ममता बनर्जी के मंत्री भी छोड़ने लगे साथ, बैठक से नदारद रहे 4 मंत्री

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बंगाल के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नारा था 'जय हिन्द'। ममता ने उसे छोटा कर 'जॉय बांग्ला' बना दिया। मायने कि 'आमरा बंगाली बनाम बहिरागत।' इससे बढ़कर मूर्खता क्या होगी?
बंगाल के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नारा था 'जय हिन्द'। ममता ने उसे छोटा कर 'जॉय बांग्ला' बना दिया। मायने कि 'आमरा बंगाली बनाम बहिरागत।' इससे बढ़कर मूर्खता क्या होगी?
  • डी. कृष्ण राव

कोलकाता। ममता बनर्जी के मंत्री भी अब उनता साथ छोड़ने लगे हैं। कैबिनेट की कल हुई बैठक से 4 मंत्री नदारद रहे। TMC में इसे लेकर खलबली मची है। बंगाल में अप्रैल में होने जा रहे विधानसभा चुणाव के पहले ही ममता बनर्जी की सरकार अल्पमत में आती दिख रही है। कई विधायकों ने तो पहले ही साथ छोड़ दिया है, कुछ और विधायक ममता का साथ छोड़ने वालों की कतार में हैं। ममता की पार्टी TMC के अंदरखाने चर्चा है कि अगले कुछ दिनों में 70 से अधिक विधाय़क भाजपा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे विधायकों-नेताओं की पहचान के लिए TMC में माथपच्ची जारी है।

हालत यह हो गयी है कि शुभेंदु अधिकारी समेत चार विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा है कि कुछ और विधायक टूट सकते हैं। इसका संकेत कल कैबिनेट की बैठक में भी मिला, जब चार मंत्री शामिल नहीं हुए। इनमें राजीव बनर्जी, रबीन घोष, चंद्रनाथ सिन्हा और पार्टी के दबंग नेता व मंत्री गौतम देव शामिल थे। इसे लेकर पार्टी की चिंता और बढ़ गयी है।

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आशंका यह जतायी जा रही है कि लगातार टूट कर बीजेपी में शामिल हो रहे विधायकों के कारण TMC की सरकार जल्द ही अल्पमत में आ जाएगी। अगर ऐसा होता है तो राज्यपाल ममता को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं। संसदीय मामलों के जानकार बताते हैं कि ऐसी स्थिति आने पर ममता मुख्यमंत्री तो बनी रहेंगी, लेकिन उनके हाथ से अधिकार छीने जा सकते हैं। जानकार तो यह भी कहते हैं कि अल्मत की सरकार होने पर राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है। कुछ ही दिन पहले भाजपा नेता सौमित्र खां ने कहा था कि बंगाल का चुणाव ममता बनर्जी के मुख्यमत्री रहते नही होगा। कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान  का कहना है कि ऐसा होने की प्रबल संभावना है।

सूचना तो यह भी है कि तृणमूल की लगातार हो रही दुर्गति को लेकर ममता बनर्जी अपने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से खासा नाराज हैं। ममता को भी अब इस बात का एहसास होने लगा है कि बंगाल में बाहरी व्यक्ति को चुनावी रणनीति का जिम्मा सौंप कर उनसे कहीं चूक हुई है। नाराज नेताओं को मनाने के अभियान में प्रशांत किशोर लगातार लगे रहे, लेकिन किसी को पार्टी छोड़ने से रोकने में नाकाम रहे। वैसे प्रशांत ने हाल ही एक ट्वीट में दावा किया था कि बंगाल में बीजेपी दहाई अंक भी नहीं छू पाएगी। अपने इस आत्मविश्वास को पुख्ता करने के लिए उन्होंने यह तक लिख डाला कि अगर उनका अनुमान गलत हुआ तो वे ट्वीटर छोड़ देंगे।

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