मानव सेवा कर स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं झारखंड की बेटियां

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मानव सेवा कर स्वावलंबन की ओर झारखंड की बेटियां बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की योजना से हाशिये पर खड़ी बेटियां आत्मनिर्भर बन रही हैं।
मानव सेवा कर स्वावलंबन की ओर झारखंड की बेटियां बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की योजना से हाशिये पर खड़ी बेटियां आत्मनिर्भर बन रही हैं।

रांची। मानव सेवा कर स्वावलंबन की ओर झारखंड की बेटियां बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की योजना से हाशिये पर खड़ी बेटियां आत्मनिर्भर बन रही हैं। नर्सिंग में कुशल झारखंड की 111 बेटियों ने राज्य के मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र लिया है। मुख्यमंत्री के उदगार थे- ‘वाह! राज्य की बेटियों ने कमाल कर दिया।’ इस हौसलाआफजाई ने उनके चेहरे पर उत्साह और आत्मविश्वास का भाव भर दिया। और कई के लिये यह बात प्रेरणादायक तथा जीवन में कुछ करने के जज्बे का संचार कर गयी।

बात सितम्बर 2020 की है। रांची के चान्हो प्रखंड के सिलगेन गांव की रहने वाली अंजलि कुमारी भी उन 111 नर्स में एक है। अंजलि कहती है- मुख्यमंत्री जी ने हौसलाआफजाई कर मेरे अन्दर मानव सेवा के काम करने के भाव को दोगुना कर दिया। कुछ ऐसे ही भावों से प्रेरित होकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियां सफलता और स्वावलंबन के सपने गढ़ अपने जीवन में सुखद बदलाव ला रहीं हैं। इस बदलाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू किये गये प्रेझा फाउंडेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज अंजलि नर्स के रूप में अपोलो होम केयर अस्पताल में मानव सेवा का काम कर अपने परिवार का ख्याल रख रही है। इससे पहले चार सदस्यों वाला उसका परिवार अपने गांव में एक कमरे के घर में रहता था। वहां उसके पिता एक स्ट्रीट फूड के स्टॉल में काम कर मुश्किल से 60 रुपये प्रतिदिन कमा पाते थे।

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ऐसे आया अंजलि के जीवन में बदलाव

अंजलि और उसका परिवार अभावों में जीवन गुजार रहा था। स्नातक की पढ़ाई के दौरान उसे चान्हो के नर्सिंग कॉलेज के बारे में पता चला। वह संबंधित प्रवेश परीक्षा में शामिल हुई और नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। प्रेझा फाउंडेशन की मदद से उसे कोर्स की फीस चुकाने के लिए झारखंड राज्य सहकारी बैंक से  ऋण मिला। आज वह अपने लोन की ईएमआई चुकाने के साथ-साथ अपने परिवार की मदद भी कर रही है।

बेटियां को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

मुख्यमंत्री के लिए महिला सशक्तीकरण एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में प्रगति करने के लिए सरकार समाज के हाशिए पर स्थित कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए विशेष ध्यान देने के साथ राज्य भर में कौशल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे की स्थापना कर रही है। इस विजन के साथ पैन आईआईटी और झारखंड सरकार के कल्याण विभाग संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रेझा राज्य के विभिन्न जिलों में कौशल कॉलेजों की स्थापना कर रहा है। वर्तमान में राज्य भर में छह एएनएम नर्सिंग कॉलेज और एक मैन्युफ़ैक्चरिंग-कुलिनरी आईटीआई कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। साथ ही लातेहार और जामताड़ा में 2020-21 के दौरान दो और एएनएम नर्सिंग कॉलेजों का उद्घाटन किया जाएगा।

प्लेसमेंट के बाद ऋण लौटाने का प्रबंध

औपचारिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश हासिल करने वाले छात्र भी शिक्षा ऋण का लाभ उठा सकते हैं। सरकार की मदद से इन छात्रों को बैंकों से ऋण की गारंटी मिलती है। प्रशिक्षण मॉड्यूल पूरा होने के बाद मान्यता प्राप्त नर्सों को देश भर में विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों में रखा जाता है। कौशल कॉलेज बाजार की मांग के अनुरूप भावी नर्सों को प्रशिक्षण देता है और शत प्रतिशत प्लेसमेंट सुनिश्चित करता है।

अंतर्राष्ट्रीय मानकों का मिल रही ट्रेनिंग 

कौशल कॉलेजों की स्थापना प्रशिक्षण के अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार की गई है। यहां छात्रों को कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है और छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाता है। विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करते हुए छात्रों में आत्मविश्वास जागृत करने के लिए चिकित्सा सेवा सुविधाओं से लैस प्रयोगशालाएं और लाइफ़ स्किल जैसी व्यवस्था की गई है। कौशल कॉलेज में नामांकन की प्रक्रिया को झारखंड की बेटियों के लिए सुगम बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का इस्तमाल किया जाता है। युवतियां https://app.prejha.org/registration.php पर जा कर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। इसके अलावा 6204800180 पर कॉल कर के युवतियां सीधे कौशल कॉलेज प्रतिनिधि से बात कर सकती हैं।

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