ट्वीटर, फेसबुक से अधिक सुरक्षित है आरोग्य सेतु ऐप, घबराएं नहीं

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ट्वीटर, फेसबुक और आरोग्य सेतु ऐप इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं। खासकर आरोग्य सेतु ऐप। विपक्ष का आरोप है कि आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने से निजता का उल्लंघन होगा।
ट्वीटर, फेसबुक और आरोग्य सेतु ऐप इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं। खासकर आरोग्य सेतु ऐप। विपक्ष का आरोप है कि आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने से निजता का उल्लंघन होगा।
संजय पाठक
संजय पाठक

ट्वीटर, फेसबुक, आरोग्य सेतु ऐप इन दिनों चर्चा में हैं। खासकर आरोग्य सेतु ऐप। विपक्ष का आरोप है कि आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने से निजता का उल्लंघन होगा। ऐसा कहने वाले यह भूल जाते हैं कि आरोग्य सेतु में निजता का उल्लंघन तो नहीं हो रहा, लेकिन जिस फेसबुक और ट्वीटर के जरिये लोग आरोग्य सेतु ऐप के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं, उनकी पहली शर्त ही गोपनीय सूचनाएं हासिल करने की छूट लेने की होती है। विस्तार से इस बारे में बता रहे संजय पाठक।

यह पोस्ट जिस ऐप (फेसबुक) से किया जा रहा है वह दुनिया के सर्वाधिक स्मार्टफोन/ फ़ीचर फोन में पाया जाने वाला ऐप है। यह आपके मोबाइल की लोकेशन, फ़ोन, मेसेज, कैमरा, माइक्रोफोन, स्टोरेज इत्यादि का अधिकार आप से लेता है और आप खुशी-खुशी दे भी देते हैं। अपनी बात, सूचना, ज्ञान या कुंठा प्रदर्शित करने के लिए दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म ट्वीटर है और यह स्मार्टफोन/ फ़ीचर फोन में पाया जाने वाला फेसबुक के बाद दूसरे नंबर का ऐप है। ट्वीटर भी आपके फ़ोन के अधिकतर फीचर्स के उपयोग का अधिकार आप से मांग लेता है, आप दे भी देते हैं- बिना किसी आपत्ति के।

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संदेश, सूचना, फोटो, फाइल इत्यादि व्यक्तिगत रूप से या समूह में साझा करने के लिए प्रयोग होने वाला वाट्सऐप सर्वाधिक लोकप्रिय स्मार्ट मेसेजिंग प्लेटफॉर्म है और कदाचित आपके फ़ोन के सर्वाधिक फीचर्स (आपके फ़ोन में स्टोर तमाम श्लील-अश्लील फ़ोटो/ वीडियो सहित) को इस्तेमाल करने का अधिकार लेने वाला भी! आपको अपनी निगरानी या निजता के हनन की कोई फिक्र नहीं होती, आपको फर्क नहीं पड़ता।

पर, आपकी निजता और आपकी स्वतंत्रता अचानक गंभीर खतरे में आ जाती है कोविड-19 की महामारी के बीच संक्रमितों, संक्रमण के खतरे के नजदीक लोगों की जानकारी व स्वयं के स्वास्थ्य का स्व-आकलन करने वाले एक ऐप से! आरोग्यसेतु ऐप आपके लोकेशन के अलावा आपके किसी भी फीचर के उपयोग का अधिकार नहीं मांगता, उसे किसी अन्य फीचर- फोन, मेसेज, कैमरा, माइक्रोफोन, स्टोरेज आदि के उपयोग की आवश्यकता भी नहीं, फिर भी आपकी निजता खतरे में पड़ जाती है। आपको अपनी निगरानी होने की आशंका सताने लगती है तो यकीन मानिए- आप बहुत ही डरे हुए हैं। भय आपके अस्तित्व का शाश्वत सत्य है और आपका इलाज हकीम लुकमान (अरे वही, जिनके पास शंका-सुबहा के अलावा  हर मर्ज का इलाज था) के पास भी नहीं है।

वैसे तो आप स्वयं  देख सकते हैं कि आपने अपने फ़ोन में किस एप को कितना अधिकार दे रखा है, पर आपकी सुविधा के लिए ऊपर संदर्भित चार ऐप्स के अधिकारों का स्क्रीनशॉट संलग्न है। आप स्वयं विचार करें कि प्रत्येक स्मार्ट फोन में अरोग्यसेतु मोबाइल ऐप की अनिवार्यता, इस ऐप से निजता हनन/ निगरानी  की आशंका/ आरोप और छद्मनाम से एक ट्वीट करने वाले हैकर द्वारा राहुल गांधी की आशंका को जायज ठहराना कितना उचित या अनुचित है।

आप खुद देख सकते हैं कि तीनों ऐप में कौन कितनी सूचनाएं आप से मांगता है। आरोग्य सेतु ऐप आप से महज लोकेशन की जानकारी मांगता है। अपना लोकेशन तो तो हम वैसे ही लोगों को बताते रहते हैं। लेकिन बाकी दो ऐप, जिन पर लोगों का सर्वाधिक भरोसा है, वे तो आप से तमाम सूचनाए मांग लेते हैं, जिनमें गोपनीयता के लिए कुछ बच ही नहीं पाता। इसलिए विरोध करने वालों को इन तकनीकी पहलुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है। विरोध तार्किक हो तो बात समझ में भी आती है।

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