चुनाव की तारीख अभी आई नहीं, पर गमा गयी बंगाल की सियासत

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बंगाल में अंतिम चरण के चुनाव में भी हिंसा नहीं थमी। सुरक्षा के व्यापक तामझाम के बावजूद बंगाल में आठवें चरण का मतदान भी शांतिपूर्ण नहीं रहा।
बंगाल में अंतिम चरण के चुनाव में भी हिंसा नहीं थमी। सुरक्षा के व्यापक तामझाम के बावजूद बंगाल में आठवें चरण का मतदान भी शांतिपूर्ण नहीं रहा।

कोलकाता। विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होने के पहले ही बंगाल की सियासत गरमा गयी है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की ओर से जोरआजमाइश शुरू हो चुकी है। तृणमूल कांग्रेस व भाजपा नेताओं के चुनाव के शो और सभाओं का दौर शुरू हो चुका है। आज सुबह मालदा के रोड शो में  भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुलाब के बदले चॉकलेट फेंक कर लोगों का अभिवादन किया। रोड शो में भारी भीड़ नजर आयी। महज 1 किलोमीटर का रोड शो समय पर शुरू तो हुआ, पर भारी भीड़ के कारण समय पर खत्म हो पाना संभव नहीं है।

रोड शो के पहले एक रैली को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा- मैंने 10 जनवरी को किसान सुरक्षा अभियान छेड़ा था। मुझे खुशी है के इस अभियान में 40000 गांवों के 3500000 किसान जुड़ गए। उन्होंने ममता पर आरोप लगाते हुए कहा- पीएम किसान सम्मान निधि को लागू करने से इनकार करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ने 7000000 किसानों से धोखा किया। उनके हक की राशि नहीं मिली।

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उन्होंने  यह भी कहा  कि दीदी अब पछता रही हैं, लेकिन अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत। उन्होंने कहा कि बंगाल में हर जगह जय श्रीराम  के नारे लग रहे हैं। ममता क्यों जय श्रीराम नारा से डरती हैं, समझ में नहीं आता। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा 2021 में बंगाल में जरूर कमल खिलेगा। उनके पूरे भाषण में अधिकतम समय किसानों के बारे में ही था। किसानों के पक्ष में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए एक लाख करोड़ रुपये दिए। इसके पहले किसी भी सरकार ने किसानों को इतना महत्व नहीं दिया।

इसके पहले नड्डा ने किसानों के साथ लंच किया। बाद में सेंटर फॉर एग्रीकल्चर गए। वहां किस तरह कंप्रेसिव खेती होती है, उसका जायजा लिया। आज सुबह जब वह मालदा पहुंचे तो वहां भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जोर शोर से उनका का स्वागत किया। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस रोड शो से यहां के 12 विधानसभ क्षेत्र के लोगों को भाजपा एड्रेस करना चाहती  है। इसके बाद नड्डा का नदिया में कार्यक्रम है। वहां से वह परिवर्तन यात्रा के रूप में रथ यात्रा शुरू करेंगे। इस रथयात्रा को लेकर प्रशासन और भाजपा में काफी तनातनी का माहौल है।

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