदर्श पत्नी के रूप में कार्य करती रहीं।

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जानकी अवतरण दिवस के अवसर पर लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत अपने फेसबुक पेज पर लाइव आईं और उनके जीवन के विभिन्न प्रसंगों पर चर्चा करते हुए सीता जी के जीवन से जुड़े लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि सीता के बिना राम के जीवन की कल्पना भी व्यर्थ है। सीता हैं, तभी राम हैं। फेसबुक लाइव कार्यक्रम में नीतू नवगीत ने कुछ सोहर गीत गाए। साथ ही जनकपुर की पुष्प वाटिका में राम और सीता जी के प्रथम मिलन पर आधारित गीत- देखकर रामजी को जनक नंदिनी बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गईं, राम देखें सिया को, सिया राम को, चारों अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं- गाया, जिसे खूब पसंद किया गया। उन्होंने आज- जनकपुर में मड़वा, बड़ा सुहावन लागे, राजा जनक जी के बाग में अलवेला रघुवर आयो जी- जैसे लोकगीत भी सुनाए।

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