कोविड- 19 मामले जहां मिले हैं, उन क्षेत्रों में सीसीटीवी से निगरानी

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कोविड- 19 मामले जहां मिले हैं, उन क्षेत्रों में सीसीटीवी से निगरानी होगी। चंद्रपुरा एवं गोमिया प्रखंड में कोविड- 19 का मामला प्रकाश में आया है। उपायुक्त ने यह जानकारी दी
कोविड- 19 मामले जहां मिले हैं, उन क्षेत्रों में सीसीटीवी से निगरानी होगी। चंद्रपुरा एवं गोमिया प्रखंड में कोविड- 19 का मामला प्रकाश में आया है। उपायुक्त ने यह जानकारी दी

बोकारो। कोविड- 19 मामले जहां मिले हैं, उन क्षेत्रों में सीसीटीवी से निगरानी होगी। चंद्रपुरा एवं गोमिया प्रखंड में कोविड- 19 का मामला प्रकाश में आया है। उन क्षेत्रों में सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। सभी से घरों के अंदर सुरक्षित रहने की अपील की गई है। सभी जरूरतमंदों के बीच राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। अबतक 54 सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं, जबकि एंट्री पॉइंट पर बनाये गए चेकनाका में भी सीसीटीवी लगाया गया है। प्रभावित इलाकों की ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है। यह जानकारी उपायुक्त ने दी।

उपायुक्त ने बताया कि साड़म तथा तेलो क्षेत्र में ई-रिक्शा के माध्यम से खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जा रही है। जिला प्रशासन की टीम लगातार निगरानी कर रही है। किसी भी जरूरतमंद को भूखे नहीं रहने दिया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि अबतक भेजे गए जांच सैम्पल में कल 58 की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, सभी नेगेटिव हैं। साड़म एवं तेलो से भी नेगेटिव रिपोर्ट आयी है। बोकारो जेनरल अस्पताल की भी रिपोर्ट नेगेटिव आयी है। हम कोरोना पर विजय पाने के काफी नजदीक हैं। आमजनों से अपील है कि अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहें। लॉक डाउन का सख्ती से पालन करें। इससे कोरोना संक्रमण का लिंक पूरी तरह खत्म हो जाएगा। साड़म एवं तेलो की रिपोर्ट नेगेटिव आना उत्तम बात है।

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उन्किहोंने बताया कि किसानों द्वारा पैक्स को बेचे गए धान की राशि उनके खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी। विस्थापित क्षेत्र में दाल भात केंद्र तथा चलंत वाहन से खाद्य सामग्री/ भोजन की आपूर्ति की जा रही है। उपायुक्त ने भरोसा दिलाया कि बोकारो जिला अंतर्गत कहीं भी पेयजल की समस्या नही होने दी जाएगी। पुराने चापाकलों की मरम्मत की जा रही है। मरम्मत के लिए राशि की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए कुछ दुकानों को एक दिन के लिए खुलवाया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए जरूरी किताब खरीद कर पढ़ाई कर सकेंगे विद्यार्थी। पुस्तकों की होम डिलीवरी भी करायी जाएगी, ताकि विद्यार्थी अपने बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर रहें।

लॉक डाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के श्रमिकों को सभी प्रकार का सहयोग दिया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में कोई भी भूखा नही रहेगा। लॉक डाउन के कारण श्रमिकों के बीच जीवन यापन करने के लिए राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। उपायुक्त ने गणमान्य जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि जो भी श्रमिक फंसे हैं उनकी सूची उपलब्ध कराया जाय, हालांकि जिला नियंत्रण कक्ष में प्राप्त सूचना एवं सोशल मीडिया से प्राप्त आंकड़े के आधार पर भी प्रशासन द्वारा सूची तैयार की गई है जिसका जांच किया जा रहा है कि कहीं दो बार नाम दर्ज नही हुआ। सभी को उनके खाते में राशि हस्तांतरित की जाएगी।

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