रांची में मिले चिकनगुनिया के 27 व डेंगू के 2 मरीज, अब तक तीन मरे

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रांचीझारखंड की राजधानी रांची में डेंगू, मलेरिया और चिकगुनिया का प्रकोप शुरू हो गया है। इसकी जानकारी तब हुई, जब तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी। बता दें करीब 25 दिन पहले राजधानी की सामाजिक संस्था ‘लहू बोलेगा’ टीम रांची की ओर से हेल्थ कैंप लगाया गया था। इस हेल्थ कैंप में कुछ मरीजों में चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण पाये गए थे। इसकी जानकारी सिविल सर्जन को उसी वक्त दे दी गई थी। मगर सिविल सर्जन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस बाबत ‘लहू बोलेगा टीम रांची’ के संयोजक नदीम खान बताते हैं कि अगर हमारी दी गई सूचना पर पहल की गई होती तो शायद तीन लोगों की जान बचाई जा सकती थी। संस्था ने ब्लड सैंपल रिम्स नहीं भेजा होता तो इन बीमारियों का पता नहीं चल पाता।

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बता दें कि तीन मौतों के बाद हिंदपीढ़ी समेत शहर की झोपड़पट्टी के 50 मरीजों की जांच कराई गई। इनमें से 2 मरीज में डेंगू और 27 मरीजों में चिकनगुनिया के लक्षण पाए गये हैं। जिन इलाकों में महामारी फैलने का खतरा जताया जा रहा है, वे हैं- हिंदपीढ़ी, चर्च रोड, मेन रोड, कर्बला चौक,  आज़ाद बस्ती, थड़पखना, डोरंडा, कडरू, पुरानी रांची, गाड़ीखाना और चुटिया। इन इलाकों की बस्तियों के 15 लोगों के ब्लड सैंपल रिम्स में जांच के लिए भेज दिए गये हैं।

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शहरी स्लम बस्तियों में चिकिनगुनिया/लंगड़ा बुख़ार/डेंगू/मलेरिया का प्रकोप एक महीने से महामारी का रूप ले चुका है, जिससे तीन लोगों की मौत हो चुकी है। नदीम खान ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण उन ईलाकों में ज्यादा हैं, जहां गंदगी है। निगम को ऐसे इलाकों में तेजी से फॉगिंग करनी होगी।

इसके अलावा समय से गंदगी का उठाव, मौसमी बीमारियों पर जागरूकता शिविर और स्वच्छ पानी का इंतजाम करना होगा। अगर समय पर कदम नहीं उठाए गये तो स्थिति विकराल हो सकती है।

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