झारखंड के CM हेमंत सोरेन ने राहुल के निलंबन को मंजूरी दी

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झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिला अवर निबंधक, देवघर श्री राहुल चौबे को निलंबित करने से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिला अवर निबंधक, देवघर श्री राहुल चौबे को निलंबित करने से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

रांची। झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिला अवर निबंधक, देवघर श्री राहुल चौबे को निलंबित करने से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। देवीपुर अंचल में 31 एकड़ जमीन के निबंधन में नियम-कानूनों  की अवहेलना करने  के आरोप में की यह कार्रवाई की गयी। जिला अवर निबंधक के खिलाफ तथ्यों को जान-बूझकर नजरअंदाज करने और व्यक्तिगत लाभ के लिए उक्त जमीन का निबंधन करने की उपायुक्त को शिकायत मिली थी।

राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जिला अवर निबंधक, देवघर के खिलाफ   जमीन के निबंधन से जुड़े मामलों में अनियमितता बरते जाने की शिकायतों को लेकर गठित आरोप पत्र और उनके द्वारा स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किए जाने पर उपायुक्त द्वारा अनुशंसा के आलोक में यह निर्णय लिया गया। उपायुक्त ने अपनी अनुशंसा में राहुल चौबे पर लगे आरोप को गंभीर प्रकृति का बताया था।

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क्या है राहुल चौबे पर आरोप 

देवघर जिला के देवीपुर अंचल अंतर्गत  कुल 31 एकड़ जमीन  के निबंधन में नियम-कानूनों की अवहेलना करने से  जुड़े मामले में जिला अवर निबंधक के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में देवघर के उपायुक्त द्वारा  राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसके  मुताबिक  राहुल चौबे द्वारा तथ्यों को जान-बूझकर नजरअंदाज किया गया। गलत इरादे  से एवं व्यक्तिगत लाभ के लिए उक्त जमीन का निबंधन किया गया।

समय पर नहीं दिया स्पष्टीकरण 

उक्त जमीन  के निबंधन में अनियमितता बरते जाने के आरोप को लेकर श्री चौबे से स्पष्टीकरण की मांग  की गई थी, लेकिन निर्धारित समय  में उनके द्वारा स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया गया। यह अनुशासनहीनता और  उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना मानी गयी।  उपायुक्त ने जिला अवर निबंधक राहुल चौबे को निलंबित करते हुए कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।

जमीन निबंधन मामलों की जांच 

इसके अलावा राहुल चौबे, जिला अवर निबंधक के खिलाफ  जिले के उपायुक्त को विभिन्न माध्यमों से लगातार शिकायत मिल रही है। ऐसे में उपायुक्त के द्वारा  उनके पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान जमीन निबंधन संबंधी मामलों की जांच हेतु जिला स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है।

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