मंदिर में माथा नवा कर शुभेंदु अधिकारी ने फाइल किया नॉमिनेशन

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मंदिर में माथा नवा कर शुभेंदु अधिकारी ने नोमिनेशन फाइल किया। शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम में ममता बनर्जी केे खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार हैं।
मंदिर में माथा नवा कर शुभेंदु अधिकारी ने नोमिनेशन फाइल किया। शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम में ममता बनर्जी केे खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार हैं।

कोलकाता। मंदिर में माथा नवा कर शुभेंदु अधिकारी ने नोमिनेशन फाइल किया। शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम में ममता बनर्जी केे खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार हैं। नॉमिनेशन से पहले सिंहवाहिनी मंदिर में उन्होंने पूजा-अर्चना की। सनद रहे, ममता बनर्जी ने नॉमिनेशन के पहले शिव मंदिर में जलाभिषेक और चंडीपाठ के बाद ही पर्चा दाखिल किया था। शुभेंदु अधिकारी ने जानकीनाथ मंदिर में देवयज्ञ के बाद रोड शो भी किया। नॉमिनेशन और रोड शो के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान और बाबुल सुप्रियो मौजूद थे।

ममता बनर्जी के लिए आयी एक और बुरी खबर

इधर ममता बनर्जी की चोट पर तृणमूल के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव संबंधी धाराओं के हवाले से कड़ी फटकार लगायी है। ममता के लिए एक और बुरी खबर यह आ रही है कि कोयला तस्करी में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के श्वसुर तथा साढू से भी CBI अब पूछताछ करेगी। CBI ने दोनों को समन जारी किया है। 15 मार्च को उनसे पूछताछ की तारीख दी गयी है। इससे पहले अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली से CBI पूछताछ कर चुकी है।

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जोड़ासांको में कौन होगा बीजेपी कैंडिडेट, कई रेस में

इस बीच जोड़ासांको से भाजपा संभावित उम्मीदवारों में पूर्व उपमेयर और 25 साल से पार्षद रहीं मीना पुरोहित एवं पूर्व जिलाध्यक्ष किशन झवर के नामों की जोरदार चर्चा है। हालांकि विजय ओझा, दिनेश बजाज और शिशिर बाजोरिया भी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि टिकट उन्हें मिल जाये। राहुल सिन्हा यहां से भाजपा के टिकट पर कई बार चुनाव हार चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस ने विवेक गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है।

पाला बदल में सबसे आगे निकल गये कांग्रेस के नेता

चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की गतिविधियों पर नजर रखने और समय-समय पर विश्वसनीय आंकड़े जारी करने वाली संस्था ADR ने एक चौंकाऊ रिपोर्ट जारी की है। ADR की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से 2020 तक देश भर में कांग्रेस के 170 विधायकों ने पार्टी का ‘हाथ’ छोड़ दिया। पाला बदलकर फिर से चुनावी मैदान में उतरने वाले विभिन्न दलों के 405 विधायकों में से 182 भाजपा में शामिल हुए तो 28 कांग्रेस में गये। पार्टी बदलकर राज्यसभा चुनाव फिर से लड़ने वाले 16 में से 10 भाजपा में शामिल हो गये। भाजपा के सिर्फ 18 विधायकों ने दूसरी पार्टियों का दामन थामा।

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