राज्यसभा चुनावः बिहार-बंगाल में निर्विरोध, झारखंड में पेंच

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झारखंड समेत 10 राज्यों में राज्यसभा की 24 सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया है। इसमें भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है।
झारखंड समेत 10 राज्यों में राज्यसभा की 24 सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया है। इसमें भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है।

पटना/ कोलकाता। राज्यसभा चुनाव बिहार व बंगाल में निर्विरोध होने का रास्ता साफ हो गया है। बिहार में 5 सीटों पर 5 ही नामांकन हुए हैं। झारखंड में पेंच फंस गया है। बंगाल में भी 5 सीटें हैं, लेकिन छठे उम्मीदवार के रूप में तृणमूल कांग्रेस समर्थित दिनेश बजाज ने नामांकन दाखिल कर दिया था। इससे कांग्रेस समर्थित वाम मोरचा के उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य की सफलता संदिग्ध हो गयी थी। अंतिम क्षणों में पर्चा दाखिल करने वाले तृणमूल समर्थित निर्दल उम्मीदवार दिनेश बजाज का पर्चा रद हो गया है। इससे विकास रंजन का मार्ग प्रशस्त हो गया।

बिहार में राज्यसभा का चुनाव परिणाम पहले ही स्पष्ट हो गया था, जब जीत के लिए आवश्यक मतों के हिसाब से राजद ने दो, जदयू ने दो और भाजपा ने अपने एक उम्मीदवार उतारे। जदयू ने हरिवंश और रामनाथ ठाकुर को उम्मीदवार बनाया, जबकि भाजपा ने विवेक ठाकुर को। राजद ने प्रेमचंद गुप्ता समेत दो उम्मीदवार मैदान में उतारे।

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झारखंड में कांग्रेस के 18 विधायकों में 17 की सिफारिश के बावजूद राज्यसभा का टिकट फुरकान अंसारी की जगह पार्टी ने शाहजादा अनवर को दे दिया। इससे झारखंड कांग्रेस में भारी तूफान खड़ा हुआ। झारखंड में सीटें ही हैं। एक पर जेएमएम ने शिबू सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि दूसरी पर भाजपा ने दीपक प्रकाश को। संख्या बल नहीं होने के बावजूद कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार वापस ले लेगी, लेकिन पर्चा वापसी का अंतिम दिन बीत जाने के बाद भी तीसरा उम्मीदवार बना हुआ है।

पश्चिम बंगाल में 5 सीटें खाली हुई हैं। अंतिम वक्त में जिस तरह दिनेश बजाज ने हांफते-दौड़ते अपना पर्चा दाखिल किया, उससे 6 उम्मीदवार मैदान में दिख रहे थे। लेकिन स्क्रूटनी में उनका पर्चा प्रापर फार्मेट में नहीं मिलने के कारण रद हो गया। यानी वहां अब पांच सीटों पर पांच ही उम्मीदवार हैं, जिनमें सबका निर्विरोध जीतना तय है।

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