बिहार में घर-घर जाकर तलाशे जाएंगे कोरोना संक्रमित मरीज

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नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।
नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।

पटना। बिहार में घर-घर जाकर पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना संक्रमितों की स्क्रीनिंग का अभियान चलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश का यह आदेश है। 16 अप्रैल से स्क्रीनिंग अभियान आरंभ किया जायेगा। देश में इस तरह का अभियान चलाने वाला बिहार पहला राज्य है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों के संबंध में मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) के साथ गहन समीक्षा के दौरान स्क्रीनिंग के आदेश दिये।

समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमितों को चिन्हित करने के लिये पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों- सीवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाये। इन जिलों के सीमावर्ती जिलों में भी जो क्षेत्र प्रभावित है, वहां भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाये। अब तक जो कोरोना के 66 पाजिटिव केस पाये गये हैं, उन मरीजों के रहने वाले क्षेत्रों को एपीसेंटर मानते हुए उसके 3 किलोमीटर की परिधि की भी डोर टू डोर स्क्रीनिंग करायें। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और उन लोगों की स्क्रीनिंग भी ठीक से करायी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 से 23 मार्च तक राज्य में बाहर से आने वाले सभी लोगों की भी घर-घर तक स्क्रीनिंग करायी जाये। जो भी चिकित्सकीय स्टाफ जांच के लिये जाते हैं, उनकी सुविधा और सुरक्षा का ख्याल रखें। इस अभियान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर थूकना ठीक नहीं है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। इस बात के लिये लोगों को जागरूक एवं प्रेरित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को चिन्हित करने के लिये पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग अभियान 16 अप्रैल से शुरू करें। स्क्रीनिंग अभियान के लिये कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर जांच करने वाले कर्मियों को पूरी ट्रेनिंग दी जाये।

प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) ने बताया कि दो-दो लोगों की टीम बनाकर यह जांच करायी जायेगी। उसके ऊपर एक सुपरवाइजर होंगे, जो स्क्रीनिंग किये लोगों की लिस्ट बनाकर संबंधित प्रखण्ड में जमा करेंगे और प्रखण्ड स्तर पर इसकी सूची तैयार की जायेगी। जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पाये जायेंगे, उन्हें प्रखण्ड स्तर पर बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा जायेगा। स्क्रीनिंग के लिये जाने वाले कर्मियों को थ्री प्लाई मास्क, ग्लब्स दिये जायेंगे और उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा जायेगा। पूरे देश में इस तरह का अभियान चलाने वाला बिहार पहला राज्य होगा।

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि स्वास्थ्य सेवा में लगे फ्रंटलाइन वर्करों के साथ किसी प्रकार का दुव्र्यवहार न करें। ये लोग प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर देश और समाज के लिये काम कर रहे हैं। हम सभी का दायित्व है कि इन सभी का उत्साह बढ़ाते रहें। सभी को इनकी सुविधाओं एवं सुरक्षा का ध्यान रखना हेागा। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि कोरोना संक्रमण को लेकर फैल रहे अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचायें और यह सुनिश्चित करें कि सामाजिक सद्भाव बना रहे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग लाकडाउन का अनुशासन बनाये रखें एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। लोग अपने घरों में रहें और सरकार के दिये गये निर्देशों का पालन करें। लोग घबरायें नहीं, अपने घरों में सुरक्षित रहें। उन्होंने लोगों से अपील की कि जब भी कठिन समय आया है, हमलोगों ने मिल-जुलकर मुकाबला किया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस बार भी आप सबके सहयोग से कोरोना महामारी से निपटने में सक्षम होंगे।

अब तक 6 लाख से ज्यादा लाभुकों को मदद 

लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में बिहार के फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव मदद मुहैया करायी जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार फाउण्डेशन द्वारा दिल्ली सहित 12 शहरों में 48  राहत केंद्र बनाए गए हैं, जहां भोजन के साथ-साथ फूड पैकेट्स भी वितरित किये जा रहे हैं। इसमें खर्च होने वाली राशि का व्यय मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जा रहा है। बिहार फाउंडेशन के माध्यम से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम जैसे राज्यों के कई शहरों यथा मुंबई, पुणे, नागपुर, सूरत, अहमदाबाद, गोवा, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, सिक्किम तथा दिल्ली में राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं। लोगों को प्रतिदिन दोनों समय का भोजन और प्रति व्यक्ति 15 दिन के लिए राशन पैकेट भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 28 मार्च से अब तक 6 लाख 11 हजार लोगों को 48 राहत केंद्रों पर सुविधाएं उपलब्ध करायी जा चुकी हैं और उन्हें लगातार हरसंभव मदद दी जा रही है। अब तक देश भर में 39,185 लोगों को राशन पैकेट वितरित किया गया है, जिसमें दिल्ली में रहने वाले बिहार के 19,055 लोग शामिल थे। इस राशन पैकेट में 5 किलोग्राम चावल, 3 किलोग्राम आटा, 1.5 किलोग्राम दाल, 500 ग्राम सरसों तेल, 500 ग्राम नमक, 2 किलोग्राम आलू, 1 किलोग्राम प्याज, 2 किलोग्राम पोहा/ चूड़ा, हल्दी पाउडर 50 ग्राम, मिर्ची पाउडर 50 ग्राम, साबुन 1, गुड़/जैगरी 500 ग्राम शामिल है।

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