भीष्म नारायण सिंह के निधन पर नीतीश ने दी श्रद्धांजलि

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समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है। समरसता से मिली ताकत के कारण ही भारत जगत गुरु कहलाया और यही ताकत उसे और आगे ले जाएगी।
समरस होना ही समर्थ या सामर्थ्यवान भारत की पहचान है। समरसता से मिली ताकत के कारण ही भारत जगत गुरु कहलाया और यही ताकत उसे और आगे ले जाएगी।

नयी दिल्ली पलामू की धरती के लाल और पूर्व राज्यपाल भीष्म नारायण सिंह का दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री भीष्म नारायण सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि भीष्म नारायण सिंह के रूप में देश ने एक बड़े व्यक्तित्व को खो दिया है। भीष्म नारायण सिंह ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल एवं अविभाजित बिहार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया था। उन्होंने हमेशा संसदीय लोकतंत्र की मजबूती की बात की। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

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दिल्ली में होगा अंतिम संस्कारः उनके निधन के बाद परिजन दिल्ली रवाना हो गए हैं। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में ही उनका अंतिम संस्कार होगा। भीष्म नारायण सिंह अंतिम बार छह महीने पहले पलामू आए थे और अपने पैतृक आवास छतरपुर के उदयगढ़ पर गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने परिजनों से मुलाकात की थी और खेत-खलिहान भी देखा था।

सात राज्यों के राज्यपाल रहेः भीष्म नारायण सिंह 1985 से 1996 तक असम, मेघालय सहित सात राज्यों के राज्यपाल रहे थे। 2005 में रूस ने भीष्म नारायण सिंह को आर्डर ऑफ फ्रेंडशिप के सम्मान से भी नवाजा था। 1985 में मद्रास के गवर्नर रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को मद्रास यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बनाया था।

पहली बार 1967 में विधायक बनेः भीष्म नारायण सिंह 1967 में पहली बार हुसैनाबाद (अब झारखंड) के विधायक चुने गए और बिहार के शिक्षा मंत्री बने। 1972 में दुबारा विधायक बने और बिहार में खान मंत्री बने। 1976 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए और 1980 में इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में संसदीय कार्य मंत्री रहे, फिर 1983 में खाद्य आपूर्ति मंत्री बने।

राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन पर शोकः मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सारण जिला के मढ़ौरा प्रखण्ड के पूर्व जदयू अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद सिंह के निधन पर भी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि राजेन्द्र प्रसाद सिंह समता पार्टी की स्थापना के समय से ही गहरे रूप से जुड़े हुये थे। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है।

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