फसल की उपज घटी तो घबराएं नहीं, बिहार सरकार दे रही अनुदान

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सुशील कुमार मोदी ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। कहा- पंजाब में किसानों द्वारा ड्रग देकर बिहारी मजदूरों से अधिक काम लिया जाता है।
सुशील कुमार मोदी ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। कहा- पंजाब में किसानों द्वारा ड्रग देकर बिहारी मजदूरों से अधिक काम लिया जाता है।

उपज में कमी पर 3.44 लाख किसानों को 247 करोड़ का सहायता अनुदानः मोदी

पटना। फसल की उपज घटी है तो बिहार के लोगों को घबराने की जरूत नहीं। बिहार सरकार फसल अनुदान दे रही है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से जारी लाक डाउन के दौरान राज्य के किसानों को राहत देने के लिए प्राकृतिक आपदा से फसल की हुई क्षति की भरपाई के लिए जहां राज्य सरकार ने 578.42 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, वहीं राज्य फसल सहायता योजना के तहत 3.44 लाख किसानों को खरीफ 2019 के दौरान उपज में हुई कमी के लिए 247.06 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इसके पहले 2018 में 4.53 लाख किसानों को 368.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

श्री मोदी ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां बीमा की तरह लागू फसल सहायता योजना का लाभ पीएम किसान सम्मान, फसल क्षति अनुदान व डीजल अनुदान के अतिरिक्त रैयत और गैर रैयत दोनों श्रेणी के किसानों को दिया जा रहा है। इसके लिए उन्हें कोई प्रीमियम नहीं देना पड़ता है, जबकि पहले की फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को प्रीमियम के तौर पर अपना अंशदान देना पड़ता था।

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उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 7 साल की औसत उपज की तुलना में 1-20 प्रतिशत तक की कमी होने पर प्रति हेक्टेयर 7,500 रुपये की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए 15,000 और 20 प्रतिशत से ज्यादा की कमी की स्थिति में प्रति हेक्टेयर 10 हजार की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए 20 हजार रुपये की सहायता दी जाती है।

राहत राशि को ले राजद को कोसा

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण और लाक डाउन से उत्पन्न संकट के समय भाजपा-जदयू के सभी विधायकों ने अपना एक-एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया। राजद और कांग्रेस के  विधायकों ने राहत कोष में एक पैसा भी नहीं दिया, बल्कि विधायक निधि से 50 लाख रुपये देने का विरोध कर अपनी संवेदनहीनता उजागर की। उधर कोसी में 2008 की बाढ़ के समय रेलवे कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन देकर 38.6 करोड़ जुटाये थे। तत्कालीन रेल मंत्री के नाते नीतीश कुमार ने यह राशि बिहार के आपदा कोष में दी। राजद नेता बताएं कि कोरोना संक्रमण में मुख्यमंत्री राहत कोष में कितनी मदद की? जो लोग 2017 में सीमांचल की बाढ़ के समय गांधी मैदान में रैली कर रहे थे और 2019 की बाढ़ के समय गायब रहे, वे कोरोना संकट के समय भी बिहार से बाहर रह कर बयानबाजी कर रहे हैं।

शहीदों को नमनः जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए राष्ट्रीय रायफल्स के दो अधिकारियों सहित जिन पांच जवानों ने जीवन बलिदान किया, उसे देश कभी नहीं भूलेगा। सुशील मोदी ने उन्हें नमन करते हुए ईश्वर से इन वीरों के परिवार को दुख पर विजय पाने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

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